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Thursday, September 2, 2021

शिक्षक नहीं उठाएंगे बीआरसी से किताब, बस्ती जनपद में शिक्षक संघ ने बजट के बंदरबांट का लगाया आरोप

शिक्षक नहीं उठाएंगे बीआरसी से किताब, बस्ती जनपद में शिक्षक संघ ने बजट के बंदरबांट का लगाया आरोप

स्कूल तक पहुंचाने के लिए 12 लाख 56 हजार रुपये आंवटित


बस्ती। परिषदीय विद्यालय में शैक्षिक सत्र 2021-22 में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों में वितरित होने वाले निशुल्क पाठ्य- पुस्तकों को उठाने से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मना कर दिया है। संघ का कहना है बीआरसी से स्कूलों तक पुस्तक ले जाने के लिए कोई धन नहीं मिलता है। वहीं, बीएसए ने भी शिक्षकों को बीआरसी पर जाकर कर किताबें लेने से मना किया है। कहा कि किताबें स्कूल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षाधिकारी की है।


इस सत्र से शासन ने स्कूलों तक पाठ्य पुस्तक पहुंचने के लिए धन आवंटित किया है। जिले में 1437 प्राथमिक, 320 जूनियर और 319 संविलियन विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें लगभग 193879 बच्चे पंजीकृत हैं। हिंदी मीडियम के 1219857, अंग्रेजी मीडियम 52704 औद उर्दू के लिए 17753 किताबें आवंटित की गई हैं। 


किताबों को बीआरसी से स्कूल तक पहुंचाने के लिए शासन ने जिले को 12 लाख 56 हजार 394 रुपये आवंटित किया है। शासन ने निर्देशित किया कि इस रुपये का उपयोग केवल जिला मुख्यालय से स्कूल तक पाठ्य पुस्तकों को पहुंचने के लिए किया जाए। हिंदी मीडियम की लगभग सभी किताबें स्कूल तक पहुंच गई हैं। अधिकतर प्रधानाध्यापक बीआरसी से स्वयं लेकर आए हैं, लेकिन अंग्रेजी मीडियम और ऊर्दू की पूरी किताबें नहीं पहुंची हैं।


उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चंद्रिका सिंह ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी शिक्षकों ने स्वयं के खर्चे पर किताबों को बीआरसी से लेकर स्कूलों तक जाना पड़ा। जबकि शासन से बजट का अनुमोदन विद्यालय स्तर तक पहुंचाने के लिए किया गया था। इस संबंध में 11 अगस्त को डीएम को संगठन ने ज्ञापन दिया था। 


अब संगठन ने निर्णय लिया कोई भी शिक्षक बीआरसी से किताबों का उठान नहीं करेंगे। जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी टेंडर न होने का बहाना बनाकर जिम्मेदारी से बच रहे हैं। जबकि शासन ने किताबों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए बजट दे दिया था। बजट को अधिकारियों के मिलीभगत के बंदरबांट किया जा रहा है। बीएसए जगदीश शुक्ला ने बताया कि किताबों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए खंड शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया गया है। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी किसी भी शिक्षक को बीआरसी पर बुलाकर किताब देता तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।


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