National Achievement Survey On November 12
NAS नेशनल एचीवमेंट सर्वे की तैयारी : केंद्र सरकार जांचेगी स्कूली बच्चों की दक्षता
नेशनल अचीवमेेंट सर्वे 12 नवंबर को, परिषदीय विद्यालयों में तैयारी तेज
12 नवम्बर को यूपी समेत देशभर के स्कूलों के बच्चों का राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (नेशनल अचीवमेंट सर्वे -‘नैस’) का आयोजन होना है। इस सर्वे के दौरान केन्द्र सरकार हर राज्य के सरकारी स्कूलों की चार कक्षाओं के बच्चों का सैम्पल सर्वे कर यह जानेगी कि उनकी शैक्षिक उपलब्धि क्या है। खासतौर से उम्र और कक्षा के लिहाज ज्ञानअर्जन के स्तर को केन्द्र सरकार अपने पैमाने पर कसेगी और फलाफल के आधार पर उनके शैक्षिक उन्नयन के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर विशेष प्रयास करेगी।
सर्वे कक्षा 3, 5, 8 और 10 के लिए आयोजित होनी है। इन कक्षाओं में भाषा, गणित, ईवीएस, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषय से संबंधित सर्वेक्षण होगा। बड़ी चुनौती इस मायने में है कि पिछले दो साल से कोरोना ने पठन-पाठन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य के विद्यालयों में लम्बे समय से शिक्षण कार्य बाधित रहे। हालांकि ऑनलाइन क्लासेज तथा दूरदर्शन से पाठशाला संचालित हुए हैं।
तीसरी से आठवीं कक्षा के छात्रों के तीन साल में होने वाले नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) के लिए जिले के परिषदीय विद्यालयों के नौनिहालों को तैयार किया जा रहा है। सर्वे के जरिये सरकारी स्कूलों के बच्चों का शैक्षिक मूल्यांकन किया जाएगा। स्कूली छात्रों के शिक्षा स्तर को जानने के लिए मानव एवं विकास मंत्रालय एनसीईआरटी व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की ओर से इस बार 12 नवंबर को सर्वे होना है। इसको लेकर बेसिक शिक्षा विभाग को अपर परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा सरिता तिवारी ने आदेश जारी करते हुए सभी विद्यालयों के बच्चों को इसके लिए तैयार करने का निर्देश दिए हैं।
ओएमआर सीट पर होती है परीक्षा
राष्ट्रीय स्तर पर यह परीक्षा पूरे देश में एक ही दिन संचालित होती है। स्कूलों का चयन प्रदेश स्तर पर एक टीम करेगी। जिले में चयनित स्कूल के छात्र परीक्षा में शामिल होंगे। ओएमआर सीट पर होने वाली परीक्षा में छात्रों को हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व पर्यावरण के जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। सर्वे का उद्देश्य परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का शैक्षिक मूल्यांकन करना है। साथ ही उनकी उपलब्धि का स्तर जांचना है। इस परीक्षा के माध्यम से यह भी जांचा जाएगा कि छात्रों की सीखने की क्षमता कितनी है।
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