DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, August 8, 2021

नई शिक्षा नीति : विद्यालयों से हुनरमंद बनकर निकलेगी नई पीढ़ी

नई शिक्षा नीति : विद्यालयों से हुनरमंद बनकर निकलेगी नई पीढ़ी


पढ़ाई के साथ देश की नई पीढ़ी को हुनरमंद बनाने की पहल का असर दिखने लगा है। स्कूली स्तर से ही यह मुहिम तेज हुई है। इसके तहत उद्योगों की जरूरत के आधार पर स्किल से जुड़े नए-नए कोर्स डिजाइन किए जा रहे हैं। जिसमें संबंधित क्षेत्र की नामी कंपनियों की भी मदद ली जा रही है। इस दौरान स्कूलों में स्किल से जुड़े जिन कोर्स को प्रमुखता से शुरू किया जा रहा है, वे डाटा साइंस और कोडिंग हैं। जिसके लिए इस क्षेत्र की बड़ी कंपनी माइक्रोसाफ्ट की मदद ली गई है।


स्कूलों में स्किल से जुड़े कोर्स को शुरू करने की यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के आने के बाद ही तेज हुई है, जिसमें वर्ष 2025 तक स्कूलों व उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले पचास फीसद छात्रों को किसी न किसी स्किल से जोड़ने की सिफारिश की गई है। जिसके बाद ही रुचि सामने आई है।


हाल ही में सरकार ने शिक्षा मंत्रलय और स्किल मंत्रलय की जिम्मेदारी एक मंत्री को देकर इस मुहिम को और तेज करने के संकेत दिए हैं। फिलहाल अब तक जो जानकारी सामने आई है उनमें वर्ष 2021-22 के नए शैक्षणिक सत्र में ही देश भर के 12 हजार से ज्यादा स्कूलों ने स्किल के पाठ्यक्रमों को अपनाया है। इनमें सबसे ज्यादा करीब 12 सौ स्कूल अकेले मध्य प्रदेश के ही हैं। बाकी राज्यों में भी इसे लेकर रुझान बढ़ा है।


इस बीच सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने अपने से संबद्ध सभी स्कूलों के लिए कोडिंग व डाटा साइंस के कोर्स तैयार किए हैं। इनमें कोडिंग की पढ़ाई छठवीं से आठवीं तक होगी, जबकि डाटा साइंस की पढ़ाई आठवीं से होगी। हालांकि ये कोर्स छात्रों की अतिरिक्त दक्षता बढ़ाने वाले और पूरे सत्र में कुल 12 घंटे अवधि के होंगे।


इसके साथ ही डाटा साइंस को नौवीं से बारहवीं के बीच एक वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू किया गया है। इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार करने में माइक्रोसाफ्ट कंपनी की मदद ली गई है। वहीं स्कूलों के लिए अभी तक जो अन्य कोर्स तैयार किए गए हैं, उनमें कृषि, निर्माण, हेल्थ केयर, टूरिज्म एंड हास्पिटलिटी व टेलीकाम आदि क्षेत्रों से जुड़े हैं।


इन कोर्स को भी तैयार करने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े उद्योगों की मदद ली जा रही है। एनसीईआरटी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक जो भी नए कोर्स डिजाइन किए जा रहे हैं, उनके लिए केंद्रीय व्यवसायिक शिक्षा संस्थान से मंजूरी ली जा रही है। जिसे इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है।


● नए कोर्स तैयार करने में ली जा रही नामी कंपनियों की मदद

● 2021-22 से ही 12 हजार से ज्यादा स्कूलों ने अपनाए नए कोर्स

No comments:
Write comments