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Friday, July 9, 2021

नई शिक्षा नीति ही होगी नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की परीक्षा, दो सालों में नीति के अहम बिंदुओं को लागू करने का है लक्ष्य

नई शिक्षा नीति ही होगी नए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की परीक्षा, दो सालों में नीति के अहम बिंदुओं को लागू करने का है लक्ष्य


नई दिल्ली : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये भले ही देश को फिर से विश्व गुरु बनाने का सपना देखा गया है, लेकिन असल चुनौती इसके अमल को लेकर है। ऐसे में शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले नए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सामने इसके तय समय में अमल की एक बड़ी चुनौती होगी।


कोरोना संकट के चलते वैसे भी इसके अमल में कुछ सुस्ती आई है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद पहली बैठक में ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीति को लेकर तेजी से आगे बढ़ने के संकेत दिए हैं। साथ ही कहा कि देश ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये
भविष्य के भारत को गढ़ने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है।

फिलहाल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की राह में जो बड़ी चुनौती है, उनमें इसे तय समय पर लागू करने के साथ राज्यों के साथ तालमेल के साथ आगे बढ़ना भी है। यह इसलिए भी है, क्योंकि शिक्षा जैसा विषय समवर्ती सूची में है जिसमें राज्यों की भूमिका ज्यादा है। ऐसे में राज्यों को भी साथ लेकर चलना जरूरी होगा। वैसे भी देश के कई राज्यों में जिस तरह से अलग-अलग दलों की सरकारें है, उनमें यह चुनौती अहम हो जाती है । फिलहाल नीति के अमल को लेकर जो लक्ष्य तय किया गया है, उसमें 2024 तक नीति को पूरी तरह से लागू करना है। इनमें भी अगले दो सालों में इसके 70 फीसद लक्ष्यों को पूरा करना है। जो अन्य तात्कालिक चुनौती है, उनमें सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को समय पर घोषित करने और जेईई मेन- नीट जैसी परीक्षाओं सहित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा को कराने की है। इस पर देश के लाखों छात्र टकटकी लगाए हैं।

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