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Tuesday, November 30, 2021

पांच माह में ही डगमगा गई सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की कुर्सी, पेपर छापने वाली एजेंसी चयन में हुई चूक का खामियाजा सचिव को भुगतना पड़ा

पांच माह में ही डगमगा गई सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की कुर्सी, पेपर छापने वाली एजेंसी चयन में हुई चूक का खामियाजा सचिव को भुगतना पड़ा


प्रयागराज : शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में निलंबित किए गए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय की कुर्सी महज पांच माह में ही डगमगा गई। टीईटी का प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। ऐसे में एजेंसी चयन में हुई चूक का खामियाजा सचिव को भुगतना पड़ा। इससे पूर्व 2018 में 68,500 शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी मिलने पर तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को भी निलंबित किया गया था। 

शिक्षा अधिकारी संजय कुमार उपाध्याय 17 जून 2021 को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी बनाए गए थे। इससे पहले गौतमबुद्धनगर में डायट प्राचार्य रहे। उनके कार्यकाल में दो बड़ी परीक्षाएं हुईं। विगत 17 अक्तूबर को जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा में भी जिले के एक केंद्र पर प्रधानाध्यापक ने अपनी बेटी को पास कराने के लिए एक शिक्षक को व्हाट्सएप पर पेपर भेजा था।

हालांकि समय पर एसटीएफ ने कार्रवाई की और आरोपियों को दबोच लिया। वरना इस परीक्षा के पेपर भी वायरल होने में देर नहीं लगती। हालांकि इस परीक्षा का पीएनपी ने परिणाम जारी कर दिया है। इसके बाद टीईटी परीक्षा सकुशल संपन्न कराना उनके लिए एक चुनौती थी, लेकिन वह इस परीक्षा को शुचितापूर्ण ढंग से कराने में सफल नहीं हो पाए और, जिसका खामियाजा उन्हें निलंबन की कार्रवाई के रूप में भुगतना पड़ा।




यूपीटीईटी-2021 पेपर लीक होने के मामले में परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय पर गिरी गाज, शासन ने किया निलंबित

UP TET-2021 Paper Viral Case उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता (टीईटी) परीक्षा-2021 का पेपर वायरल होने के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। संजय उपाध्याय पर ही इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी थी।


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 का रविवार को पेपर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई जारी है। परीक्षा निरस्त करने और मामले की जांच उत्तर प्रदेश एसटीएफ को सौंपने के बाद सरकार ने एक और बड़ा एक्शन लिया है।


उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता (टीईटी) परीक्षा-2021 का पेपर वायरल होने के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। संजय उपाध्याय पर ही इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी थी। सरकार ने पेपर लीक होने के मामले को उनकी बड़ी चूक माना है। निलंबन की अवधि में संजय उपाध्याय को लखनऊ में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय से सम्बद्ध किया है।


उत्तर प्रदेश शासन में बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव आरवी सिंह ने बताया कि संजय उपाध्याय के स्थान पर अभी किसी की तैनाती नहीं हुई है। शीघ्र ही किसी की तैनाती की जाएगी।


उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने की गाज सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय पर गिरी है। 28 नवम्बर को इसका पेपर लीक होने के बाद से ही एक्शन में आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिम्मेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।


 सचिव परीक्षा नियामक संजय उपाध्याय को शुचितापूर्ण, नकलविहीन और शांतिपूर्ण ढंग से यूपी-टीईटी न किराने का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। यूपी टीईटी मामले में शासन को अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। महत्वपूर्ण परीक्षा की व्यवस्था संभाल न पाने और प्रथम दृष्टया गोपनीयता न बरतने पर कार्रवाई की गई है।अब सरकार का लक्ष्य 28 दिसंबर से पहले परीक्षा कराने का है। माना जा रहा है कि सरकार 26 दिसंबर को परीक्षा का आयोजन कराएगी।


प्रदेश में बीते रविवार को दो पालियों में प्रस्तावित यूपी-टीईटी का पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। परीक्षा में 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना था। प्रथम पाली में दस से साढ़े बारह बजे तक प्रदेश भर में 2554 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाना था और द्वितीय पाली में 2:30 से पांच बजे तक 1754 केंद्रों पर उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन होना था। टीईटी प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 13.52 लाख और टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8.93 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।


सरकार अब इनकी परीक्षा फिर से कराने की योजना बना रही है। इसके लिए किसी भी अभ्यर्थी को दोबारा कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।



68500 शिक्षक भर्ती में व्यापक हेरफेर पर निलंबित की गईं थीं सुत्ता सिंह

प्रयागराज : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के स्तर पर गड़बड़ी होने के मामले में दूसरी बार सचिव पर बड़ी कार्रवाई की है। इसके पहले वर्ष 2018 में 68500 शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप में कार्रवाई की थी, जिसमें तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह सहित कई अफसरों को निलंबित किया गया था।

 अब यूपीटीईटी में गोपनीयता के उच्चस्तरीय मानदंडों का पालन नहीं करने के आरोप में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित किया गया है। 68500 शिक्षक भर्ती मामले में कापियां बदलने से लेकर अभ्यर्थियों को परीक्षा में मिले नंबरों तक में व्यापक स्तर पर हेरफेर किया गया था। तब सुत्ता सिंह सचिव थीं। उस समय उत्तर पुस्तिका पर परीक्षा हुई थी। कई अभ्यर्थी जानबूझकर फेल किए जाने की शिकायत लेकर हाई कोर्ट चले गए। उस समय योगी सरकार ने भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन सचिव, परीक्षा नियंत्रक जीतेंद्र सिंह ऐरी सहित कुछ और अफसरों पर निलंबन की कार्रवाई की थी।

Good News : योगी सरकार दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में शुरू करेगी छात्रों को लैपटॉप एवं स्मार्टफोन देना

Good News : योगी सरकार दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में शुरू करेगी छात्रों को लैपटॉप एवं स्मार्टफोन देना


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ युवाओं को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के लिए जल्द बड़ी सौगात देने वाले हैं। उम्मीद है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह से निशुल्क स्मार्टफ़ोन और टैबलेट का वितरण शुरु हो जाएगा इसके लिए डीजी शक्ति नाम से पोर्टल बनाया गया है, जिसे जल्द ही सीएम योगी लांच करेंगे। इसी पोर्टल के माध्यम से स्मार्टफोन और टैबलेट का वितरण और छात्रों को भविष्य में पढ़ाई के लिए कंटेंट्स दिया जाएगा। इसके अलावा स्मार्टफ़ोन और टैबलेट के बारे में समय-समय पर छात्रों को उनके मोबाइल नंबर्स और मेल आईडी पर सूचनाएं दी जाएगी।

सरकार की ओर से छात्रों को फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट देने के लिए राहत दी गई है और उन्हें कहीं भी पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है। पंजीकरण से लेकर स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण तक पूरी व्यवस्था निशुल्क है। छात्रों का डेटा कॉलेजों की ओर से यूनिवर्सिटी को दिया जा रहा है और यूनिवर्सिटी के माध्यम से ही छात्रों के डेटा फीडिंग हो रही है। सोमवार तक करीब 27 लाख छात्रों का डेटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। शेष अन्य छात्रों के डेटा फीडिंग की भी प्रक्रिया तेजी से चल रही है।



यूपी :  टैबलेट-मोबाइल देने के लिए आईटी क्षेत्र का सबसे बड़ा टेंडर, तीन महीने में टैबलेट व मोबाइल की आपूर्ति करनी होगी


