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Sunday, August 15, 2021

यूपी : अब सरकारी स्कूल कक्षा 6 से बच्चों को करेंगे डिजिटल साक्षर, सत्र 2022-23 से बदलेगा पाठ्यक्रम

यूपी : अब सरकारी स्कूल कक्षा 6 से बच्चों को करेंगे डिजिटल साक्षर, सत्र 2022-23 से बदलेगा पाठ्यक्रम

सरकारी स्कूल ई-मेल करने से लेकर सी लैंग्वेज, जावा स्क्रिप्ट, एचटीएमल भी सिखाएंगे


यूपी में अब छठीं कक्षा से ही बच्चों को कोडिंग यानी कम्प्यूटर की भाषा सिखाई जाएगी। विद्यार्थियों को ई-मेल करना, फाइल बनाना, इंटरनेट के जरिये सूचना प्राप्त करना, पाठ्यक्रम से जुड़ी सामग्री को इंटरनेट से डाउनलोड करना सहित अन्य कार्य सिखाए जाएंगे। इसके लिए पाठ्यक्रम में सत्र 2022-23 से डिजिटल लिट्रेसी (डिजिटल साक्षरता) को शामिल किया जाएगा।


माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2022 के तहत यह योजना तैयार की है। इसके तहत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 6 से कोडिंग (कम्प्यूटर की भाषा) को लागू उसे कक्षा 8 तक विस्तार दिया जाएगा। बच्चों को सी लैंग्वेज, सी प्लस प्लस, जावा स्क्रिप्ट, एचटीएमएल, सीेएसएस और पीएचपी सहित कोडिंग की अन्य भाषाओं का अध्ययन कराया जाएगा। कोडिंग के जरिये आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बौद्धिकता) सहित अन्य भाषा सीखी जा सकेगी।


हर स्कूल की अपनी वेबसाइट व डिजिटल क्लासरूम
माध्यमिक शिक्षा में तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए हर स्कूल की अपनी वेबसाइट होगी। सभी विद्यालयों में डिजिटल क्लासरूम व वर्चुअल लैब की व्यवस्था की जाएगी। सभी विद्यालयों में कम से कम एक कम्प्यूटर शिक्षक की नियुक्ति होगी। विद्यालय से जुड़े डाटा का हर स्तर पर प्रबंधन किया जाएगा।


प्रतिभावान विद्यार्थियों को ओलंपियाड के लिए करेंगे तैयार
माध्यमिक शिक्षा विभाग की डिजिटल लिट्रेसी योजना के तहत प्रतिभावान विद्यार्थियों को बिहार के सुपर-30 की तरह नीट और जेईई की तैयारी के लिए विशेष तकनीकी सहयोग दिया जाएगा। साथ ही विभिन्न विषयों के बच्चों को ओलंपियाड में भाग लेने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जाएगा। कक्षा-11 व 12 के विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी रीडिंग प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा। स्कूली शिक्षा में प्रत्येक स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ा जाएगा। 


इसके लिए 2021-22 में सर्वे और ट्रेड का निर्धारण किया जाएगा। 2022-23 से कक्षा 9 व 11 में दस दिन का इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। 2022-23 से व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालयों में चार व्यावसायिक ट्रेडों का विकल्प दिया जाएगा। इसमें एक ट्रेड के प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओडीओपी) से संबंधित ट्रेड का भी होगा।

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