विश्वविद्यालयों को कोरोना के बाद भी आनलाइन पढ़ाने की अनुमति, यूजीसी शुरू करने जा रहा 123 आनलाइन कोर्स
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के विभिन्न केंद्रीय और अन्य विश्वविद्यालयों के लिए ज्यादा लचीले नियम बनाए हैं। इनके तहत नियमित विश्वविद्यालयों को कोरोना महामारी के बाद भी आनलाइन कोर्स चलाने और अन्य महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को दूरस्थ शिक्षा के जरिये संचालित करने की अनुमति होगी।
◆ नियमित विश्वविद्यालयों को कोरोना महामारी के बाद भी आनलाइन कोर्स चलाने की अनुमति
नई दिल्ली । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के विभिन्न केंद्रीय और अन्य विश्वविद्यालयों के लिए ज्यादा लचीले नियम बनाए हैं। इनके तहत नियमित विश्वविद्यालयों को कोरोना महामारी के बाद भी आनलाइन कोर्स चलाने और अन्य महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को दूरस्थ शिक्षा के जरिये संचालित करने की अनुमति होगी। जीसी ने 123 विभिन्न आनलाइन पाठ्यक्रमों को शुरू करने का फैसला किया है। इनमें से 40 पाठ्यक्रम स्नातकोत्तर छात्रों और 83 स्नातक छात्रों के लिए होंगे। देशभर के छात्र इन पाठ्यक्रमों को कर सकेंगे।
ऐसे करना होगा आवेदन
इसके लिए उन्हें आनलाइन प्लेटफार्म 'स्वयं' या 'स्टडी वेब्स आफ एक्टिव लर्निग फार यंग एस्पाइरिंग माइंड्स' के जरिये आवेदन करना होगा। इन पाठ्यक्रमों का पूरा विवरण और पात्रता की जानकारी छात्र यूजीसी की वेबसाइट से हासिल कर सकते हैं।
कई कदम उठाए
यूजीसी के चेयरमैन डीपी सिंह ने कहा कि डिजिटल प्लेटफार्म पर पाठ्यक्रमों को उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने 'स्वयं', 'स्वयं प्रभा', नेशनल एकेडेमिक डिपाजिटरी (एनएडी) और अन्य डिजिटल प्लेटफार्मो का जिक्र किया। सिंह ने कहा कि यूजीसी की पहल के तहत शिक्षार्थियों को आनलाइन शिक्षा की मुख्यधारा में लाया गया है।
आनलाइन पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं भी होंगी
यूजीसी के मुताबिक, 'स्वयं' के आनलाइन पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं भी कराई जाएंगी। विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन परीक्षाओं के आयोजन की प्रक्रिया अगस्त के आखिर तक शुरू हो। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) देश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर इन परीक्षाओं का आयोजन करेगी जो जनवरी-अप्रैल, 2021 सेमेस्टर के विभिन्न गैर-तकनीकी स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षाओं का आयोजन करेगी।
विश्वविद्यालयों और कालेजों को नोटिस
'स्वयं' के जरिये परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों को नोटिस भी भेजा है। 'स्वयं' देशभर के सभी छात्रों, काम कर रहे पेशेवरों, जीवनभर पढ़ने के इच्छुक लोगों और अन्य लोगों को गैर-तकनीकी परास्नातक एवं स्नातक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। इसके अलावा यूजीसी क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देगा। तकनीकी पाठ्यक्रमों को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में अनुमति देकर वह भाषाई बाधा को खत्म करेगा, इस दिशा में उसने कई कदम उठाए भी हैं।
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