लखनऊ : प्रदेश में युवाओं को मुफ्त टैबलेट और मोबाइल वितरण के लिए आईटी क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा 4700 करोड़ रुपये का टेंडर खुला है। इसके लिए सैमसंग, लावा, विशटल व एसर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर दाखिल किए हैं। टेंडर किस कंपनी को मिलेगा, यह दिसंबर के पहले हफ्ते में पता चलेगा।



यूपीडेस्को टेंडर हासिल करने वाली कंपनी को आपूर्ति का आदेश जारी करेगा। कंपनी को तीन महीने में टैबलेट व मोबाइल की आपूर्ति करनी होगी। प्रदेश में स्नातक व स्नातकोत्तर समेत अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 68 लाख विद्यार्थियों को इसका वितरण किया जाना है।


यूपीडेस्को में सोमवार शाम ऑनलाइन निविदा खोली गई। आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने बताया कि टैबलेट के लिए विशटल(आईरिस), सैमसंग (विजन) और एसर (सेलकॉन) कंपनी ने टेंडर दाखिल किया है। वहीं, स्मार्टफोन के लिए लावा, सैमसंग (सेलकॉन) और सैमसंग (यूनाइटेड) ने टेंडर दाखिल किया है। 


बृहस्पतिवार तक सभी फर्मों की तकनीकी निविदा की जांच करने के बाद अर्ह योग्य फर्मों की वित्तीय निविदा खोली जाएगी। दिसंबर के पहले सप्ताह तक वित्तीय निविदा निस्तारित कर चुनी गई फर्म को कार्य का आदेश जारी किया जाएगा। यूपीडेस्को के एक अधिकारी ने बताया कि टैबलेट और मोबाइल खरीद का टेंडर देश में आईटी के क्षेत्र का सबसे बड़ा टेंडर है।दिसंबर में शुरू हो जाएगी आपूर्ति 40 फीसदी आपूर्तिअपर मुख्य सचिव अरविंद ने बताया कि कंपनी को आदेश जारी होने की तारीख से तीन माह की अवधि में टैबलेट व मोबाइल की आपूर्ति करनी होगी। पहले महीने में 40 फीसदी आपूर्ति करनी होगी। यानी वर्क ऑर्डर जारी होने से 30 दिन के अंदर यानी दिसंबर से जनवरी के प्रथम सप्ताह तक आपूर्ति करनी होगी। दूसरे और तीसरे महीने में 30-30 प्रतिशत आपूर्ति करनी होगी।

UGC ने सभी विश्वविद्यालयों व कालेजों को दिए खाली पदों को भरने के निर्देश, 31 दिसम्बर तक खाली पदों की मांगी जानकारी

UGC ने सभी विश्वविद्यालयों व कालेजों को दिए खाली पदों को भरने के निर्देश, 31 दिसम्बर तक खाली पदों की मांगी जानकारी

अध्यापकों के खाली पदों को भरने में दिखाएं तेजी: यूजीसी


नई दिल्ली: उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने की एक बड़ी मुहिम शुरू की है। इसकी शुरुआत केंद्रीय विश्वविद्यालयों से की गई है, जिसे अब आगे बढ़ाते हुए देशभर के सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों को भी जोड़ा गया है।



इन सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को फिलहाल शिक्षकों के खाली पड़े पदों को तेजी से भरने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा 31 दिसंबर तक देने को कहा गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों को इस संबंध में दिए गए अपने निर्देश में कहा है कि जितनी जल्द ही वह शिक्षकों के खाली पदों को भरने का काम पूरा करें।


इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी भी उन्हें दें। यूजीसी के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देशभर में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए जिस तेजी के साथ मुहिम छेड़ी गई है, उनमें शिक्षकों के खाली पदों को भरना बेहद जरूरी है क्योंकि इसके बगैर इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल है। बता दें कि नीति में भी शिक्षकों के खाली पदों को भरने पर जोर दिया गया है।

राज्य स्तर पर होने वाली राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2021-22 के लिए 24 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे

राज्य स्तर पर होने वाली राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2021-22 के लिए 24 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे


प्रयागराज : राज्य स्तर पर होने वाली राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा 2021-22 इस बार 16 जनवरी को होगी। इसके लिए आनलाइन आवेदन प्रक्रिया 27 नवंबर से शुरू हो चुकी है। अभ्यर्थी 24 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे। डाक द्वारा या अन्य किसी माध्यम से आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।




मनोविज्ञानशाला की निदेशक ऊषा चंद्रा ने बताया कि परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन संबंधी विस्तृत जानकारी www.entdata.co.in पर हासिल की जा सकती है। इस परीक्षा में किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा दस के विद्यार्थी ही शामिल हो सकते हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अभ्यर्थियों को 30 रुपये व अन्य अभ्यर्थियों को 50 रुपये आनलाइन जमा करना होगा।


📌 आवेदन करने के लिए यहां जाएं क्लिक करके: 

रसोइयों ने मांगा चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का दर्जा तो कस्तूरबा विद्यालय की चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने भी स्थायीकरण करने की भरी हुंकार

रसोइयों ने मांगा चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का दर्जा तो कस्तूरबा विद्यालय की चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने भी स्थायीकरण करने की भरी हुंकार



लखनऊ। उप्र. मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन के बैनर तले रसोइयों ने सोमवार को प्रदर्शन कर चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मियों का दर्जा देने की मांग की। उधर, कस्तूरबा गांधी विद्यालय की चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने भी स्थायीकरण करने की हुंकार भरी।


 ईको गार्डन में हुए प्रदर्शन के दौरान ऑल इंडिया सेंट्रल कांउसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एक्टू) के प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही ने कहा कि 1500 रुपये महीने मानदेय पर कार्य करना गुलामी करने जैसा है। इसके बावजूद पांच माह से पैसा नहीं मिला है। 


प्रदेश संयोजक साधना पांडे ने रसोइयों को कम से कम 21 हजार मानदेय देने, बकाया भुगतान करने की मांग की। इस मौके पर सरोजनी देवी, सुनीता मौजूद रहीं। 


उधर, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय चतुर्थ श्रेणी संविदा कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष आरबी लाल गौतम ने कहा कि रसोइयों अतिरिक्त कार्य न लिया जाए।

Monday, November 29, 2021

खुशखबरी! छत्रपति शाहू जी महाराज विवि कानपुर ने शुल्क किया माफ, छात्रों को फ्री मिलेगी डिग्री

खुशखबरी! छत्रपति शाहू जी महाराज विवि ने शुल्क किया माफ, छात्रों को फ्री मिलेगी डिग्री


छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के लाखों छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। वर्ष 2020 या इससे पहले पास होने वाले छात्रों को डिग्री के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। सिर्फ घर मंगाने के लिए कोरियर का 200 रुपये शुल्क ऑनलाइन जमा करना होगा।

सीएसजेएमयू से प्रति वर्ष चार से पांच लाख छात्र-छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई पूरी कर निकलते हैं। विश्वविद्यालय से डिग्री लेने का शुल्क अभी तक 800 रुपये था। वर्ष 2013 से पहले के छात्रों को 1300 रुपये डिग्री शुल्क देना होता था। साथ ही, 200 रुपये घर तक डिग्री पहुंचाने का चार्ज था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अगुवाई में परीक्षा समिति में डिग्री का शुल्क माफ करने का फैसला लिया गया है।


विश्वविद्यालय में करीब 10 लाख से अधिक डिग्रियां बनी रखी हैं, जिन्हें संबंधित छात्र लेने नहीं आ रहे हैं। रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि छात्रों को आवेदन करना होगा और डिग्री उनके घर पहुंच जाएगी। वर्ष 2007 से अब तक के छात्र ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इससे पहले के छात्रों को ऑफलाइन आवेदन करना होगा।

