सीआईएससीई-सीबीएसई ने किए बदलाव, नहीं बदली यूपी बोर्ड की चाल
प्रस्तावित एकेडमिक कैलेंडर के बदलावों को नए एकेडमिक कैलेंडर में नहीं किया शामिल
लखनऊ : कोरोना की वजह से बोर्ड परीक्षा कराने में नाकाम होने के बाद भी यूपी बोर्ड ने अपनी चाल नहीं बदली। शिक्षण कार्य की प्रक्रिया इस बार भी पुरानी है, जबकि बोर्ड ने पहले कुछ बदलावों के साथ एकेडमिक कैलेंडर प्रस्तावित किया था। बोर्ड ने पुरानी प्रक्रिया के आधार पर ही एकेडमिक कैलेंडर रखा है, जबकि सीआईएससीई और सीबीएसई ने इसमें बदलाव किए हैं।
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम छात्रों की पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर औसत अंक देकर निकाला गया। इससे सीख लेते हुए सीबीएसई और सीआईएससीई ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए परीक्षा को दो सेमेस्टर में कराने का निर्णय लिया, जिसके मुताबिक पहले सेमेस्टर की परीक्षा सिर्फ बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगी। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यूपी बोर्ड ने भी कुछ बदलाव करने का मन बनाया था बदलावों के साथ नया प्रस्तावित एकेडमिक कैलेंडर भी जारी किया था, लेकिन बाद में उन बदलावों को अमल में न लाने का निर्णय ले लिया गया।
ये बदलाव थे प्रस्तावित
बोर्ड ने अर्द्धवार्षिक व वार्षिक के साथ त्रैमासिक परीक्षा का भी प्रावधान किया था। वहीं, हर महीने होने वाले मासिक टेस्ट की गणना का रिकॉर्ड रखते हुए इंटरनल के अंक साल में दो बार अपलोड करने का भी प्रावधान किया था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया। राजकीय जुबली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि पहले जो प्रस्तावित एकेडमिक कैलेंडर जारी किया था, उसमें काफी कुछ बदलाव किया गया था, लेकिन अब जो स्कूलों को भेजा गया है उसमें उन बदलावों को समाहित नहीं किया गया है। पहले की तरह ही पढ़ाई और परीक्षा करानी है।
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