अब 'बूढ़े' छात्र नहीं ले पाएंगे वजीफा, हाईस्कूल और कक्षा-8 न्यूनतम योग्यता वाले आईटीआई समेत सभी पाठ्यक्रमों के लिए प्रावधान, इन कक्षाएं को पास करने के छह साल के अंदर लेना होगा प्रवेश
संशोधित नियमावली: प्रमाण पत्र फर्जी हुआ तो नहीं भर पाएंगे छात्रवृत्ति के आवेदन, होगा ऑनलाइन मिलान
लखनऊ : प्रदेश सरकार ने चुनावी वर्ष में जहां एक ओर अधिक से अधिक गरीब छात्र-छात्रओं को छात्रवृत्ति देने के लिए नियम शिथिल किए हैं, वहीं छात्रवृत्ति का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए भी कई ठोस कदम उठाए हैं। अब आय व जाति प्रमाण पत्र फर्जी हुआ तो छात्र आनलाइन आवेदन पत्र ही नहीं भर पाएंगे। समाज कल्याण विभाग एनआइसी के माध्यम से ऐसा साफ्टवेयर विकसित कर रहा है, जिसमें प्रमाणपत्रों का लाइव मिलान हो सकेगा। यदि प्रमाण पत्र फर्जी है तो उसका नंबर फीड करने पर आनलाइन आवेदन पत्र जमा ही नहीं होगा।
समाज कल्याण विभाग ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति छात्र-छात्रओं की छात्रवृत्ति के लिए संशोधित नियमावली जारी कर दी। प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए स्नातक में 55 फीसद अंकों की बाध्यता खत्म कर दी गई है। यानी अब स्नातक में 50 फीसद अंक पाने वाले वे छात्र भी छात्रवृत्ति के आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है। अधिक से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए सरकार ने 31 जुलाई तक मान्यता पाने वाले संस्थानों के छात्रों को योजना में शामिल कर लिया है। अभी तक मान्यता व संबद्धता की 15 जुलाई अंतिम तिथि थी।
आइटीआइ में दाखिला लेने वाले ऐसे छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी, जिन्होंने कक्षा आठ या हाईस्कूल की परीक्षा छह साल पहले पास की है। सरकार ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण की अध्यक्षता में गठित उस समिति को भी खत्म कर दिया है, जो अपने स्तर से कुछ विशेष मामलों में छात्रवृत्ति अनुमोदित कर देती थी। अब सरकार नियमावली के अनुसार ही सभी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करेगी। कोरोना काल में कक्षाएं आनलाइन चल रही हैं, ऐसे में संस्थानों की यह जिम्मेदारी होगी कि छात्रों की उपस्थिति आनलाइन पोर्टल पर दर्ज करें। बगैर परीक्षा के प्रोन्नति पाने वाले छात्रों को भी सरकार छात्रवृत्ति प्रदान करेगी।
● फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रमाणपत्रों के आनलाइन मिलान की व्यवस्था
● अधिक से अधिक छात्रवृत्ति देने के लिए कई नियम हुए शिथिल
आवेदन निरस्त होने पर डीएम के यहां कर सकेंगे अपील
छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र यदि किन्हीं कारणों से निरस्त होता है तो छात्र इसकी अपील जिलाधिकारी के यहां कर सकते हैं। जिलाधिकारी को इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इसमें जिलाधिकारी का निर्णय अंतिम होगा। प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी व प्राइवेट विश्वविद्यालय व शिक्षण संस्थानों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) व नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन (एनबीए) की ग्रे¨डग प्राप्त करने के लिए 2024 तक का समय प्रदान कर दिया है। इसके बाद यानी वर्ष 2025 में इसकी ग्रे¨डग न लेने वाले संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाएगी।
ट्रांजेक्शन फेल होने पर भी मिल सकेगी छात्रवृत्ति
दशमोत्तर छात्रवृत्ति में ट्रांजेक्शन फेल होने पर भी अब छात्र-छात्रओं को छात्रवृत्ति मिल सकेगी। केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरित करने के लिए एक अलग खाता स्टेट बैंक आफ इंडिया में खोलने के निर्देश दिए हैं। अभी तक कोषागार से छात्रवृत्ति वितरित होती थी, यदि किसी वजह से ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है तो छात्रों को पैसा नहीं मिल पाता है। एसबीआइ में खाता खोलने से ट्रांजेक्शन फेल होने पर छात्रों के बैंक खाते में को दोबारा पैसा भेजा जा सकेगा। दशमोत्तर छात्रवृत्ति में पहले 40 फीसद पैसा प्रदेश सरकार खाते में भेजेगी। इसके बाद 60 फीसद धनराशि केंद्र सरकार आधार से लिंक खाते में भेजेगी।
