तबादला नीति के खिलाफ स्थानांतरण पर रोक, सरकार से जवाब तलब
याची का कहना है कि उसका तबादला, नीति के खिलाफ स्थितियों पर विचार किए बगैर किया गया है।उसके दो बच्चे विकलांग है और वह 30 अप्रैल 2022 को सेवानिवृत्त होने जा रहा है। नीति के तहत सेवा दो साल बची हो तो प्रोन्नति भी गृह जनपद में की जाए। याची का गृह जनपद सिद्धार्थनगर है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी तबादला नीति के विपरीत सेवानिवृत्ति आयु एक साल बची होने के बावजूद किए गए तबादले पर रोक लगा दी है। याची का तबादला सिद्धार्थनगर से गोरखपुर कर दिया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि क्या तबादला नीति के यथासंभव स्थिति पर विचार करने के बाद तबादला किया गया है।तो जिस अधिकारी ने तबादला किया है उसी से हलफनामा दाखिल कराए।
याची का कहना है कि उसका तबादला, नीति के खिलाफ स्थितियों पर विचार किए बगैर किया गया है।उसके दो बच्चे विकलांग है और वह 30 अप्रैल 2022 को सेवानिवृत्त होने जा रहा है। नीति के तहत सेवा दो साल बची हो तो प्रोन्नति भी गृह जनपद में की जाए। याची का गृह जनपद सिद्धार्थनगर है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने राधेश्याम की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि तबादला नीति बनी है तो नीति के खिलाफ तबादला किया जा सकता है। ऐसे में तबादला नीति की क्या उपयोगिता है। आदेश देखने से लग रहा कि विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया है। नीति में यथासंभव स्थिति पर भी विचार नहीं किया गया। इस पर कोर्ट विचार करेगी।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारी की तबादला नीति के विपरीत सेवानिवृत्ति आयु एक साल बचने के बावजूद सिद्धार्थनगर से गोरखपुर हुआ तबादला रोक दिया है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। कहा कि क्या तबादला नीति के यथासंभव स्थिति पर विचार करने के बाद स्थानांतरण किया गया है, अगर ऐसा है तो जिस अधिकारी ने तबादला किया है उससे ही हलफनामा दाखिल कराएं। यह आदेश न्यायमूíत पंकज भाटिया ने राधेश्याम की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि उसका तबादला, विचार किए बगैर किया गया है। उसके दो बच्चे दिव्यांग हैं। वह 30 अप्रैल, 2022 को सेवानिवृत्त होने वाला है। नीति के तहत सेवा दो साल बची हो तो प्रोन्नति भी गृह जनपद में की जाए। याची का गृह जनपद सिद्धार्थनगर है। कोर्ट ने कहा कि तबादला नीति बनी है तो उसके खिलाफ स्थानांतरण किया जा सकता है, ऐसे में तबादला नीति की क्या उपयोगिता है?
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