पांच माह में ही डगमगा गई सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की कुर्सी, पेपर छापने वाली एजेंसी चयन में हुई चूक का खामियाजा सचिव को भुगतना पड़ा
पांच माह में ही डगमगा गई सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की कुर्सी, पेपर छापने वाली एजेंसी चयन में हुई चूक का खामियाजा सचिव को भुगतना पड़ा
प्रयागराज : शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में निलंबित किए गए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय की कुर्सी महज पांच माह में ही डगमगा गई। टीईटी का प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। ऐसे में एजेंसी चयन में हुई चूक का खामियाजा सचिव को भुगतना पड़ा। इससे पूर्व 2018 में 68,500 शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी मिलने पर तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को भी निलंबित किया गया था।
शिक्षा अधिकारी संजय कुमार उपाध्याय 17 जून 2021 को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी बनाए गए थे। इससे पहले गौतमबुद्धनगर में डायट प्राचार्य रहे। उनके कार्यकाल में दो बड़ी परीक्षाएं हुईं। विगत 17 अक्तूबर को जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा में भी जिले के एक केंद्र पर प्रधानाध्यापक ने अपनी बेटी को पास कराने के लिए एक शिक्षक को व्हाट्सएप पर पेपर भेजा था।
हालांकि समय पर एसटीएफ ने कार्रवाई की और आरोपियों को दबोच लिया। वरना इस परीक्षा के पेपर भी वायरल होने में देर नहीं लगती। हालांकि इस परीक्षा का पीएनपी ने परिणाम जारी कर दिया है। इसके बाद टीईटी परीक्षा सकुशल संपन्न कराना उनके लिए एक चुनौती थी, लेकिन वह इस परीक्षा को शुचितापूर्ण ढंग से कराने में सफल नहीं हो पाए और, जिसका खामियाजा उन्हें निलंबन की कार्रवाई के रूप में भुगतना पड़ा।
यूपीटीईटी-2021 पेपर लीक होने के मामले में परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय पर गिरी गाज, शासन ने किया निलंबित
UP TET-2021 Paper Viral Case उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता (टीईटी) परीक्षा-2021 का पेपर वायरल होने के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। संजय उपाध्याय पर ही इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी थी।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 का रविवार को पेपर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई जारी है। परीक्षा निरस्त करने और मामले की जांच उत्तर प्रदेश एसटीएफ को सौंपने के बाद सरकार ने एक और बड़ा एक्शन लिया है।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता (टीईटी) परीक्षा-2021 का पेपर वायरल होने के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। संजय उपाध्याय पर ही इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी थी। सरकार ने पेपर लीक होने के मामले को उनकी बड़ी चूक माना है। निलंबन की अवधि में संजय उपाध्याय को लखनऊ में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय से सम्बद्ध किया है।
उत्तर प्रदेश शासन में बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव आरवी सिंह ने बताया कि संजय उपाध्याय के स्थान पर अभी किसी की तैनाती नहीं हुई है। शीघ्र ही किसी की तैनाती की जाएगी।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने की गाज सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय पर गिरी है। 28 नवम्बर को इसका पेपर लीक होने के बाद से ही एक्शन में आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिम्मेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
सचिव परीक्षा नियामक संजय उपाध्याय को शुचितापूर्ण, नकलविहीन और शांतिपूर्ण ढंग से यूपी-टीईटी न किराने का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। यूपी टीईटी मामले में शासन को अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। महत्वपूर्ण परीक्षा की व्यवस्था संभाल न पाने और प्रथम दृष्टया गोपनीयता न बरतने पर कार्रवाई की गई है।अब सरकार का लक्ष्य 28 दिसंबर से पहले परीक्षा कराने का है। माना जा रहा है कि सरकार 26 दिसंबर को परीक्षा का आयोजन कराएगी।
प्रदेश में बीते रविवार को दो पालियों में प्रस्तावित यूपी-टीईटी का पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। परीक्षा में 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना था। प्रथम पाली में दस से साढ़े बारह बजे तक प्रदेश भर में 2554 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाना था और द्वितीय पाली में 2:30 से पांच बजे तक 1754 केंद्रों पर उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन होना था। टीईटी प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 13.52 लाख और टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8.93 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
सरकार अब इनकी परीक्षा फिर से कराने की योजना बना रही है। इसके लिए किसी भी अभ्यर्थी को दोबारा कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।
68500 शिक्षक भर्ती में व्यापक हेरफेर पर निलंबित की गईं थीं सुत्ता सिंह
प्रयागराज : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के स्तर पर गड़बड़ी होने के मामले में दूसरी बार सचिव पर बड़ी कार्रवाई की है। इसके पहले वर्ष 2018 में 68500 शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप में कार्रवाई की थी, जिसमें तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह सहित कई अफसरों को निलंबित किया गया था।
अब यूपीटीईटी में गोपनीयता के उच्चस्तरीय मानदंडों का पालन नहीं करने के आरोप में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित किया गया है। 68500 शिक्षक भर्ती मामले में कापियां बदलने से लेकर अभ्यर्थियों को परीक्षा में मिले नंबरों तक में व्यापक स्तर पर हेरफेर किया गया था। तब सुत्ता सिंह सचिव थीं। उस समय उत्तर पुस्तिका पर परीक्षा हुई थी। कई अभ्यर्थी जानबूझकर फेल किए जाने की शिकायत लेकर हाई कोर्ट चले गए। उस समय योगी सरकार ने भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन सचिव, परीक्षा नियंत्रक जीतेंद्र सिंह ऐरी सहित कुछ और अफसरों पर निलंबन की कार्रवाई की थी।