मृत शिक्षकों के परिजनों को ग्रेच्युटी देने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव
एडेड माध्यमिक कॉलजों के अधिवर्षता आयु का विकल्प न देने वाले मृत शिक्षकों के परिजनों को ग्रेच्युटी देने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। विभाग ऐसे शिक्षकों को ग्रेच्युटी देने की तैयारी कर रहा है, जिन्होंने अधिवर्षता आयु का विकल्प नहीं दिया और उनकी मौत हो गई या विकल्प दिया था लेकिन एक वर्ष पहले ही मौत हो गई।
वहीं इसमें ऐसे मृत शिक्षकों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है, जिन्होंने 62 साल का चयन किया था लेकिन एक वर्ष पहले ही मौत हो गई। ऐसे शिक्षकों की संख्या जुटाई जा रही है। मंडलीय अफसरों से यह भी पूछा गया है कि उनके यहां पर दोनों तरह के कितने प्रकरण हैं, उनकी अलग-अलग सूचना भेजी जाए।
यह है मामला: एडेड स्कूलों में शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु 62 वर्ष है लेकिन जो शिक्षक 60 साल में रिटायर होना चाहते हैं, उन्हें 16 महीने का वेतन अधिकतम 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी के रूप में दिया जाता है। इसके लिए शिक्षक को अपने सेवाकाल में विकल्प देना होता है लेकिन जो शिक्षक विकल्प नहीं देता है। वह 62 वर्ष की आयु में रिटायर किया जाता है। यदि शिक्षक की इस बीच मौत हो जाती है तो परिवारों को ग्रेच्युटी नहीं दी जाती है यानी जीवित रहते ग्रेच्युटी मिलती है लेकिन मृतक आश्रितों को ग्रेच्युटी नहीं दी जाती।
राज्य मुख्यालय : एडेड माध्यमिक कॉलजों के अधिवर्षता आयु का विकल्प न देने वाले मृत शिक्षकों के परिजनों को ग्रेच्युटी देने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। विभाग ऐसे शिक्षकों को ग्रेच्युटी देने की तैयारी कर रहा है, जिन्होंने अधिवर्षता आयु का विकल्प नहीं दिया और उनकी मौत हो गई या विकल्प दिया था लेकिन एक वर्ष पहले ही मौत हो गई।
वहीं इसमें ऐसे मृत शिक्षकों का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है, जिन्होंने 62 साल का चयन किया था लेकिन एक वर्ष पहले ही मौत हो गई। ऐसे शिक्षकों की संख्या जुटाई जा रही है। मंडलीय अफसरों से यह भी पूछा गया है कि उनके यहां पर दोनों तरह के कितने प्रकरण हैं, उनकी अलग-अलग सूचना भेजी जाए।
यह है मामला: एडेड स्कूलों में शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु 62 वर्ष है लेकिन जो शिक्षक 60 साल में रिटायर होना चाहते हैं, उन्हें 16 महीने का वेतन अधिकतम 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी के रूप में दिया जाता है। इसके लिए शिक्षक को अपने सेवाकाल में विकल्प देना होता है लेकिन जो शिक्षक विकल्प नहीं देता है। वह 62 वर्ष की आयु में रिटायर किया जाता है। यदि शिक्षक की इस बीच मौत हो जाती है तो परिवारों को ग्रेच्युटी नहीं दी जाती है यानी जीवित रहते ग्रेच्युटी मिलती है लेकिन मृतक आश्रितों को ग्रेच्युटी नहीं दी जाती।
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