एससी-एसटी छात्रों के लिए संशोधित नियमावली जारी, छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई योजना में नैक और एनबीए ग्रेडिंग की अनिवार्यता खत्म
लखनऊ। एससी-एसटी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति व शुल्क भरपाई योजना में निजी विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों पर नैक या एनबीए से ग्रेडिंग हासिल करने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में योजना का लाभ लेने के लिए स्नातक में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता भी घटाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है। देर शाम शासन ने इसका शासनादेश जारी कर दिया।
प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति व जनजाति के दो लाख रुपये व अन्य वर्गों के ढाई लाख रुपये सालाना आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों के लिए इस योजना का लाभ देती है। अभी नेशनल असिस्मेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) और नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन (एनवीए) की निर्धारित ग्रेडिंग हासिल करने वाले निजी विश्वविद्यालयों व तकनीकी संस्थानों के छात्रों को ही इस योजना का लाभ मिलता है।
कोरोना संकट के कारण केंद्र ने इस नियम में 2024-25 तक छूट दे दी है। इसी आधार पर प्रदेश सरकार ने भी राहत देने का निर्णय लिया। शासनादेश में कहा गया कि केंद्र व राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थाओं और एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों में संचालित तकनीकी पाठ्यक्रमों में 2024 तक नैक और एनबीए से ग्रेडिंग प्राप्त करनी होगी। 2025-26 से ग्रेडिंग प्राप्त विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों व तकनीकी संस्थानों को यह सुविधा मिलेगी।
31 अगस्त तक नई मान्यता वाले संस्थान को लाभ
संशोधित नियमावली के तहत तहत 31 अगस्त तक नई मान्यता पाने वाले संस्थानों के छात्र भी इस योजना में शामिल होंगे। पूर्व में लागू व्यवस्था के अनुसार, यह कटऑफ डेट 15 जुलाई था। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना संकट को देखते हुए यह व्यवस्था सिर्फ इस साल के लिए लागू की गई है।
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