सभी मंडल मुख्यालयों में सैनिक स्कूल खुलेंगे : सीएम योगी
गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान कि प्रदेश के सभी 18 मण्डल मुख्यालयों पर जल्द सैनिक स्कूल खुलेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने आम बजट में 100 सैनिक स्कूल खोलने का प्रस्ताव रखा है। उसी के मद्देनजर मंडल मुख्यालयों पर सैनिक स्कूल खोलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
वह शुक्रवार को गोरखपुर के खाद कारखाना परिसर में सूबे के पांचवें सैनिक स्कूल का शिलान्यास करने के बाद जनसभा संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में बनने जा रहा सैनिक स्कूल पूर्वी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को सैन्य प्रशिक्षण के साथ योग्यतम शिक्षा देने का भी प्रयास है। इसमें अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहला सैनिक स्कूल 1960 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ संपूर्णानंद ने स्थापित किया था। कारगिल विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन मनोज पांडेय ने भी इसी सैनिक स्कूल से शिक्षण प्रशिक्षण पाया था। 2017 में भाजपा की सरकार यूपी में आई तो लखनऊ सैनिक स्कूल का नामकरण शहीद कैप्टन मनोज पांडेय की शहादत का सम्मान करते हुए उनके नाम पर किया गया। उनके साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा एवं अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
सभी 75 जिलों में होंगे मेडिकल कॉलेज
सीएम योगी ने कहा कि कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में एकमात्र मेडिकल कॉलेज बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही था। सरकार ने देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर में भी मेडिकल कॉलेज की सौगात दी है। जो जिले रह गए हैं, वहां हम पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे हैं। प्रदेश सरकार के पांच साल पूरा होते होते प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज होंगे। सीएम ने कहा कि गोरखपुर एम्स के शुभारंभ अक्तूबर में पीएम मोदी के हाथों कराया जाएगा।
साढ़े चार साल में 4.50 लाख युवाओं को मिली नौकरी
योगी ने कहा कि उनके साढ़े चार सालों में 4.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। किसी से एक भी पैसा नहीं लिया गया। आज नौकरी निकलती है तो योग्यता के आधार पर मिलती है, न कि सिफारिश और रिश्वत। अकेले 1.20 लाख से अधिक युवाओं को बेसिक शिक्षा विभाग में ही नियुक्ति मिली है। उच्चशिक्षा एवं मेडिकल शिक्षा को जोड़े तो यह आंकड़ा 1.50 लाख रुपये के करीब बैठेगा। एक लाख से अधिक युवा पुलिस में भर्ती किए गए हैं।
पिछली सरकारों में भर्ती निकलने के साथ शुरू हो जाता था भ्रष्टाचार
सीएम ने कहा कि पिछली सरकारें वंशवाद एवं जातिवाद ने नाम पर सामाजिक ताने-बाने को छिन्न भिन्न करती थीं। नौकरी निकलती थी तो भ्रष्टाचार उनके साथ साथ चलने लगता था। अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए उद्योग धंधों को बंद करते थे। चीनी मिलों को बेचते थे। विकास के नाम पर आने वाले पैसों का बंदरबाट करते थे। विकास दिखाई नहीं देता था। पैसा आता था और गायब हो जाता था।
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