दिव्यांग छात्रों को मिलेगा 10 फीसद अतिरिक्त शैक्षणिक भत्ता
छात्रवृत्ति के अलावा मिलने वाला शैक्षणिक भत्ता भी 10 फीसद अतिरिक्त प्रदान करेगी। यानी किसी पाठ्यक्रम का यदि शैक्षणिक भत्ता एक हजार रुपये है तो दिव्यांग छात्रों को 1100 रुपये दिए जाएंगे। वहीं, भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों को अब डा. शकुंतला मिश्र राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ से सत्यापन कराना होगा। साथ ही दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के विभागाध्यक्ष से भी पाठ्यक्रम को संस्तुत कराना होगा। इसके बगैर छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।
लखनऊ : अब 'बूढ़े छात्र न तो वजीफा और न ही शुल्क भरपाई का लाभ ले पाएंगे। हाईस्कूल और कक्षा-8 न्यूनतम योग्यता वाले आईटीआई समेत सभी पाठ्यक्रमों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। इसके तहत ये दोनों कक्षाएं पास करने वाले छात्रों को छह साल के भीतर आगे के इन पाठ्यक्रमों में निजी संस्थानों में दाखिला लेने पर ही छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई की सुविधा मिलेगी।
26 सितंबर 2020 के अंक में इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के निजी आईटीआई में दाखिला लेकर वजीफे के साथ शुल्क प्रतिपूर्ति लेने के अनेक मामले प्रकाश में आए थे इस समस्या से निपटने के लिए अनुसूचित जाति व जनजाति छात्रों के लिए जारी संशोधित नियमावली में विशेष प्रबंध किया गया है। आईटीआई या ऐसे पाठ्यक्रम, जिनमें प्रवेश की न्यूनतम योग्यता हाईस्कूल या कक्षा-8 निर्धारित है, उनमें छात्रों को हाईस्कूल या कक्षा 8 पास करने के छह वर्ष के अंदर निजी क्षेत्र के संस्थानों से इस प्रकार के पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने पर ही शैक्षिक भत्ता और शुल्क प्रतिपूर्ति मिलेगी।
दिव्यांग विद्यार्थियों मिलेगा 10 प्रतिशत ज्यादा शैक्षणिक भत्ता
संशोधित नियमावली में अनुरक्षण भत्ते का नाम बदलकर शैक्षणिक भत्ता कर दिया गया है। दिव्यांग विद्यार्थियों को अन्य छात्रों से 10 प्रतिशत अतिरिक्त शैक्षणिक भत्ता देने का फैसला किया गया है।
नौ प्रतिशत ब्याज के साथ लौटानी होगी राशि
छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में गड़बड़ करने पर नियमावली में दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने का प्रावधान किया गया है। यह एफआईआर विद्यार्थी, प्रधानाचार्य और प्रबंधन के खिलाफ होगी। वहीं नी प्रतिशत ब्याज के साथ गलत ढंग से ली गई धनराशि लौटानी होगी। इतना ही नहीं, 75 फीसदी से कम उपस्थिति होने पर छात्र या संस्था को ली गई राशि वापस करनी होगी। इसी तरह से बिना कोर्स पूरा किए अगले वर्ष अध्ययन छोड़ने पर भी धनराशि वापस करनी होगी।
50 फीसदी से कम विद्यार्थियों के नवीनीकरण पर देना होगा जवाब
50 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों के नवीनीकरण न कराने पर संस्थान को इसके वैध कारण बताने होंगे। इसमें बाढ़, सूखा, अनदेखी घटनाएं और कानून-व्यवस्था आदि शामिल हैं।
एसएमएस भेजने की व्यवस्था भी
विद्यार्थियों को आवेदन करने से लेकर खातों में राशि भेजने तक की जानकारी उनकेमोबाइल नंबर पर एमएमएस के जरिए दी जाएगी। इसके अलावा कक्षा 11 व 12 में शैक्षिणक सत्र 1 अप्रैल से 31 मार्च तक और उससे ऊपर की कक्षाओं में 1 जुलाई से 30 जून तक माना जाएगा।
संशोधित समयसारिणी जारी
शासन ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना से संबंधित पाठ्यक्रमों का मास्टर डाटाबेस तैयार करने, सत्यापन और लॉक करने के लिए संशोधित समयसारिणी भी जारी कर दी है।
No comments:
Write comments