शिक्षक दंपती को एक ही जिले में रखने का दिया निर्देश, याची ने अंतरजनपदीय तबादले के लिए किया था आवेदन
बेसिक शिक्षा परिषद को हाईकोर्ट ने विचार करने के लिए कहा, पति-पत्नी को एक ही जिले में नियुक्ति पर हो विचार
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद से पति-पत्नी को एक ही जिले में नियुक्ति देने के मामले में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के परिप्रेक्ष्य में विचार करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने सहायक अध्यापक राधाकांत त्रिपाठी की याचिका निस्तारित करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि याची की नियुक्ति सीतापुर जिले में है और उसकी पत्नी प्रयागराज में सहायक अध्यापिका है।
याची ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था लेकिन उसका आवेदन मात्र इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि उसने सहायक अध्यापक के रूप में पांच वर्ष की अनिवार्य सेवा पूरी नहीं की है। एडवोकेट अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि 2008 की नियमावली के नियम 8 (2)(डी) के अनुसार अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए एक जिले में पांच वर्ष की सेवा अनिवार्य है लेकिन इस नियम में कुछ अपवाद भी हैं।
पति-पत्नी को एक ही जिले में नियुक्त देना इसी अपवाद के तहत आता है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रकरण को विचारणीय मानते हुए बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया कि इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश व नियमों के तहत याची के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पर विचार करें।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति-पत्नी को एक ही जिले में रखने के मामले में अंतरजनपदीय स्थानांतरण पर बेसिक शिक्षा परिषद को विचार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने राधाकांत त्रिपाठी की याचिका पर दिया है।
याची सीतापुर जिले में सहायक अध्यापक है, जबकि उसकी पत्नी प्रयागराज में सहायक अध्यापिका है। याची ने अंतरजनपदीय तबादला हेतु आवेदन किया था। आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि उसने सहायक अध्यापक के रूप में पांच वर्ष की अनिवार्य सेवा पूरी नहीं की है।
याची का कहना था कि 2008 की नियमावली के नियम 8 (2) (डी) के अनुसार अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए एक जिले में पांच वर्ष की सेवा अनिवार्य है। इस नियम में कुछ अपवाद भी हैं। पति पत्नी को एक ही जिले में नियुक्ति देना इसी अपवाद के तहत आता है।
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