यूनीफार्म, बैग, किताबों के बिना पढ़ाई, आधे अधूरी तैयारियों के बीच परिषदीय स्कूलों में आएंगे बच्चे
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पांच माह बाद पढ़ाई शुरू होनी है। स्कूल सुसज्जित हैं और शिक्षक जुलाई से ही छात्र-छात्रओं का नामांकन करा रहे हैं लेकिन, बच्चों की पढ़ाई कराने का इंतजाम अधूरा है। उन्हें यूनीफार्म, बैग, जूता-मोजा अब तक नहीं मिला है, किताबें भी ब्लाक मुख्यालयों से स्कूल भिजवाई जा रही हैं। यह जरूर है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए विस्तृत निर्देश जारी हुए हैं। एक सितंबर से बच्चों के विद्यालय आने व पढ़ाई कराने पर किसी का ध्यान नहीं है।
सूबे के 1.59 लाख प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में छह से आठवीं तक के विद्यालय 24 अगस्त को ही खुल चुके हैं। अब बारी पहली से पांचवीं तक के छात्र-छात्रओं के आने की है। शासन ने जुलाई में ही शिक्षकों को इसी आधार पर विद्यालय आने का आदेश दिया था, ताकि बच्चों के बुलाने के लिए सारे इंतजाम पूरे किए जा सकें।
ज्ञात हो कि उनकी आनलाइन पढ़ाई जून से ही चल रही थी। दो माह में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के इंतजाम नहीं हो पाए हैं। यूनीफार्म देने का प्रकरण शासन में लंबित है।
मंत्री जता चुके नाराजगी: बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी किताबों के वितरण की धीमी प्रगति पर गंभीर नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने सात अगस्त को निदेशालय में सभी अफसरों की बैठक करके स्कूल खोलने की समीक्षा करके कड़े निर्देश दिए लेकिन हालात नहीं बदले हैं।
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