विडंबना : देश के तीन लाख स्कूलों में बिजली तक नहीं, यूडीआईएससी रिपोर्ट में किया गया दावा, 15 लाख में से 3.36 लाख स्कूलों में ही है इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध
नई दिल्ली : स्कूल शिक्षा में लड़कियों का प्रवेश बढ़ रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए जारी यूडीआईएससी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार देश में प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक में प्रवेश लेने वालों की संख्या बढ़ी है। लेकिन कई चिंताजनक तथ्य भी साफ नजर आते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 15 लाख स्कूलों में से 80 फीसदी में ही बिजली का इस्तेमाल हो रहा है यानी करीब तीन लाख स्कूलों में बिजली नहीं है। जबकि सरकार का दावा है कि हर गांव में बिजली पहुंचा दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 83 फीसदी स्कूलों में बिजली है, जिनमें से 80 फीसदी में फंक्शनल है । इसी प्रकार सिर्फ 3.36 लाख स्कूलों में ही अभी तक इंटरनेट कनेक्शन हैं। रिपोर्ट के अनुसार यदि 2012-13 के आंकड़ों से तुलना करें तो स्कूल शिक्षा में लैंगिक असमानता के गैप में काफी सुधार हो हुआ है।
26.45 करोड़ बच्चे
रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 26.45 करोड़ थी। इसमें प्री प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक शामिल है। एक ( साल में इसमें 42.3 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
प्रवेश दर बढ़ी
रिपोर्ट के अनुसार अपर प्राइमरी में सकल प्रवेश दर (जीईआर) 87.7 फीसदी से बढ़कर 89.7 फीसदी हुई है। एलिमेंटरी लेवल पर यह 961 से 97.8 तथा हायर सेकेंडरी लेवल पर 50.1 से 51.4 फीसदी हुई है। यदि 2012 23 के आंकड़ों से तुलना करें तो सेकेंडरी में जीईआर 10 फीसदी बढ़ी है जो 68.7 फीसदी से बढ़कर अब 78 फीसदी हो चुकी है। हायर सकेंडरी में यह 11 फीसदी बढ़ी है।
शिक्षक छात्र अनुपात में सुधार
वर्ष 2019-20 के लिए जारी यूडीआईएससी रिपोर्ट के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात में सुधार हुआ है। प्राइमरी में यह 265, अपर प्राइमरी एवं सेकेंडरी में 18.5 तथा हायर सेकेंडरी में 26.1 दर्ज किया गया है। 2012 13 की तुलना में इसमें काफी सुधार हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार कुल 96.87 लाख शिक्षक स्कूल शिक्षा कार्य में जुड़े थे। एक साल पहले की तुलना में यह संख्या 2.57 लाख ज्यादा है।
No comments:
Write comments