UPTET एग्जाम के लिए जल्द तय होगी नई तारीख

UPTET एग्जाम के लिए जल्द तय होगी नई तारीख

लखनऊ। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2021 की नई तारीख जल्द तक तय की जाएगी। सोमवार को दिनभर परीक्षा की तारीख को लेकर मशक्कत चलती रही। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि 26 नवंबर को टीईटी कराने की तिथि प्रस्तावित की गई है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं कि 26 दिसंबर को कोई अन्य भर्ती या पात्रता परीक्षा तो प्रस्तावित नहीं है।



UPTET 2021 New Exam Date : क्या 26 दिसंबर को होगी यूपीटीईटी परीक्षा? जानिए यूपी सरकार का जवाब


यूपी सरकार ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा है कि यूपीटीईटी परीक्षा की नई तिथि का ऐलान कर दिया गया है। कुछ मीडिया संस्थानों में 26 दिसंबर को परीक्षा के आयोजन की खबरें प्रसारित होने के बाद यूपी सरकार ने यह स्पष्टीकरण जारी किया।


बेसिक शिक्षा विभाग की सचिव अनामिका सिंह ने बताया कि अभी टीईटी की नई तारीख तय नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि नई तिथि और विभागीय जांच पर निर्णय मंगलवार तक किया जाएगा। 


 यूपी सरकार ने कहा कि अभी उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) की नई तिथि को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।  गौरतलब है कि पेपर लीक होने के चलते रविवार को यूपीटीईटी परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। 


सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'कुछेक मीडिया संस्थान द्वारा 26 दिसंबर को परीक्षा की नई तिथि घोषित किये जाने का समाचार चलाया जा रहा है। इस सम्बंध में सूचनार्थ है कि यूपीटीईटी की नई परीक्षा तिथि का अभी कोई निर्णय नही लिया गया है, भ्रामकता की स्थिति न उत्पन्न हो इसलिए ऐसी खबर न प्रसारित की जाए।'

नियामक प्राधिकारी कार्यालय की भूमिका हर परीक्षा में रही संदिग्ध, शिक्षक भर्ती में भी उठे थे सवाल

नियामक प्राधिकारी कार्यालय की भूमिका हर परीक्षा में रही संदिग्ध, शिक्षक भर्ती में भी उठे थे सवाल


लखनऊ। सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा हो या शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी), उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय हमेशा संदेह के दायरे में रहा है। सरकार की ओर से जब जब बड़ी जिम्मेदारी दी गई, संस्था ने सरकार की छवि को कटघरे में खड़ा करने के साथ ही लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य पर प्रश्न चिह्न लगा है।

सरकार की ओर से बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक भर्ती लिखित परीक्षा कराने के निर्णय के बाद 2017-18 में पहली बार परीक्षा नियामक प्राधिकारी को इसकी जिम्मेदारी दी गई। परिणाम जारी होने के बाद जब अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया तो उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच कराई गई।

 पहली बार हुई जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का पता चला। वहीं तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव सुक्ता सिंह और रजिस्ट्रार जिवेंद्र सिंह को निलंबित किया गया। हालांकि सुक्ता सिंह को कुछ समय बाद बहाल कर लखनऊ स्थित निदेशालय में महत्वपूर्ण पद पर तैनाती दी गई। वहीं, 2019-20 में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में भी प्रयागराज में प्रश्न पत्र लीक होने का मामला सामने आया। 

हालांकि पुलिस के स्तर पर प्रारंभिक जांच में प्रश्न पत्र लीक नहीं माना गया, पर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया। गलत प्रश्नों को लेकर भी अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से आयोजित डीएलएड परीक्षा के प्रश्न पत्र पहले भी कई बार लीक होते रहे ह


UPTET से पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा और डीएलएड में भी हुई थी किरकिरी, PNP पर लगातार लगते रहे दाग


■ 68500 शिक्षक भर्ती में पीएनपी सचिव सहित कई पर हुई कार्रवाई 

■ नकल के खेल में डीएलएड की कौशांबी में रद की गई थी परीक्षा


 प्रयागराज : यह तो जांच में सामने आएगा कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2021 का पर्चा आउट करने में किस-किस की भूमिका रही, लेकिन उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) की परीक्षाओं पर दाग पहले भी लगते रहे हैं। बेसिक शिक्षा की 68500 शिक्षक भर्ती में तो मनमानी की इंतहा हो गई थी। परीक्षा एजेंसी के स्तर पर कापियां बदले जाने से लेकर फेल को पास और पास को फेल करने का खेल बड़े स्तर पर हुआ था, जिसमें हाई कोर्ट के कड़े रुख के बाद कई अफसरों पर कार्रवाई हुई थी। 



इसके अलावा डीएलएड परीक्षा भी पर्चा आउट होने के कारण रद करनी पड़ी थी। 68500 शिक्षक भर्ती में कापी बदले जाने का मामला लेकर महिला अभ्यर्थी राधिका देवी कोर्ट गई तो बड़े स्तर पर गड़बड़ी किए जाने का मामला सामने आया। परीक्षा संस्था की ओर से याची राधिका की कापी कोर्ट में प्रस्तुत की गई तो वह उसकी थी ही नहीं। यह मामला सामने आने के बाद फेल किए गए कई अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच गए। खेल इस स्तर पर हुए थे कि कई अभ्यर्थियों के अंक दूसरे की कापी पर चढ़ा दिए गए थे। इसके चलते तमाम फेल अभ्यर्थी पास तो तमाम पास अभ्यर्थी फेल हो गए थे। 


हाई कोर्ट के आदेश पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की कापियों का पुनर्मूल्यांकन कराया गया तो करीब 4500 अभ्यर्थी सफल हुए थे। मामले में हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद तत्कालीन सचिव, परीक्षा नियंत्रक सहित कई अफसरों पर कार्रवाई हुई थी। इस भर्ती परीक्षा में आरक्षण निर्धारण में भी खेल किया गया था। आरक्षण निर्धारण विवाद के कारण बाद में 6127 अन्य अभ्यर्थी चयनित घोषित किए गए थे। गड़बड़ी के स्तर का अनुमान इससे भी लगता है कि 68500 शिक्षक भर्ती के कई अभ्यर्थी अभी भी लटके हुए हैं और उसके बाद आई 69000 शिक्षक भर्ती पूरी हो गई। पीएनपी की डीएलएड परीक्षा भी सवालों के घेरे में आई थी। कौशांबी में पर्चा आउट होने पर परीक्षा को निरस्त करना पड़ा था। इसके अलावा यूपीटीईटी भी इसके पहले विवादित रही है। पर्चा आउट कराने व नकल के आरोप लगे। हालांकि कार्रवाई कुछ नहीं हुई।

पेपर लीक पर क्या बोले सीएम योगी और बेसिक शिक्षा मंत्री, जानिए महत्वपूर्ण बातें।

सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- पेपर लीक के दोषियों के खिलाफ रासुका व गैंगस्टर एक्ट के तहत होगी कार्रवाई, जब्त होगी संपति

UPTET : दोबारा टीईटी परीक्षा होने पर अभ्यर्थियों को मिलेगी मुफ्त बस सुविधा, योगी आदित्यनाथ ने किया ऐलान

यूपी एसटीएफ करेगी पेपर लीक मामले की जांच: बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीटीईटी परीक्षा का पर्चा लीक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि परीक्षा दोबारा होने पर अभ्यर्थियों को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी जाएगी। उनका प्रवेश पत्र ही रोडवेज बस का टिकट होगा। 

 उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 का पेपर रविवार को इंटरनेट मीडिया पर लीक होने के बाद प्रदेश सरकार और शासन तत्काल एक्शन में आ गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण में गिरफ्त में आए लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में हम नकल माफिया को ठहरने नहीं देंगे।  गिरफ्तार सभी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। इसके साथ ही इन लोगों की अवैध संपति को भी जब्त किया जाएगा। हम इनकी सारी अवैध संपति पर बुलडोजर भी चलवाएंगे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टीईटी पेपर लीक करने वालों के घरों पर सरकार का बुलडोजर चलेगा। 

उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि इस शरारत करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। टीईटी परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा केंद्रों तक जाने के लिए मुफ्त बस सेवा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे निर्देश पर एसटीएस ने पेपर लीक मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी अभ्यर्थी को कहीं पर भी परेशानी ना हो।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार यूपी टीईटी के अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है। अब एक महीने के अंदर पारदर्शी तरीके से यह परीक्षा आयोजित होगी। इसमें शामिल होने के लिए किसी भी अभ्यर्थी से कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही परीक्षा देने वाले सभी अभ्यर्थियों को आने-जाने के लिए भी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी। हमारे नौजवान बहनों-भाइयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। आप सबको हुई असुविधा के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा जरूर मिलेगी। आपकी सरकार शुचितापूर्वक एवं पारदर्शी तरीके से परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए कृतसंकल्पित है।



पेपर लीक होने के प्रकरण पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि यूपी टीईटी की परीक्षा के पेपर लीक होने की सूचना मिली है। इसी कारण दोनों पालियों की परीक्षा तत्काल प्रभाव से निरस्त की जा रही है। अब पुन: एक महीने के भीतर अभ्यर्थियों से बिना कोई शुल्क लिए परीक्षा कराई जाएगी। इसके साथ ही इस प्रकरण में एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए है और यूपी एसटीएफ को जांच सौंपी जा रही है ताकि दोषियों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।

यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने रविवार को कहा कि यूपीटीईटी परीक्षा का पेपर लीक मामले की जांच यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) करेगी और एक माह के भीतर ही दोबारा परीक्षा करायी जाएगी। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि एक माह के भीतर अभ्यर्थियों से बिना किसी शुल्क लिए परीक्षा कराई जाएगी।

पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ जांच कर रही है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। शीघ्र ही दोषियों को गिरफ्तार करके उनके विरुद्ध कारवाई की जाएगी। इस बार परीक्षा निर्विवाद ढंग से संपन्न कराई जाएगी। गौरतलब है कि रविवार को पेपर लीक होने के बाद यूपीटीईटी की परीक्षा निरस्त कर दी गयी थी। पेपर शुरू होने के बाद परीक्षा रद्द होने का फरमान आने से अथ्यर्थी मायूस हुए और कई स्थानों पर उनकी संचालकों के साथ तीखी झडप भी हुई।

फिर पर्चा लीक : शुचिता को छिन्न-भिन्न करने वालों के विरुद्ध सरकार की कठोर कार्रवाई का इंतजार

UPTET  :  भारी पड़े नक़ल माफिया और जालसाज, बड़े स्तर की तैयारी और दावों की कश्ती पर सवार सरकारी मशीनरी फेल, 

परीक्षा एजेंसी से लेकर कोषागार के बीच की कड़ी संदेह के घेरे में

फिर पर्चा लीक :  शुचिता को छिन्न-भिन्न करने वालों के विरुद्ध सरकार की कठोर कार्रवाई का इंतजार


उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) 2021 का प्रश्नपत्र लीक होना जितना सनसनीखेज है, उतना ही दुर्भाग्यपूर्ण भी। 21 लाख से अधिक परीक्षार्थियों के भविष्य से जुड़ी इस परीक्षा के रद होने से उनके स्वजन समेत करीब एक करोड़ लोगों को तगड़ा झटका लगा है। इसे भांपते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराने का एलान करके परीक्षार्थियों के साथ खड़े होने का भरोसा दिया है। 

परीक्षा केंद्रों तक आने-जाने के लिए अभ्यर्थियों को मुफ्त बस यात्र की सुविधा भी दी जाएगी। पर्चा लीक करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने और उनकी संपत्तियां जब्त करने का आश्वासन भी दिया गया है। यह आश्वस्ति अपनी जगह है लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि कोई साल्वर गैंग इतनी बड़ी परीक्षा की शुचिता भंग करने में सफल कैसे हो गया। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) की परीक्षाओं पर पूर्व में दाग लगे होने के बावजूद इसी एजेंसी को यूपीटीईटी का जिम्मा क्यों दिया गया, इसका भी जवाब खोजना ही पड़ेगा।

यूपी-बिहार समेत कई राज्यों के साल्वर और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी बताती है कि पर्चा लीक करने वालों का गैंग कितना बड़ा है और उसका दायरा कितना विस्तृत। यह परीक्षा एजेंसी के साथ-साथ संगठित अपराध पर नजर रखने वाली एजेसियों की भी बड़ी विफलता है। स्पेशल टास्क फोर्स साल्वर गैंग और उनके नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश करेगी ही लेकिन, इससे इतना स्पष्ट है कि पूर्व की घटनाओं से अभी कोई सबक नहीं लिया गया है। 

डीएलएड परीक्षा भी पर्चा आउट होने के कारण रद करनी पड़ी थी। पीएनपी की ही देखरेख में हुई 68,500 शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रकरण हाई कोर्ट पहुंचने पर पता लगा कि कई अभ्यर्थियों की कापी के अंक दूसरों को चढ़ा दिए गए थे। अदालती आदेश पर हुए पुनमरूल्यांकन में करीब साढ़े चार हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे। हालांकि, यह भर्ती अभी तक अटकी ही है। बहरहाल, यूपीटीईटी की शुचिता को छिन्न-भिन्न करने वालों के विरुद्ध सरकार को इतनी कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए कि भविष्य में कोई इसकी हिमाकत न कर सके।



UPTET जैसी बड़ी परीक्षा में अफसर केंद्रों पर नकल रोकने का प्रबंध करते रह गए और माफिया उसके पहले ही पर्चा पार कर ले गए। प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा कराने के लिए परीक्षा एजेंसी ने प्रश्नपत्र दो से तीन दिन पहले कोषागार में भेज दिए गए थे। रविवार को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाए जाने के पहले ही प्रश्नपत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। इससे परीक्षा एजेंसी से लेकर कोषागार के बीच की कड़ी संदेह के घेरे में आ गई है। 


इस परीक्षा को सुचितापूर्ण और नकल विहीन कराने के लिए बढ़े स्तर पर रणनीति बनाई गईं थी। इसके लिए परीक्षा संस्था उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी), शासन, प्रशासन, पुलिस ब शिक्षा विभाग के अधिकारी लगे हुए थे। मुख्य सचिब ने 22 नवंबर को सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी तथा पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।


 प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने 25 नवंबर को प्रदेश के मंडल एबं जिला स्तर के अधिकारियों संग बीडियो कान्फ्रेंसिंग कर निर्देश देने के साथ की गई तैयारियों को परखा था. लाइव सीसीटीबी सर्बिलांस के माध्यम से प्रदेश के प्रत्येक परीक्षा केंद्रों की समस्त गतिविधियों को कंट्रोल रूम से सीधे देखने की व्यवस्था की गई थी। इस बड़े स्तर की तैयारी और दाबे पर नकल माफिया व जालसाज भारी पड़ गए। पूरी सरकारी मशीनरी और उसकी भारी भरकम व्यवस्था को इस कदर विफल कर दिया कि आयोजकों के पास पूरी परीक्षा को ही निरस्त करने के सिवाय दूसरा विकल्प ही नहीं रह गया था।

