माध्यमिक : शैक्षिक कैलेंडर जारी नहीं और खुलेंगे स्कूल, काली पट्टी बांधकर पढ़ाएंगे शिक्षक
साढ़े आठ घंटे पढ़ाने का एडेड स्कूलों ने किया विरोध, काली पट्टी बांधकर जताएंगे विरोध
लखनऊ। एडेड स्कूलों के शिक्षकों ने स्कूल खुलने से पहले दो शिफ्ट में आठ घंटे ऑफलाइन पढ़ाने का विरोध शुरू कर दिया है। शिक्षक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने कहा कि 16 अगस्त से काली पट्टी बांधकर ऑफलाइन पढ़ाएंगे और अंत में सामूहिक रूप से विरोध दर्ज कराएंगे।
बता दें कि शासन ने 16 अगस्त से दो शिफ्टों में सुबह 8:00 बजे से 12 तक दोपहर 12:30 बजे से 4:30 बजे तक ऑफलाइन पढ़ाई की स्वीकृति प्रदान की है। संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि यह शिक्षा संहिता की धारा 86 (1) और 87 का उल्लंघन है, जबकि विद्यालय का समय एक अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह 7:30 से 12:30 तक और एक अक्तूबर से 31 मार्च तक सुबह 8:50 से 2:50 बजे तक निर्धारित है।
उन्होंने बताया कि शिक्षकों के आधे से अधिक पद रिक्त हैं और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की संख्या नगण्य है। ऐसी स्थिति में स्कूलों को रोजाना साढ़े आठ घंटे संचालित करना बेहद कठिन है। उन्होंने बताया कि संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर, महामंत्री इंद्रासन सिंह और कोषाध्यक्ष सुभाष चंद्र शर्मा ने पत्र जारी कर नए समय का विरोध करने का निर्णय लिया है।
संगठन ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा से मांग की है कि शिक्षण कार्य के लिए निर्धारित समयावधि पर दोबारा विचार किया जाए। शिक्षा संहिता के अनुरूप पठन-पाठन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।
लखनऊ : प्रदेश के माध्यमिक स्कूल सोमवार से खुलने जा रहे हैं। कोविड-19 के तहत कालेजों को खोलने की गाइडलाइन जारी की जा चुकी है, लेकिन अब तक माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध स्कूलों का शैक्षिक कैलेंडर जारी नहीं हो पाया है। यह तब है, जबकि जुलाई माह में ही अनुमानित कैलेंडर जारी करके विभाग ने संयुक्त मंडलीय शिक्षा निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षकों से सुझाव मांगे थे, ताकि उसी के अनुरूप बदलाव किया जा सके।
काली पट्टी बांधकर पढ़ाएंगे शिक्षक : माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई का आगाज शिक्षकों के कड़े विरोध के बीच होगा। शासन ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दो पालियों में स्कूल संचालित करने का आदेश दिया है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें सुबह आठ से शाम साढ़े चार बजे तक ड्यूटी करनी होगी, जो शिक्षा संहिता के नियमों का उल्लंघन है। सरकार इस पर पुनर्विचार करे।
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