DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, October 19, 2021

कार्यवाहक ले रहे वेतन और अर्हप्रवक्ता लाइन में, माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड नहीं पूरी करा सका 2011 की भी भर्ती

कार्यवाहक ले रहे वेतन और अर्हप्रवक्ता लाइन में, माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड नहीं पूरी करा सका 2011 की भी भर्ती


लेटलतीफी

◆ वर्ष 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती में आवेदन करने वाले कई सेवानिवृत्त

◆ माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड नहीं पूरी करा सका 2011 की भी भर्ती

प्रयागराज : गजब विडंबना है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड वर्ष 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती आठ साल में नहीं करा पाया। वर्ष 2011 की भी प्रधानाचार्य पद की भर्ती अधूरी है। इस लेटलतीफी का नतीजा यह हुआ कि आवेदन करने वाले कई प्रवक्ता प्रधानाचार्य बनने का सपना संजोए हुए ही सेवानिवृत्त हो गए। जो सेवा में हैं वह हर माह आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं। इसके विपरीत अधियाचित पदों पर कार्यवाहक की जिम्मेदारी निभा रहे प्रवक्ता प्रधानाचार्य का वेतन पा रहे हैं, जिससे अर्ह उम्मीदवारों में असंतोष है।


एडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के रिक्त 599 पदों के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने वर्ष 2013 में भर्ती निकाली। इसके लिए करीब 25 हजार प्रवक्ताओं ने आवेदन किया। आवेदन लेने के बाद भर्ती के लिए चयन बोर्ड एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सका। अप्रत्याशित रूप से आठ साल से यह प्रक्रिया ठप पड़ी है। आवेदन करने वाले प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय बताते हैं कि प्रधानाचार्य भर्ती में सिर्फ साक्षात्कार से चयन किया जाना है, लेकिन आवेदन ही डंप कर दिया जाना शिक्षा के हित में ठीक नहीं है। अगर भर्ती पूरी हो गई होती तो चयनित होने वाले प्रवक्ता आठ साल से प्रधानाचार्य का वेतन पा रहे होते। उन्होंने एक और मांग उठाई कि जिसका चयन वर्ष 2011 की भर्ती में प्रधानाचार्य पद पर हो गया है, उन्हें 2013 की भर्ती में मौका नहीं दिया जाना चाहिए। मौका दिए जाने पर चयनित होने के बाद वह पद फिर रिक्त हो जाएगा, जहां वह कार्यरत हैं। इसके विपरीत वर्ष 2011 की प्रधानाचार्य भर्ती में छह मंडल को आज भी भर्ती पूरी होने का इंतजार है। इन मंडलों में करीब चार सौ पदों पर भर्ती होनी है। बोर्ड ने कहा है कि 2021 की प्रवक्ता संवर्ग व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक भर्ती अक्टूबर तक पूरी कर लेने के बाद प्रधानाचार्य भर्ती को तेजी से पूरा कराए जाने की तैयारी है।

No comments:
Write comments