ग्राउंड रिपोर्ट : नौकरी नहीं तो शिक्षक भर्ती कोर्स भी हाशिए पर, नौकरी न मिलती देख युवा शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रमों से बना रहे दूरी
नौकरी न मिलती देख युवा शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं। प्रशिक्षण सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए एनटीटी (डीपीएसई-डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन) और डीपीएड (डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन) में सीटों से भी कम आवेदन मिले हैं। सीटी नर्सरी में भी उम्मीद से कम आवेदन आए हैं। ये स्थिति तब है जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने आवेदन की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाकर 13 अक्तूबर कर दी थी।
एनटीटी के 20 संस्थानों की 1550 सीटों के लिए मात्र 290 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा है, जबकि डीपीएड के चार संस्थानों की 130 सीटों के सापेक्ष 114 आवेदन मिले हैं। सीटी नर्सरी के दो संस्थानों राजकीय शिशु प्रशिक्षण महिला महाविद्यालय प्रयागराज और आगरा की क्रमश: 34 व 27 कुल 61 सीटों पर 172 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। सरकार ने दो साल पहले आंगनबाड़ी में प्री प्राइमरी कक्षाएं चलाने का निर्णय लिया था।
इसके बाद आधा दर्जन से अधिक निजी संस्थानों ने एनटीटी की मान्यता भी ले ली। सीटी नर्सरी प्रशिक्षण भी प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए कराया जाता है, लेकिन भर्ती की कोई उम्मीद न देख युवाओं ने इन दोनों कोर्स में रुचि नहीं ली। डीपीएड करने वाले भी कई साल से बेरोजगार घूम रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से 17 अक्तूबर 2016 को उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती जारी विज्ञापन में डीपीएड को मान्य किया गया था। लेकिन 2017 में सरकार बदलने के बाद भर्ती रोक दी गई। भर्ती शुरू कराने के लिए बेरोजगारों ने मुकदमेबाजी की लेकिन आज तक भर्ती पूरी नहीं हो सकी है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
डीएलएड की 1.32 लाख सीटें रह गईं खाली
कभी नौकरी की गारंटी माने जाने वाले बीटीसी या डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) 2021 सत्र में आधे से अधिक सीटें खाली रह गईं। कुल 228900 सीटों के सापेक्ष 96134 सीटों पर ही अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया है। शेष आधे से अधिक 132766 सीटें खाली हैं।
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