उठ रहे सवाल : सरकारी प्रेस में क्यों नहीं छपवाते पेपर, प्रश्न पत्र छापने वाली एजेंसी की भूमिका को लेकर प्रश्नचिन्ह

उठ रहे सवाल : सरकारी प्रेस में क्यों नहीं छपवाते पेपर,  प्रश्न पत्र छापने वाली एजेंसी की भूमिका को लेकर प्रश्नचिन्ह


पेपर लीक के बाद एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि गवर्नमेंट प्रेस से प्रश्न पत्र क्यों नहीं छपवाए जाते? प्राइवेट लोगों के हाथ में यह काम क्यों सौंपा जाता है? जब यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए करोड़ों कापियां राजकीय मुद्रणालय में छपवाई जा सकती हैं तो पेपर छपवाने जैसे गोपनीय कार्य को निजी लोगों के हाथ में क्यों दिया जाता है।


प्रिंटिंग फर्म की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही
इस प्रकरण में प्रिंटिंग फर्म की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से कराई गई 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी प्रिंटिंग फर्म ने भारी अनियमितताएं की थी। ऐसे अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया था जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए।

  

लखनऊ : प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल व प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप लगना आम बात है। लगभग हर परीक्षा के दौरान व बाद में ऐसी बातें सामने आती रही हैं, लेकिन सत्य से सरोकार न होने से आरोप सिरे से खारिज होते रहे हैं। इस बार परीक्षा की सुबह की जगह शनिवार शाम को ही इंटरनेट पर प्रश्नपत्र व हल सामग्री वायरल हुई तो एसटीएफ ने उसकी जांच कराई। 


प्रश्नपत्र सही मिला और कुछ ही घंटों में पेपर कई जिलों के वाट्सएप ग्रुपों पर पहुंच गया। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि पेपर शनिवार को ही वायरल हुआ। प्रश्नपत्र परीक्षा संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय प्रयागराज ने तैयार कराकर एजेंसी के माध्यम से छपवाया था। प्रश्नपत्र कौन सी एजेंसी छाप रही है, ये गोपनीय होता है, इसीलिए एडीजी ने पेपर छापने वाली एजेंसी का नाम लेने तक से परहेज किया। सिर्फ यही कहा कि इसकी एसटीएफ छानबीन कर रही है।

UPTET परीक्षा निरस्त होने से आगामी शिक्षक भर्ती भी होगी प्रभावित, विधानसभा चुनाव की अधिसूचना की आशंका से अभ्यर्थी परेशान

UPTET परीक्षा निरस्त होने से आगामी शिक्षक भर्ती भी होगी प्रभावित, विधानसभा चुनाव की अधिसूचना की आशंका से अभ्यर्थी परेशान


उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) निरस्त होने से बेरोजगारों को झटका लगा है। डीएलएड (बीटीसी) और बीएड प्रशिक्षित बेरोजगार लंबे समय से भर्ती शुरू करने की मांग कर रहे थे। 69000 भर्ती के बाद से दूसरी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी।


यूपी-टीईटी के आयोजन से बेरोजगारों में नई भर्ती की उम्मीद जगी थी कि विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सरकार नई भर्ती शुरू कर सकती है। लेकिन परीक्षा निरस्त होने से बेरोजगारों की उम्मीदों को झटका लगा है। नई शिक्षक भर्ती के लिए युवाओं ने 15 नवंबर को प्रयागराज में बड़ा प्रदर्शन किया था।


अभ्यर्थियों का कहना है कि टीईटी और सीटीईटी पास बेरोजगार प्रशिक्षुओं की संख्या लगभग 10 लाख है। अकेले डीएलएड और बीटीसी के ही पांच लाख से ज्यादा प्रशिक्षित बेरोजगार हैं। डीएलएड 2017 बैच के आलोक मिश्रा का कहना है कि 2019 में 69000 भर्ती आने के बाद से कोई भर्ती नहीं आई है।


वैसे भी 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन सुप्रीम कोर्ट से जुलाई 2017 में निरस्त होने के बाद दो किस्तों में 68500 और 69000 भर्ती निकाली गई थी। इस लिहाज से देखा जाए तो पिछले पांच साल में कोई नए पद पर भर्ती शुरू नहीं हो सकी है।


प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जून 2020 में इस बात को स्वीकार किया था कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 51,112 पद खाली थे। हर साल औसतन 12 हजार प्राइमरी शिक्षक रिटायर होते हैं। ऐसे में सहायक अध्यापकों के एक लाख से अधिक पद खाली हैं।


अब टीईटी एक महीने टलने से आशंका है कि कहीं बीच में ही विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी न हो जाए। ऐेसा होता है तो नई भर्ती की उम्मीद अगली सरकार से ही करनी होगी।

Sunday, November 28, 2021

UPTET पेपर लीक: लखनऊ से प्रयागराज तक एक्शन, पेपर लीक करने वालों की संपत्ति जब्त होगी- CM योगी

UPTET 2021 परीक्षा पेपर लीक के बाद रद्द, CM योगी ने बताया अब कब होगी परीक्षा

UPTET का पेपर लीक करने वालों की संपत्ति जब्त होगी- CM योगी


यूपी टीईटी का पेपर लीक होने के मामले पर सीएम योगी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, UPTET का पेपर लीक करने वाले गिरोह को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. दोषियों को चिह्नित कर त्वरित कार्रवाई की जा रही है. दोषियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी.

 



UPTET पेपर लीक: लखनऊ से प्रयागराज तक एक्शन, 23 अरेस्ट, कई के पास मिली प्रश्न पत्र की फोटोकॉपी

● रविवार सुबह पेपर के साथ पकड़े गए आरोपी
● अब तक 23 की हो चुकी है गिरफ्तारी


UPTET पेपर लीक मामले में अब तक कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसी मामले में मेरठ एसटीएफ ने तीन लोगों को शामली से पकड़ा है. उनसे पूछताछ की जा रही है. एक माह में पुनः परीक्षा कराई जाएगी. परीक्षार्थियों को फॉर्म नहीं भरना होगा और ना ही कोई फीस देनी होगी.


शामली से गिरफ्तार आरोपी ☝️


UPTET पेपर लीक मामले में अब तक कुल 23 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें लखनऊ से 4, शामली से 3, अयोध्या से 2, कौशांबी से 1, प्रयागराज से 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस कड़ी पूछताछ कर रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि पूछताछ में कई सुराग निकलकर सामने आएंगे.

रात में वायरल हुई थी पेपर

प्राप्त जानकारी के अनुसार पेपर रात को वायरल हुआ था और ग्रुप बना कर परीक्षा की तैयारी कराई जा रही थी. गाजियाबाद मेरठ समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में पर्चा वायरल हो रहा था.

कौशांबी से पकड़ा गया रोशन सिंह पटेल पहली पाली की परीक्षा का पेपर लीक कराने का मास्टरमाइंड है. मेरठ से दूसरी पाली की परीक्षा का पेपर लीक कराने वाला पकड़ा गया है. पेपर लीक कराने वाले अंतररजीय कुशवाहा गैंग से भी तार जुड़े बताए जा रहे हैं.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर लखनऊ प्रशांत कुमार ने कहा कि शनिवार देर रात हम लोगों ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें से 4 लोग लखनऊ से, 3 मेरठ से, दो लोग गोरखपुर और वाराणसी से, एक कौशांबी से और 13 लोग प्रयागराज से पकड़े गए हैं. इन लोगों को एसटीएफ की टीम ने पकड़ा है.  UPTET परीक्षा दो पालियों में आयोजित होनी थी. 736 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. 
उन्होंने कहा कि जो भी परीक्षार्थी परीक्षा देने आए थे, वह अपने गंतव्य को अपना एडमिट कार्ड यूपीएसआरटीसी परिवहन सेवा को दिखाकर फ्री में जा सकते हैं, उनको टिकट नहीं लेना होगा. हम लोगों ने निश्चित किया है कि एक महीने में फिर परीक्षा कराएंगे. परीक्षार्थियों को न ही फॉर्म भरना होगा और न ही कोई फीस देनी होगी, परीक्षा का सारा व्यय सरकार उठाएगी.

