विशिष्ट शिक्षकों का अनुपात रखना व्यावहारिक नहीं, नियुक्ति वाली याचिका पर शीर्ष अदालत में आदेश सुरक्षित
■ सुनवाई
● केंद्र ने कहा कि उन स्कूलों में ऐसे छात्रों की कोई निश्चित संख्या नहीं होती हैं
● विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति वाली याचिका पर शीर्ष अदालत में आदेश सुरक्षित
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि सामान्य स्कूलों में विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए विशिष्ट शिक्षकों के शिक्षक-छात्र अनुपात को निर्धारित करना ‘व्यावहारिक नहीं’ है। केंद्र ने कहा कि उन स्कूलों में ऐसे छात्रों की कोई निश्चित संख्या नहीं होती हैं।
न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को केंद्र सरकार ने बताया कि नीति अधिक से अधिक सामान्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की कोशिश करने की है ताकि वे विशेष प्रकृत्ति वाले बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हों। केंद्र ने कहा कि यह काम ‘सक्रिय पैमाने’ पर किया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) माधवी दीवान ने कहा कि सामान्य स्कूल और विशेष स्कूल हैं जो विशेष जरूरतों वाले बच्चों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करते हैं।
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