उत्तर प्रदेश शैक्षिक सेवा समूह-ख के उच्चतर पदों पर निर्धारित पदोन्नति कोटा संशोधन हेतु बैठक में नहीं बन सकी सहमति, BEO के मामले को लेकर आपत्ति
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह-ख के उच्चतर पदों पर निर्धारित पदोन्नति कोटा संशोधन के संबंध में हुई बैठक में माध्यमिक व बेसिक संघों में सहमति नहीं बन सकी। माध्यमिक शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग के संघों के मत पदोन्नति कोटा निर्धारण के संबंध में भिन्न-भिन्न रहे। ऐसे में निर्णय लिया गया कि शिक्षा अधिकारी, शिक्षक संघों से वार्ता करके समन्वय स्थापित करें और उसकी आख्या उपलब्ध कराएं, ताकि नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।
बेसिक शिक्षा के सहायक अध्यापक से खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) तक और माध्यमिक के एलटी एवं प्रवक्ता पद तक अलग- अलग कैडर हैं। इसके ऊपर के पदों पर बेसिक और माध्यमिक में घालमेल है। पदोन्नति कोटा संशोधन से समूह 'ग' के खंड शिक्षाधिकारी समूह 'ख' के उच्चतर पढ़ों पर पदोन्नति पाने की कोशिश में हैं।
राजकीय शिक्षक संघ भड़ाना गुट के प्रांतीय महामंत्री डा. रविभूषण बताते हैं कि बीईओ जिस कैडर की मांग कर रहे हैं, वह उस कैडर में सीधे जाने की अर्हता नहीं रखते। नियमावली के अनुसार पहले उन्हें अधीनस्थ राजपत्रित समूह 'ख' अर्थात उप बेसिक शिक्षाधिकारी (डीआई) का पद प्राप्त करना चाहिए।
उन्होंने नियमावली में बिना संशोधन के, सिर्फ राजाज्ञा के माध्यम से पदों में घालमेल कर पूरे पदों को खंड शिक्षाधिकारी बना लिया, जो नियमावली के विपरीत है। इधर, समूह 'ख' के पद वर्तमान में 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से तथा 50 प्रतिशत राजपत्रित शिक्षण पुरुष / महिला शाखा और निरीक्षण शाखा में कार्यरत क्रमशः 61, 11 और 17 प्रतिशत के अनुपात में पदोन्नति कर लोक सेवा आयोग भरता है।
नियमानुसार समूह 'ख' के उच्चतर के प्रधानाचार्य पदों के लिए तीन साल का शिक्षण अनुभव होना चाहिए, जो कि बीईओ के पास नहीं है। समूह 'ख' के उच्चतर पदों पर पदोन्नति दी जाए। अब आगे की राह समन्वय पर सहमति या असहमति पर तय होगी ।
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