बीएसए को सहायक अध्यापक का वेतन रोकने का हक नहीं, बीएलओ की ड्यूटी न करने पर बीएसए ने रोका था वेतन
■ मामला : देखें कोर्ट आर्डर 👇
● बीएलओ की डॺूटी न करने पर बीएसए ने रोका था वेतन
● कोर्ट ने कहा, शिक्षकों से शिक्षणेत्तर कार्य नहीं लिए जा सकते
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी को सहायक अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है। साथ ही बीएलओ ड्यूटी नहीं करने वाले सहायक अध्यापक का वेतन रोकने का बीएसए फिरोजाबाद का आदेश रद्द कर दिया है। कोर्ट ने सहायक अध्यापक को वेतन सहित सेवा में बहाल करने का आदेश भी दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने सहायक अध्यापक कैलाश बाबू की याचिका पर अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी को सुनकर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार बीएसए ने याची की बूथ लेवल अधिकारी के कार्य के लिए ड्यूटी लगाई थी। ड्यूटी न करने पर सात अगस्त 2021 को बीएसए फिरोजाबाद में याची का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया।
अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का तर्क था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी को सहायक अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है। साथ ही जहां तक बीएलओ ड्यूटी का सवाल है, हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने सुनीता शर्मा व अन्य के केस में स्पष्ट किया है कि शिक्षकों से शिक्षणेत्तर कार्य नहीं लिए जा सकते हैं। कोर्ट ने इस तर्क के मद्देनजर बीएसए का सात अगस्त 2021 का आदेश रद्द कर दिया और याची को वेतन सहित बहाल करने का निर्देश दिया है।
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
Court No. - 6
Case :- WRIT - A No. - 12203 of 2021
Petitioner :- Kailash Babu And Another
Respondent :- State Of U.P. And 4 Others
Counsel for Petitioner :- Agnihotri Kumar Tripathi
Counsel for Respondent :- C.S.C.,Archana Singh,Bhupendra Kumar Yadav
Hon'ble Pankaj Bhatia,J.
Heard learned counsel for the parties.
The present writ petition has been filed challenging the order dated 07.08.2021, passed by Basic Shiksha Adhikari, Firozabad (respondent no. 5) whereby the salary of the petitioner has been stopped on account of non-performing the duties of booth level officer.
The counsel for the petitioners argues that the said order is bad on more than one count, firstly, the respondent has no authority under law to stop the salary even if the allegations are accepted to be correct and, secondly, this Court, in the case of Sunita Sharma vs. State of U.P. and others, 2015 (3) ESC 1289 (All.) (DB) had taken a decision that the petitioners being forced to carry out the duties of BLO is without any authority of law. The decision of this Court in the case of Sunita Sharma (supra) is very clear that the teachers similar to the petitioners cannot be forced to carry out the duties of BLO.
In view of the said judgement coupled with the fact that the respondent has no authority to withhold the salary as has been done by means of the impugned order dated 07.08.2021 (Annexure 1 to the writ petition) the same is set aside insofar as it relates to the petitioners with directions that the petitioners shall be permitted to continue to work and shall be paid salary to which they are entitled under law.
The petition is disposed off in terms of the said direction.
Copy of the order downloaded from the website of Allahabad High Court shall be accepted/treated as certified copy of the order.
Order Date :- 17.9.2021
Puspendra
No comments:
Write comments