महंगाई की मार से बेसिक स्कूलों का MDM बनवाना हुआ कठिन, दो वर्षों से कन्वर्जन कास्ट में नहीं हुई बढ़ोत्तरी
महंगाई की मार से अब रसोई चलाना, घर बनाना दोनों ही और महंगे हो गए हैं। बीते एक सप्ताह में सब्जियों के दो दोगुने तक पहुंच गए हैं वहीं सीमेंट, बजरी, सरिया की कीमतों बढ़ने से भवन निर्माण की लागत बढ़ गई है।
टमाटर और प्याज के दाम आसमान पर चढ़ने लगे हैं। फुटकर बाजार में एक सप्ताह पहले (28 सितंबर) 20-30 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर 50-60 रुपये प्रतिकिलो पहुंच गया है। वहीं 25 रुपये किलो बिकने वाला प्याज 35 रुपये किलो पहुंच गया है।
इसके अलावा आलू 35-40, लौकी 25-30, तौराई 30, बैंगन 30-35 रुपये किलो बिक रहा है। कई सब्जियों के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है। सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक बारिश के कारण लोकल सब्जी खराब हो गई है। बाहर से सप्लाई कम हो रही है।
सब्जियों के दाम बढ़ने से हेडमास्टरों के लिए MDM चलाना मुश्किल हो रहा है। थोक बाजार में टमाटर 30 रुपये किलो और प्याज 27 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है, जबकि फुटकर बाजार में टमाटर 40 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है।
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