69000 भर्ती में रिक्त पद भरने के लिए तीसरे चरण की घोषणा, 68500 शिक्षक भर्ती के 103 अभ्यर्थियों की सुध अब तक नहीं
69000 भर्ती के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग से 68500 भर्ती के चयनित परेशान
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग इसी माह होने जा रही है। ये कार्यक्रम घोषित होने से 68500 भर्ती के वे अभ्यर्थी परेशान हैं, जो पुनमरूल्यांकन में उत्तीर्ण घोषित हो चुके हैं। हालत यह है कि अब तक कई अवमानना याचिकाएं भी हाई कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं, अब उनकी सुनवाई होने की उम्मीद है।
परिषदीय स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक के सापेक्ष 41556 भर्ती लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे। उसके बाद पुनमरूल्यांकन में करीब 4600 अभ्यर्थी सफल हुए तो उन्हें भी नियुक्ति दी गई। कोर्ट में मूल्यांकन को चुनौती देने की मुहिम शुरू हो गई। इसके बाद कोर्ट ने जनवरी, 2020 में 36 अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया। सितंबर, 2020 में 103 अभ्यर्थी पुनमरूल्यांकन में उत्तीर्ण करार दिए गए। वे तब से नियुक्ति पाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। उन्हें उम्मीद थी कि दूसरी लहर थमने पर सबसे पहले उनकी नियुक्ति होगी लेकिन, शासन ने 69000 भर्ती में रिक्त छह हजार पदों के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग कराने का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। काउंसिलिंग 28 व 29 जून को हो रही है, जबकि नियुक्ति पत्र 30 जून को दिया जाएगा।
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सितंबर, 2020 को हाईकोर्ट के आदेश के बाद देख रहे राह
शिक्षक भर्ती के पुनमरूल्यांकन में हुए थे उत्तीर्ण
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा विभाग 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में रिक्त पद भरने के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग कराने की तैयारी में है। वहीं, इसके पहले हुई 68,500 शिक्षक भर्ती के उन अभ्यर्थियों की सुधि नहीं ली जा रही, जो पुनमरूल्यांकन में उत्तीर्ण हो चुके हैं। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र देने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक नौ माह बीत चुके हैं। अभ्यर्थी परिषद मुख्यालय से लेकर बेसिक शिक्षा के अफसरों का चक्कर काट रहे हैं।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के लिए 2018 में 68500 भर्ती की लिखित परीक्षा कराई गई थी। उस समय परीक्षा उत्तीर्ण करने व दोबारा मूल्यांकन में उत्तीर्ण होने वालों को नियुक्ति दी जा चुकी है, लेकिन पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण 103 उत्तीर्ण अभ्यर्थी अब तक राह देख रहे हैं। इस बाबत नरेंद्र कुमार चतुर्वेदी बनाम अन्य के संबंध में हाईकोर्ट से 18 सितंबर 2020 को आदेश हुआ। इसमें कहा गया था रिजल्ट देने के चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र दिया जाना चाहिए। सरकार ने इसमें हलफनामा भी दिया था कि एक बार फिर से उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराने के बाद परिणाम के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी।
अभ्यर्थियों का दावा है कि इस मामले में शीर्ष कोर्ट तक गुहार लगाई गई और सुप्रीम कोर्ट राधा देवी कीयाचिका में आए निर्णय की रिव्यू याचिका भी खारिज कर चुका है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लगातार साथियों से जूनियर होते जा रहे हैं। अभ्यर्थी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से नियुक्ति के लिए मुहिम भी चला रहे हैं।
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