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के पास से फोटोकॉपी मिली. हम लोगों ने फोटोकॉपी शासन से शेयर की तो पता चला यह वही प्रश्न पत्र है, जो परीक्षा में आने वाले हैं. इसके बाद शासन ने निर्णय किया कि परीक्षा को स्थगित किया जाएगा और परीक्षा स्थगित कर दी गई. पूरे प्रकरण की जांच एसटीएफ द्वारा की जाएगी. इसमें जो भी व्यक्ति या संस्था शामिल है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.


मेरठ से इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
पेपर लीक होने के बाद TET की परीक्षा रद्द किए जाने के मामले में मेरठ एसटीएफ ने तीन लोगों को शामली से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मामले को लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें मनीष, रवि और धर्मेन्द्र शामिल हैं.


रविवार सुबह पेपर के साथ कोतवाली शामली से गिरफ्तार ये तीन लोग अभ्यर्थियों को पेपर देने जा रहे थे. इस मामले में पूछताछ की जा रही है. इनमें मनीष मुख्य आरोपी बताया जा रहा है.

UPTET : यूपीटीईटी का पेपर हुआ लीक, रद्द की गई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा।

UPTET : यूपीटीईटी का पेपर हुआ लीक,  रद्द की गई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा।


UPTET परीक्षा 2021 को स्थगित किये जाने के सम्बंध में परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने समस्त जिलाधिकारियों व डीआईओएस को लिखा पत्र, देखें।



उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) का आयोजन आज यानी रविवार को उत्तर प्रदेश के 2000 से भी ज्यादा केंद्रों में होने वाला था। किंतु परीक्षा शुरू होते ही यूपीटीईटी का प्रश्न पत्र वॉट्सऐप पर वायरल होने लगा। परीक्षा शुरू होने से लेकर अभी तक का अपडेट यहां पढ़िए:

● आज 75 जिलों में ऑफलाइन मोड में सुबह 10 बजे यूपीटीईटी की परीक्षा की शुरुआत हुई।

● परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद प्रश्न पत्र लीक होने की खबर प्राप्त होते ही एसटीएफ ने कई जगहों पर छापामारा।

● छापामारी के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया और पेपर लीक होने की पुष्टी की।

● पुष्टि के तुरंत बाद यूपीटीईटी की परीक्षा को राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया।

● परीक्षा निरस्त होने के बाद लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी प्रशांत कुमार ने अपना बयान जारी किया।



■ एक महीने बाद दोबारा होगी परीक्षा, अभ्यर्थियों को दोबारा नहीं देनी होगी कोई भी फीस, एसटीएफ मामले की जांच में जुटी।

28 नवंबर 2021 को आयोजित की जा रही यूपीटेट परीक्षा रद्द कर दी गई है। Whatsapp पर पेपर लीक होने के बाद ये फैसला लिया गया। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 (पेपर 1) आज (28 नवंबर 2021) सुबह 10 बजे से शुरू हो हुई, लेकिन कुछ ही मिनटों में एक पेपर लीक की खबर के बाद कैंसिल कर दी गई। परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले, मथुरा, गाजियाबाद और बुलंदशहर के कई व्हाट्सएप ग्रुपों पर पेपर वायरल हो गया।


UPTET exam 2021 postponed : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 (यूपी-टीईटी) की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। पेपर लीक की आशंका में उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा निरस्त एसटीएस की सूचना पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने दोनों पारियों की परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय ले लिया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि दोनों पारियों की परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं।



राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा निरस्त की है। बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि प्रश्न पत्र लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त की गई है।


टीईटी 2021 परीक्षा रविवार को दो पालियों में होनी थी। प्रदेश भर में प्रथम पाली में दस से साढ़े बारह बजे तक 2554 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाना था और द्वितीय पाली में 2:30 से पांच बजे तक 1754 केंद्रों पर उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन होना था। 


उल्लेखनीय है कि टीईटी प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 13.52 लाख और टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8.93 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इससे पहले 2019 में आयोजित हुई यूपीटेट में 16 लाख और 2018 में आयोजित हुई इस परीक्षा में तकरीबन 11 लाख अभ्यर्थियों ने भा लिया था। टीईटी परीक्षा में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी भाग लेने जा रहे थे।


टीईटी पर्चा लीक में एसटीएफ ने शामली में तीन आरोपी पकड़े गए हैं। मथुरा में भी दी गयी दबिश। प्राप्त जानकारी के अनुसार पेपर रात को वायरल हुआ था और ग्रुप बना कर परीक्षा की तैयारी कराई जा रही थी। गाजियाबाद मेरठ समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में पर्चा हो रहा था वायरल।


मुरादाबाद में UP TET परीक्षा रद्द होने के बाद परीक्षा केंद्रों के बाहर भीड़ नियंत्रण के लिए फोर्स तैनात किया गया। कटघर सीओ आशुतोष तिवारी ने इस बात की पुष्टि की है।

माध्यमिक शिक्षा : तदर्थ शिक्षकों की सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में।

माध्यमिक शिक्षा : तदर्थ शिक्षकों की सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में।



विधानसभा चुनाव के बाद यूपी बोर्ड परीक्षा, डिप्टी सीएम का बयान

विधानसभा चुनाव के बाद यूपी बोर्ड परीक्षा, डिप्टी सीएम का बयान


प्रयागराज. एशिया की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश यानि उत्तर प्रदेश बोर्ड की 10वीं और 12वीं की 2022 की बोर्ड परीक्षा कब होगी इसको लेकर संशय बना हुआ है.लेकिन सूबे के शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने बोर्ड परीक्षा को लेकर तस्वीर साफ करते हुए  कहा है कि पहले यूपी विधानसभा चुनाव की तिथियां डिक्लेअर होंगी। उसके बाद ही बोर्ड परीक्षा की तिथियां घोषित की जाएंगी. 


