सामूहिक जीवन बीमा का लाभ न मिलने पर रोष, ट्विटर पर अभियान के बाद उठ रहे सवाल
वेतन से सामूहिक जीवन बीमा के लिए धनराशि की कटौती के बावजूद लाभ न मिलने पर शिक्षकों ने सोमवार को ट्विटर पर अभियान चलाया। परिषदीय प्राथमिक स्कूल के अध्यापकों के वेतन से हर महीने 87, एलटी ग्रेड शिक्षकों के वेतन से 174 और इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के वेतन से 384 रुपये हर माह की कटौती सामूहिक जीवन बीमा के नाम पर की जाती है।
मृत्यु की स्थिति में शिक्षकों को दो लाख और प्रधानाचार्य को चार लाख रुपये का लाभ मिलता है। अन्यथा की स्थिति में रिटायरमेंट पर शिक्षकों को प्रीमियम के रूप में जमा राशि का अधिकतम 40 हजार रुपये मिलता है। लेकिन एक अप्रैल 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों को सामूहिक जीवन बीमा का लाभ नहीं मिलता।
भारतीय जीवन बीमा निगम की इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी ने एक अप्रैल 2014 के बाद से ग्रुप सेविंग स्कीम बंद कर दी है। शिक्षकों का कहना है कि जब लाभ ही नहीं मिलना है तो हर महीने की कटौती सामूहिक जीवन बीमा के लिए क्यों की जा रही है।
यह प्रकरण शासन में 'विचाराधीन है। एलआईसी अफसरों से भी वार्ता चल रही है। जल्द ही कोई समाधान निकलने की उम्मीद है। - रवीन्द्र कुमार, वित्त नियंत्रक
सामूहिक बीमा योजना लागू कराने को परिषदीय शिक्षकों ने उठाई ट्विटर के जरिये आवाज
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने सामूहिक बीमा योजना लागू कराने के लिए आवाज उठाई है। मांग की है कि राज्य कर्मचारियों की तरह निश्शुल्क चिकित्सा सुविधा दी जाए। इसके लिए ट्विटर पर #सामूहिक_बीमा_लागू_हो और #basic_need_for_basic_teachers हैशटैग के जरिये अभियान शुरू किया गया है।
वर्ष 2014 के बाद बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती हुई है। कई शिक्षक बीमारी व दुर्घटना का शिकार होकर दिवंगत हो चुके हैं, लेकिन उनके परिवार या आश्रितों को किसी प्रकार की बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ है।
नए शिक्षकों का आज तक विभाग द्वारा कोई बीमा कवर नहीं किया गया है जबकि उनकी सामूहिक बीमा कटौती लगातार हो रही है। ट्विटर के माध्यम से संगठन की मांग है कि वर्ष 2014 के बाद नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को सामूहिक बीमा का लाभ मिले और पूर्व में लागू सामूहिक बीमा की रिस्क कवर को बढ़ाकर न्यूनतम 50 लाख रुपये किया जाए।
प्रदेश के सभी शिक्षकों का जीआइएस के रूप में 87 रुपये कट रहा है लेकिन इसका लाभ नहीं मिल रहा। पूर्व में इस कटौती से एक लाख तक का बीमा कवर होता था। बाद में एलआइसी की तरफ से 31 अप्रैल 2014 के बाद के नियुक्त शिक्षकों को बीमा कवर का लाभ न देने का पत्र जारी किया गया। बावजूद इसके विभाग की ओर से 87 रुपये की कटौती जारी है।
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