पद नहीं होने के आधार पर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति से इनकार पर कोर्ट सख्त
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में अंतिम चयनित अभ्यर्थी से अधिक अंक पाने के बावजूद नियुक्त न करने को गंभीरता से लेते
हुए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को तलब किया है। साथ ही उन्हें यह स्पष्ट करने को कहा है कि चयनित अभ्यर्थी से अधिक अंक वाले याची को पद नहीं है, कहकर नियुक्त करने से इनकार कैसे किया जा सकता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने विशाल ए जेहरा की याचिका पर दिया है। याची मोअल्लिम-ए-उर्दू में स्नातक है। उसे सहायक अध्यापक भर्ती में 55.285 क्वालिटी प्वाइंट अंक प्राप्त हुए हैं। यह अंक अंतिम चयनित अभ्यर्थी से अधिक हैं। याची को 15 अप्रैल 2014 को डिग्री के आधार पर नियुक्ति से इनकार कर दिया तो हाईकोर्ट में याचिका की।
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरोहा को नए सिरे से आदेश करने का निर्देश दिया। इसके बाद यह कहते हुए याची की अर्जी खारिज कर दी गई कि उर्दू अध्यापक का पद नहीं है। कोर्ट ने पद न होने के आधार पर नियुक्ति देने से इनकार को अवैध व मनमानापूर्ण करार दिया और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को तलब करते हुए कहा कि याची अपनी नियुक्ति के अधिकार के लिए पिछले सात साल से इधर से उधर दौड़ लगा रही है।
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