फतेहपुर : पोर्टल पर फीडिंग बनी बवाल ए जान, हेडमास्टर होते हैरान, संसाधनों के बिना ही हेडमास्टर करा रहे पोर्टल पर फीडिंग
डीबीटी माड्यूल पर हो रही है स्कूली बच्चों की फीडिंग
फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के रवैया हेडमास्टरों की टेंशन बढ़ा दी है। डाटा, टैबलेट या अन्य गैजेट दिए बिना ही प्रेरणा पोर्टल पर सारे काम कराए जा रहे हैं। जिसे लेकर शिक्षकों ने अंदरखाने विरोध शुरू कर दिया है। प्राशिसं पर दबाव बनाया जा रहा है। कि फीडिंग, ट्रेनिंग समेत अन्य सभी विभागीय कार्य डिजीटल होने के कारण अब हेडमास्टरों को डाटा व इलेक्ट्रानिक गैजेट मुहैया कराए जाएं।
कोरोनाकाल में पूरी तरह डिजिटाइज्ड हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने हेडमास्टरों को संसाधन दिए बिना ही उनके निजी संसाधनों से काम कराए हैं। स्कूल बंद होने के कारण हेड व अन्य शिक्षकों ने शुरूआती दौर में स्वेच्छा से काम भी किया लेकिन अब नित बढ़ते दबाव से वे उकताने लगे हैं। छात्रों के वेरिफिकेशन से लेकर अभिभावकों के खातों की फीडिंग का कार्य प्राथमिकता पर किया जा रहा है।
दो साल बाद भी नहीं दिए टेबलेट
विभाग ने करीब दो साल पहले हेडमास्टरों को टेबलेट देने के लिए प्रक्रिया जोर शोर से शुरू की थी लेकिन समय बीतने के साथ ही इसका शोर शांत हो गया। अब हेडमास्टरों पर खुद के खर्चे से विभागीय कार्य कराने का दबाव बनाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि कुछ ब्लॉकों में पोर्टल पर कार्य पूरा न होने के कारण हेडमास्टरों का वेतन भी रोक दिया गया है।
गलती अभिभावकों की, भुगतें शिक्षक
ऐसे हजारों आधार कार्ड हैं जिनमें अभिभावकों ने जागरूकता के अभाव व अशिक्षा के चलते अपने बच्चे के नाम, पता व जन्मतिथि का गलत अंकन कराया है। स्कूलों के रिकार्ड आधार कार्ड से मेल न खाने के कारण शिक्षकों को बेहद परेशानी हो रही है । इस स्थिति में या तो हेडमास्टर अपने रिकार्ड में संशोधन करें।
शिक्षकों से उनके ही मोबाइल, लैपटॉप व डाटा से काम कराया जा रहा है। जो हेडमास्टर स्मार्टफोन नहीं चला पाते हैं, वह अपने पैसे से कैफे जाकर काम करा रहे हैं। संघ जल्द ही इस बारे में अधिकारियों से बात करेगा।
- विजय त्रिपाठी, जिला मंत्री प्राशिसं
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