हाईटेक होंगे मदरसे, धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों की भी होगी पढ़ाई
मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों की भी पढ़ाई होगी। आधुनिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए जल्द ही नयी कार्ययोजना लागू होगी। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ अंग्रेजी, साइंस, गणित के अलावा कम्प्यूटर साइंस, सोशल साइंस, इतिहास, मनोविज्ञान, हिन्दी आदि आधुनिक विषयों की शिक्षा को प्रोत्साहित किये जाने की योजना है।
केन्द्र सरकार की मदरसा आधुनिक शिक्षा योजना इस साल केन्द्रीय मानव संसाधान विकास मंत्रालय से हटाकर केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के पास आ गयी है। इस बारे में इसी महीने दस अगस्त को जारी होगी। कार्ययोजना के बारे में यूपी समेत कई राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं। रशीद ने दो दिन पहले लखनऊ में मुलाकात की थी, साथ ही उ.प्र.अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव न्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह राष्ष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग लखनऊ आएगा और यहां मुख्य सचिव तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों के साथ योजनाओं की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि इस नयी कार्य योजना में आधुनिक शिक्षा मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति मदरसों के प्रबंधक नहीं करेंगे बल्कि राज्य सरकार का अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ही करे और वही इन शिक्षकों के मानदेय का भुगतान करे।
शिक्षकों को अन्य शिक्षा बोर्ड की ही तरह वेतन
उ.प्र. में 7, 742 से अधिक आधुनिक शिक्षा योजना के मदरसे हैं। इनमें करीब 21 हजार 216 शिक्षक हैं। यह मदरसे उ.प्र.मदरसा शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं मगर इन्हें अनुदान नहीं मिलता। प्रदेश सरकार से अनुदान प्राप्त मदरसों की संख्या 560 है। इनके शिक्षकों को अन्य शिक्षा बोर्ड की ही तरह वेतन मिलता है।
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