69000 भर्ती में 22 हजार पदों को जोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन पर बेसिक शिक्षा निदेशालय में अभ्यर्थियों पर पुलिस का बल प्रयोग
लखनऊ : 22 हजार पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर बेसिक शिक्षा निदेशालय स्थित पानी की टंकी पर पिछले 72 दिनों से प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने गुरुवार शाम बल प्रयोग किया। पुलिस की कार्रवाई से कई महिला अभ्यर्थियों को गंभीर चोटें आईं हैं। इनमें से तीन की हालत गंभीर है। आरोप लगाया कि तीनों गंभीर रूप से घायल ये अभ्यर्थी पुलिस की कार्रवाई के बाद से ही लापता हैं।
अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा विभाग में निकाली गई भर्ती में 22 हजार पदों पर और नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं। इनमें से कुछ पिछले 72 दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय स्थित पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे थे। सुनवाई न होने से नाराज प्रदर्शनकारियों का संयम गुरुवार को टूट गया और वह निदेशालय में घुसकर अधिकारियों से वार्ता कराने की मांग करने लगे।
इस दौरान दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक प्रदर्शनकारियों और पुलिस की नोकझोंक चलती रही। कार्यालय बंद होने के समय जब प्रदर्शनकारियों ने परिसर खाली नहीं किया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर दिया। आरोप है कि इससे प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें आईं। महिला अभ्यर्थियों का आरोप था कि पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पुलिस ने महिलाओं के कपड़े भी फाड़े। वहीं, कुछ प्रदर्शनकारियों को छत से नीचे तक फेंक दिया। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक गंभीर रूप से घायल अभ्यर्थियों में मलकेश सिंह, अभय श्रीवास्तव समेत एक अन्य शामिल हैं।
पुलिस ने आरोपों को बताया निराधार, अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज : इस संबंध में इंस्पेक्टर महानगर प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि 60 से 70 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। तीन प्रदर्शनकारियों के गायब होने का आरोप निराधार है।
लखनऊ। निशातगंज स्थित एससीईआरटी कार्यालय में प्रदर्शन कर रहे शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने बृहस्पतिवार को लाठीचार्ज कर दिया। इससे करीब दो दर्जन अभ्यर्थियों को चोट लगी और कुछ अभ्यर्थी बेहोश हो गए। ये अभ्यर्थी 69 हजार शिक्षक भर्ती में 22 हजार रिक्त पदों को जोड़कर भर्ती की मांग को लेकर बीते 72 दिन से पानी की टंकी के पास प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सुनवाई न होने से नाराज अभ्यर्थी बृहस्पतिवार दोपहर कार्यालय में घुस गए और शाम तक डटे रहे। समझाने पर जब ये ऑफिस से नहीं निकले तो पुलिस ने बलपूर्वक इन्हें बाहर किया और 40 अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया।
दोपहर दो बजे के बाद करीब 100 से ज्यादा अभ्यर्थी मांग को लेकर एससीईआरटी दफ्तर में घुस गए। अभ्यर्थी प्रथम से लेकर तीसरे तल का घेराव कर प्रदर्शन करने लगे और उच्च अधिकारी से वार्ता कराने की मांग करने लगे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि उनकी मांग पर अधिकारियों ने गाली गलौज की और पुलिस व पीएसी बुला लिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय में ही कैद रहे। शाम करीब पांच बजे जब कार्यालय बंद होने का समय हुआ तो पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी और महिलाओं को भी नहीं बख्शा। सीढ़ियों से घसीट कर अभ्यर्थियों को बाहर निकाला।
घटना में करीब दो दर्जन अभ्यर्थियों के चोटिल होने की सूचना है। प्रदर्शनकारी गरिमा सिंह ने रोते हुए बताया कि उसके हाथ पर पुलिसकर्मियों ने लाठियां मारी। अभ्यर्थियों ने बताया कि इस दौरान मलकीत सिंह बेहोश हो गया, लेकिन पुलिस ने मारना नहीं छोड़ा। पूजा मिश्रा, प्रवीण समेत कई अभ्यर्थियों को गंभीर चोटें आई हैं। चोटिल अभ्यर्थियों को कहां ले गए। हैं यह नहीं बताया गया। अभ्यर्थियों ने बताया कि उनके मोबाइल फोन भी पुलिस ने छीन लिए ताकि वे किसी को फोन न कर सकें।
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