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Sunday, October 10, 2021

देश को ‘गुरुमंत्र’ देगी यूपी की शिक्षा प्रणाली, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने की सराहना

देश को ‘गुरुमंत्र’ देगी यूपी की शिक्षा प्रणाली,  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने की सराहना



लखनऊ : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को यूपी की शिक्षा व्यवस्था की नब्ज टटोली। उन्होंने नई शिक्षा नीति को बेहतर ढंग से लागू करने पर यूपी की पीठ थपथपाई। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की सराहना भी की।


उन्होंने मेधावी छात्रों के नाम पर गौरव पथ बनाए जाने को प्रोत्साहन देने की श्रेष्ठ योजना बताते हुए, उसे अन्य राज्यों में भी लागू कराने की बात कही। यही नहीं जल्द यूपी के शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दिल्ली में प्रस्तुतीकरण कराया जाएगा, ताकि दूसरे राज्य भी इससे लाभान्वित हो सकें। 


राजधानी में योजना भवन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा विभाग की समीक्षा की। सभी विभागों ने अपने कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश के 15 से 18 प्रतिशत विद्यार्थी यूपी के हैं। करीब पांच करोड़ विद्यार्थी यहां हैं, इतनी तो कई देशों की आबादी भी नहीं होगी। ऐसे में अगर यूपी में सुशासन होगा, तभी देश में सुशासन लागू हो सकेगा। 


एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को लागू कर सस्ती व अच्छी किताबें विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे उल्लेखनीय कार्यों को दूसरे राज्य भी लागू करें, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। इस दौरान उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद व बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी भी मौजूद रहे।


संस्कृत बोर्ड को दिलाएंगे एनआइओएस से मान्यता : उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के छात्रों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) द्वारा मान्यता न दिए जाने का सवाल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसकी जांच कराएंगे और इसे जल्द मान्यता दिलाएंगे। टीचर्स को अच्छी ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जाएगी। यूपी में ढाई से तीन लाख खाली पदों को भरा गया है। बाकी पद भी जल्द भरे जाएंगे।


यूपी बोर्ड में पढ़ाए जा रहे विज्ञान के पाठ्यक्रम और एनसीईआरटी की किताबों में संक्षेप में जानकारी दिए जाने के सवाल पर उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने सफाई दी। वह बोले एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम जरूरत के अनुसार लागू किया गया है। विज्ञान का पाठ्यक्रम ठीक है। जो अच्छे पाठ पहले से पढ़ाए जा रहे थे उन्हें हटाया नहीं गया।

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