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Wednesday, July 14, 2021

पत्रावली की जांच से खुलेगा अनियमितताओं का राज, कनिष्ठ शिक्षकों की नियम विरुद्ध पदोन्नति का मामला

पत्रावली की जांच से खुलेगा अनियमितताओं का राज, कनिष्ठ शिक्षकों की नियम विरुद्ध पदोन्नति का मामला


● पत्रावली की जांच से खुलेगा अनियमितताओं का राज

● बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियम विरुद्ध पदोन्नति का मामला


शामली। बेसिक शिक्षा विभाग शामली में तीन साल पहले नियम विरुद्ध  23 कनिष्ठ शिक्षकों की पदोन्नति में वित्तीय अनियमितताओं का राज पत्रावलियों से खुल सकेगा। शासन के निर्देश पर प्रकरण की जांच कर रही सहारनपुर मंडल के जेठी माध्यमिक व एडी बेसिक को संयुक्त कमेटी ने सोमवार को सुनवाई की तारीख निर्धारित की हुई है, जिसमें बीएसए शामली को संबंधित शिक्षकों की पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा गया है।


वर्ष 2018 में बेसिक शिक्षा विभाग में कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत के चलते 23 कनिष्ठ शिक्षकों को पदोन्नति देकर वरिष्ठ बनाने की शिकायत बनत निवासी अनुज राणा ने शासन से की थी। शासन स्तर से इस प्रकरण की जांच को सहारनपुर मंडल के संयुक्त निर्देशक माध्यमिक आरपी सिंह और अपर निदेशक बेसिक योगराज सिंह द्वारा संयुक्त रूप से जांच की जा रही है। 


पिछले सप्ताह पांच जुलाई को जांच कमेटी ने बीएसए शामली गीता वर्मा और शिकायतकर्ता अनुज राणा को मंडल कार्यालय में बुलाकर प्रकरण की जानकारी ली थी। बीएसए ने बताया था कि यह प्रकरण उनसे पहले का है। इसके बाद जांच कमेटी ने सुनवाई के लिए 12 जुलाई को तारीख तय करते हुए बीएसए से संबंधित सभी शिक्षकों की पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा था।


सोमवार को इस प्रकरण को सुनवाई होगी, जिसमें पत्रावली की अहम भूमिका रहेगी। सूत्रों का कहना है कि पत्रावली से ही वित्त
अनियमितताओं और नियम विरुद्ध पदोन्नति का खुलासा हो सकेगा। पत्रावली से ही पता चल सकेगा कि कनिष्ठ शिक्षकों की पदोन्नति किस आधार पर की गई थी।


तीन साल पहले भी हुई थी जांच

शामली। शिक्षकों की पदोन्नति में गड़बड़ी की शिकायत वर्ष 2018 में भी तत्कालीन डीएम इंद्र विक्रम सिंह से की गई थी। उन्होंने वरिष्ठ कोषाधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर प्रकरण की जांच सौंपी थी। वरिष्ठ कोषाधिकारी ने उस समय डीएम को सौंपी रिपोर्ट में बताया था कि बीएसए कार्यालय के अधिकारी कर्मचारियों से पदोन्नति संबंधी शासनादेश और अन्य दस्तावेज मांगे गए थे, लेकिन दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए थे, जिसमें उन्होंने बीएसए कार्यालय से पत्राव किए जाने का अंदेशा जताते हुए प्रोन्नति देने में गड़बड़ी की आशंका जताई थी।

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