उन्होंने कहा है कि कोविड की महामारी के चलते वर्ष 2021 में बोर्ड परीक्षा नहीं हो सकी थी. जिसके चलते परीक्षार्थियों को प्रोन्नत किया गया था. सूबे के शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने यह बात प्रयागराज में एक कार्यक्रम के दौरान कही है।


बोर्ड परीक्षा में इसके बावजूद कुछ परीक्षार्थी फेल हुए थे, उन्हें अंक सुधार परीक्षा के साथ ही परीक्षा देने का मौका सरकार ने देने का काम किया है. यूपी डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा के कहा है कि अभी परीक्षा कार्यक्रम को लेकर बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक होनी है. जिसमें इस पर चर्चा की जाएगी। लेकिन इतना तय है कि चुनाव अगर फरवरी में होते हैं तो चुनाव की तिथियां घोषित होने के बाद ही यूपी बोर्ड की परीक्षा की तिथि घोषित की जा सकेगी।


गौरतलब है कि यूपी बोर्ड की परीक्षा में 51 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल होंगे. 10वीं की परीक्षा में करीब 27 लाख और 12वीं की परीक्षा में करीब 23 लाख परीक्षार्थियों के शामिल होने की उम्मीद है. ऐसा माना जा रहा है कि फरवरी और मार्च में ही विधानसभा चुनाव होंगे. क्योंकि चुनाव प्रक्रिया में शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई जाती है. ऐसे में चुनाव कार्यक्रम की वजह से परीक्षाएं बाधित न हो या फिर परीक्षाओं की वजह से चुनाव कार्यक्रमों पर कोई असर न पड़े. इसके लिए चुनाव की तिथियां निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित करने के बाद ही बोर्ड परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है।

यूपी : डिग्री कॉलेजों पर कसेगा जांच का शिकंजा, गुणवत्ता की जांच के लिए अफसरों को सौंपा गया हर माह का लक्ष्य

यूपी  :   डिग्री कॉलेजों पर कसेगा जांच का शिकंजा,  गुणवत्ता की जांच के लिए अफसरों को सौंपा गया हर माह का लक्ष्य


योगी सरकार ने प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों पर शिकंजा कसते हुए शिक्षा की गुणवत्ता की जांच कराने का फैसला किया है। इसके लिए शासन के विशेष सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक से लेकर राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों तक को हर माह महाविद्यालयों के निरीक्षण का लक्ष्य दिया गया है। इसकी रिपोर्ट महीने की पांचवीं तारीख तक अनिवार्य रूप से शासन को भेजनी होगी।


प्रदेश में 164 राजकीय और 331 सहायता प्राप्त महाविद्यालय हैं। सरकार का मानना है कि इस कदम से इन महाविद्यालयों में पठन-पाठन की मौजूदा स्थिति में सुधार होगा। इससे जरूरी सुधारों के लिए प्रबंध तंत्र पर भी दबाव बनेगा।


उच्च शिक्षा विभाग के सचिव शमीम अहमद खान की ओर से जारी आदेश में शासन के विशेष सचिव को हर महीने दो, संयुक्त सचिव को तीन, निदेशक उच्च शिक्षा को पांच, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा को 15, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों को 25-25, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पांच-पांच और उप कुलसचिवों, सहायक कुलसचिवों को 15-15 महाविद्यालयों का निरीक्षण करना होगा।



हर माह पांच तारीख को देनी होगी रिपोर्ट

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी और संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा अपनी निरीक्षण रिपोर्ट निदेशक उच्च शिक्षा को मुहैया कराएंगे निदेशक उच्च शिक्षा परीक्षण के बाद रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। इसी तरह सहायक कुलसचिव और उप कुलसचिव अपनी रिपोर्ट संबंधित कुलसचिव को देंगे। कुलसचिव परीक्षण के बाद रिपोर्ट शासन भेजेंगे। विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, निदेशक उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों के कुलसचिव रिपोर्ट सचिव उच्च शिक्षा को सौंपेंगे।


शिक्षा नीति क्रियान्वयन की स्थिति की परख होगी

यह कवायद महाविद्यालयों में उपलब्ध पाठ्यक्रमों, प्रवेश की स्थिति, कक्षाओं के संचालन, शैक्षिक स्टाफ की उपलब्धता और नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी जुटाने के लिए शुरू की गई है।

UPTET 2021: यूपीटीईटी परीक्षा आज, इन बातों का रखें ध्यान

UPTET 2021: यूपीटीईटी परीक्षा आज, इन बातों का रखें ध्यान


यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET 2021) का आयोजन आज 28 नवंबर को राज्‍य भर में किया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 21.5 लाख उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होंगे. परीक्षा कड़ी सुरक्षा के बीच कोरोना सावधानियों के साथ आयोजित होगी. राज्य स्तर पर बने कंट्रोल रूम से CCTV के जरिए परीक्षा केंद्र की गतिविधियों पर नजर भी रखी जाएगी. जो उम्‍मीदवार परीक्षा में शामिल होने वाले हैं, वे एग्‍जाम सेंटर के लिए जरूरी इन निर्देशों की जानकारी जरूर लें.

● - परीक्षा केंद्र में, उम्मीदवारों को अपने साथ मोबाइल फोन या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं होगी.

● - परीक्षा केंद्र पर मौजूद अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और केंद्र प्रशासकों को भी अपने साथ किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखने की अनुमति नहीं है.

● - ऑनलाइन जारी एडमिट कार्ड का प्रिंटआउट एग्‍जाम सेंटर पर जरूरी होगा.

● - एक वैध फोटो पहचान पत्र लेकर पर एग्‍जाम सेंटर पर जाना होगा.

● - उम्‍मीदवार को एग्‍जाम टाइम के बजाया रिपोर्टिंग टाइम पर सेंटर पहुंचना होगा.

● - सोशल डिस्‍टेंसिंग लागू करने के लिए एंट्री 1 घंटे पहले से ही शुरू हो जाएगी.

● - बगैर फेस मास्‍क के किसी भी कैंडिडेट को एग्‍जाम सेंटर के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा.

● - एडमिट कार्ड पर ऐसी चीजों की लिस्‍ट दी गई है जो एग्‍जाम सेंटर पर प्रतिबंधित हैं, ऐसी कोई चीज़ साथ लेकर न आएं.


UPTET 2021 परीक्षा पास करने वाले उम्‍मीदवार राज्‍य में शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए पात्र होंगे. परीक्षा क्‍वालिफाई करने के बाद उम्मीदवारों को प्राइमरी और सीनियर स्तर के सरकारी शिक्षक के रूप में भर्ती के लिए पात्र माना जाएगा. यूपी टीईटी परीक्षा 2021 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया गए हैं. एग्‍जाम में शामिल होने के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट updeled.gov.in पर विजिट कर एग्‍जाम एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.


यूपीटीईटी (UPTET) पर रहेगी एसटीएफ की निगहबानी, नकल रोकने को सतर्कता।


 लखनऊ : टीईटी रविवार को कड़ी सुरक्षा में होगी। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की निगाहें परीक्षा केंद्रों से लेकर साल्वर गिरोह पर रहेंगी। सूत्रों का कहना है कि टीईटी के दौरान संवेदनशील केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी। एसटीएफ की निगरानी में ही इन दिनों दारोगा भर्ती परीक्षा आयोजित की जा रही है, जिसमें सेंध लगाने वाले कई आरोपितों को अब तक सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है।



UPTET 2021: यूपीटीईटी आज, शामिल होंगे 21 लाख अभ्यर्थी, CCTV सर्विलांस की निगरानी में दो पालियों में होगी परीक्षा


लखनऊ : शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य की गई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी)-2021 रविवार को प्रदेश भर में दो पालियों में कराई जाएगी। इसमें कुल 21,65,181 अभ्यर्थियों को शामिल होना है। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) ने पहली बार इस परीक्षा में लाइव सीसीटीवी सर्विलांस (वेबकास्टिंग) के माध्यम से परीक्षा केंद्रों पर राज्य कंट्रोल रूम से निगरानी की व्यवस्था की है। मुख्य सचिव ने नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराने के निर्देश पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दिए हैं।



पीएनपी सचिव संजय कुमार उपाध्याय के मुताबिक, प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए पहली पाली में 2,554 केंद्र बनाए गए हैं, जिन पर 12,91,628 परीक्षार्थियों को शामिल होना है। इसी तरह दूसरी पाली में उच्च प्राथमिक स्तर के लिए परीक्षा होगी। इसके लिए 1,747 केंद्र बनाए गए हैं, जहां 8,73,553 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। पहली पाली की परीक्षा का समय सुबह 10 से दोपहर 12:30 बजे है और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2:30 से पांच बजे तक होगी। शासन का जोर नकल विहीन परीक्षा कराने पर है।


