फतेहपुर : किराए में खेल, बीआरसी से शिक्षक ढोते हैं किताबें, मुद्रक के यहां से जिले, फिर स्कूलों तक पहुंचाने की है गाइडलाइन
◆ मुद्रक के यहां से जिले, फिर स्कूलों तक पहुंचाने की है गाइडलाइन
◆ नियमों को दरकिनार करके बीआरसी तक ही जा रहे हैं वाहन।
फतेहपुर : सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्रों को निश्शुल्क किताबों का वितरण किया जाता है। शासन से करार होने के बाद मुद्रक इन्हें प्रकाशित करता है और जिलों तक पहुंचाता है। जिले के स्टोर से इन्हें परिषदीय स्कूलों तक पहुंचाने की गाइडलाइन है। लेकिन इस गाइडलाइन का जिले में पालन होता नहीं दिख रहा है और किराए में जमकर खेल किया जा रहा है। ऐसे में मुद्रक के वाहन ब्लाक संसाधन केंद्र (बीआरसी) तक पहुंच रहे हैं और यहां से शिक्षकों को मजबूरी वश किताबें स्कूल तक ले जानी पड़ रही हैं। शासन के निर्देश पर कक्षा आठ तक के छात्रों को निश्शुल्क किताबों की सौगात दी गई है। इसके अलावा अन्य योजनाओं में एमडीएम, बैग, जूता, मोजा, यूनीफार्म छात्रवृत्ति आदि की योजनाएं शासन की गाइडलाइन के अनुसार चल रही हैं।
परिषदीय स्कूल एक नजर में
प्राथमिक स्कूल 1903
उच्च प्राथमिक स्कूल 747
कुल परिषदीय स्कूल 2450
पंजीकृत विद्यार्थी - 3 लाख 765 हजार, 123
निश्शुल्क किताबों के वितरण की बात करें तो मुद्रक के यहां से जिले और बीआरसी तक किताबें सरकारी खर्चे पर पहुंचाई जाती हैं। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है और शिक्षकों को किताबें स्कूलों तक स्वयं ले जानी
पड़ रही हैं। विभाग की इस लचर व्यवस्था को लेकर खासी नाराजगी है। अधिकारियों के आगे मुंह खोलने का साहस नहीं कर पाते हैं।
किताबों को स्कूल तक पहुंचाया जाना चाहिए। प्रकरण संज्ञान में आया है। मामले की जांच करवाई जाएगी। खंड शिक्षाधिकारियों से भी रिपोर्ट तलब की जाएगी।
संजय कुमार कुशवाहा, बीएसए
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