शिक्षामित्रों को फिर बनाया जाए शिक्षक, बड़े आंदोलन करने की तैयारी में शिक्षामित्र
लखनऊ: उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने मांग की है कि सरकार शिक्षक नियमावली में संशोधन करके शिक्षामित्रों को फिर शिक्षक के पद पर समायोजित करे। इससे 21 वर्ष से प्राथमिक स्कूलों में सेवा दे रहे शिक्षामित्र व उनका परिवार सम्मान के साथ गुजारा कर सकेगा।
दारुलशफा में हुई कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि 10 हजार रुपये के मानदेय में परिवार का भरण पोषण संभव नहीं है । कोविड काल में सरकार के नियमों का पालन करते हुए शिक्षामित्रों ने लाखों पत्रों व सोशल मीडिया संदेशों के जरिए सरकार तक बात पहुंचाई लेकिन जिम्मेदार को तैयार नहीं है।
इसलिए अब 21 से 30 जून तक पूरे प्रदेश में शिक्षामित्र मंत्री, सांसद, विधायक व बीजेपी जिला अध्यक्षों को मांगपत्र सौंप वादा याद दिलाएंगे। 31 जुलाई तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो शिक्षामित्र सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।
बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मिकांत द्विवेदी, हृदेश दुबे, महामंत्री धर्मेंद्र कुमार, प्रदेश कोषाध्यक्ष संदीप दत्त ने मांग की कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी में जान गंवाने वाले शिक्षामित्रों के परिवारों को जल्द ही अनुग्रह राशि व नौकरी दी जाए
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