प्रतापगढ़ : जिले में 2.5 लाख बच्चों के लिए 21 लाख किताबों की जरूरत, अभी स्कूलों तक नहीं पहुंचीं मुफ्त किताबें
प्रतापगढ़ : डेढ़ महीने बाद भी प्राथमिक स्कूलों में किताबें नहीं पहुंच सकी हैं। अभिभावक और बच्चे अभी मुफ्त किताबों की राह देख रहे हैं। हालांकि बीएसए कार्यालय को ही अब तक सभी किताबें नहीं मिली हैं। किताबों को स्कूल पहुंचाने का काम दो फर्म कर रही हैं। बीआरसी से इन्हें स्कूल तक पहुंचाने में अभी भी पखवारेभर का वक्त लगेगा।
जुलाई माह के दूसरे सप्ताह से शासन से मुप्त किताबों की खेप बीएसए कार्यालय को मुहैया कराई जा रही हैं। जिले के 2376 परिषदीय स्कूलों के 2.5 लाख बच्चों के साथ ही सहायता प्राप्त स्कूलों के कक्षा छह से आठ तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राओं को इसका वितरण किया जाना है। देखा जाए तो तीन लाख से अधिक बच्चों के लिए 21 लाख मुफ्त किताबों की जरूरत है। मौजूदा समय तक बीएसए कार्यालय को करीब 18 लाख किताबें ही मिल सकी हैं। हालांकि मुख्यालय से 8.5 किताबों को पहले दौर में बीआरसी तक पहुंचाया गया। यहां से पंजीकृत दो फर्म को स्कूलों तक किताब पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। बीएसए अशोक सिंह के तबादला और अमित कुमार सिंह के निलंबित होने के बाद किताबों को बीआरसी तक पहुंचाने में लापरवाही की गई। यही वजह है कि अभी बीआरसी तक ही किताबें नहीं पहुंची हैं।
पट्टी ब्लाक को ही लें तो 90 प्राथमिक एवं 32 उच्च प्राथमिक विद्यालय में किताबों का वितरण नहीं हुआ है। बुधवार बीआरसी केंद्र पट्टी से न्याय पंचायत सैफाबाद, मरहा, सलाहपुर व रमईपुर दिसिनी की किताबें भेजी गईं। लालगंज और सांगीपुर में अभी वितरण नहीं शुरू हुआ। बीईओ का कहना है कि किताबें आने के बाद वितरण शुरू होगा। कुंडा, बाबागंज, शिवगढ़, गौरा, बाबा बेलखरनाथधाम सहित सभी ब्लाक में मुफ्त किताबों के वितरण का हाल यही है।
21 लाख किताबों की जरूरत के सापेक्ष 18 लाख की उपलब्धता है। बीआरसी से स्कूलों तक दो फर्म किताबें पहुंचा रही हैं। उम्मीद है कि 10 दिन के भीतर सभी स्कूलों तक किताब पहुंचेगी। इसके बाद वितरण किया जाएगा।
सुधीर सिंह, प्रभारी बीएसए प्रतापगढ़।
No comments:
Write comments