प्रदेशभर के परीक्षा केंद्रों पर नजर रखने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में राज्य कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें 40 कैमरे लगाए गए हैं। बड़ी स्क्रीन से प्रदेश भर के परीक्षा केंद्रों की निगरानी की जाएगी। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने नकल विहीन परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से की है। परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन सहित अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण पूर्णतया प्रतिबंधित रहेंगे। परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

Saturday, November 27, 2021

परीक्षा के दिन ही मिलेगा परिणाम, लांच होगा सरल एप, परिषदीय स्कूलों के कक्षा तीन तक के बच्चों का होगा आकलन, गोरखपुर से होगी शुरुआत

परीक्षा के दिन ही मिलेगा परिणाम, लांच होगा सरल एप, परिषदीय स्कूलों के कक्षा तीन तक के बच्चों का होगा आकलन, गोरखपुर से होगी शुरुआत


गोरखपुर : परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की योग्यता के आकलन के लिए जिस दिन परीक्षा होगी, उसी दिन शाम तक परिणाम भी आ जाएगा। यह संभव होगा सरल एप के जरिये, जिसकी लांचिंग आज होगी। इसके परीक्षण के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर को चुना गया है, जहां 27 दिसंबर को कक्षा एक से तीन तक के बच्चों की परीक्षा लेकर इस एप के जरिये उनका योग्यता का आकलन किया जाएगा। गोरखपुर में प्रयोग सफल होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।



एप का इस्तेमाल शैक्षिक मूल्यांकन परीक्षा यानी सैट (स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट) में किया जाएगा। सैट में लर्निंग आउटकम के लिए विद्यार्थियों से निर्धारित प्रेरणा सूची पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। शनिवार को भाषा तथा गणित विषय को लेकर बच्चों का आकलन किया जाएगा।


मूल्यांकन के जरिये यह जानकारी हो सकेगी की किस कक्षा के किस विषय में बच्चे का कौन सा पक्ष (बोलने, लिखने या समझने) कमजोर है और उसे दूर करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक व शिक्षण सामग्री की व्यवस्था की जाएगी। अगले माह से यह प्रक्रिया नियमित अपनाई जाएगी।


ऐसे काम करेगा सरल एप

सरल एंड्रायड आधारित एप है। इसके माध्यम से शिक्षक ओएमआर शीट को स्कैन कर पाएंगे। विद्यार्थियों के अधिगम स्तर को जानने के लिए कक्षा एक से तीन के बच्चों का आकलन लिया जाएगा, जिसका परिणाम ओएमआर शीट में शिक्षक भरेंगे। स्कैनिंग के बाद जिला मुख्यालय तक जानकारी पहुंच जाएगी और वह परिणाम घोषित कर देगा।


बच्चों की योग्यता के आकलन के लिए प्रत्येक बच्चे के हिसाब से स्कूलों को ओएमआर शीट उपलब्ध करा दी गई है। आकलन के दौरान शिक्षक बच्चों से प्रश्न पूछेंगे और मिला उत्तर शीट में भरेंगे। इसके बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। कोरोनाकाल में बच्चे करीब दो वर्ष तक विद्यालय से दूर रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई का नुकसान हुआ है। नुकसान किन-किन विषयों में हुआ है, यह पता लगाने के लिए यह मूल्यांकन किया जा रहा है। - विवेक जायसवाल, जिला समन्वयक, प्रशिक्षण

आंगनबाड़ी कर्मियों को प्रोत्साहन राशि देने के नए दिशा-निर्देश जारी, देखें आदेश

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की प्रोत्साहन राशि के मानकों में बदलाव

आंगनबाड़ी कर्मियों को प्रोत्साहन राशि देने के नए दिशा-निर्देश जारी, देखें आदेश


लखनऊ। प्रदेश सरकार ने पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर के लिए मासिक प्रोत्साहन देने संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस बारे में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है।

इसके तहत मासिक प्रोत्साहन मापदंड तय किए गए हैं। आंगनबाड़ी वर्कर के लिए पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड करना और लाभार्थियों का डाटा अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। लाभार्थियों को घर-घर जाकर टेक होम राशन वितरित करना, आंगनबाड़ी हेल्पर के लिए टेक होम राशन वितरण में सहयोग आदि प्रदान करना भी शामिल है।

शासनादेश के अनुसार, प्रत्येक माह आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 0-6 वर्ष के कम से कम 80 प्रतिशत सामान्य और अंडरवेट बच्चों का मापन किया गया हो। आंगनबाड़ी वर्कर के मानदंडों को पूरा करने पर 500 रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह आंगनबाड़ी सहायिका के मानदंड पूरा करने पर 250 रुपये दिए जाएंगे।







 राज्य सरकार ने पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के लिए मासिक प्रोत्साहन राशि के मानक नवंबर से बदल दिए हैं। कार्यकत्रियों को 500, सहायिकाओं को 250 रुपए दिए जाएंगे।


 बाल विकास पुष्टाहार विभाग की विशेष सचिव गरिमा यादव ने आदेश जारी कर दिया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर माह केंद्रों में पंजीकृत 6 वर्ष तक के 80 फीसदी बच्चों के वजन, कम वजन, सैम, मैम आदि बच्चों का मापन का लक्ष्य रखा गया है। सहायिकाओं के लिए हर माह 21 दिन केंद्र खोलने का लक्ष्य है। पहले तय मानकों के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 1500,सहायिकाओं को 750 रुपये प्रोत्साहन राशि दी गई है।

अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों लिपिक श्रेणी/शिक्षणेत्तर पदों पर चयन हेतु चयन प्रक्रिया का निर्धारण, देखें विस्तृत दिशा-निर्देश व शासनादेश।

लिपिक भर्ती : एडेड माध्यमिक स्कूलों में चयन प्रक्रिया निर्धारित, आदेश जारी


अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों लिपिक श्रेणी/शिक्षणेत्तर पदों पर चयन हेतु चयन प्रक्रिया का निर्धारण, देखें विस्तृत दिशा-निर्देश व शासनादेश।











एडेड माध्यमिक स्कूलों में लिपिकों की चयन प्रक्रिया का निर्धारण कर दिया गया है। चयन में पीईटी में न्यूनतम 50 पर्सेंटाइल स्कोर पाने वाले अभ्यर्थी पात्र होंगे। 20 नंबर का साक्षात्कार और 80 नंबर पीईटी परीक्षा के पर्सेंटाइल स्कोर से मेरिट बनाई जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर दिया है।


पीईटी परीक्षा के बाद शार्टलिस्ट युवाओं की टंकण परीक्षा होगी, ये केवल पात्रता परीक्षा होगी। पीईटी में सर्वाधिक पर्सेंटाइल पाने वाले 10 अभ्यर्थियों को पहले टंकण परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। चयन समिति अध्यक्ष संबंधित स्कूल प्रबंधक या प्रबंध तंत्र द्वारा नामित व्यक्ति होगा। डीआईओएस, जिला सेवायोजन अधिकारी, राजकीय औद्योगिक संस्थान के प्रधानाचार्य सदस्य होंगे। सदस्यों में एससी, एसटी या ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि न होने पर जिलाधिकारी द्वारा प्रतिनिधित्व के लिए अधिकारी को नामित किया जाएगा। 


प्रबंधतंत्र रिक्तियों की सूचना डीआईओएस को देंगे। डीआईओएस सत्यापन कर प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजेंगे। निदेशक के आदेश के बाद डीआईओएस विज्ञापन निकालेंगे। अभ्यर्थी आवेदन पत्र संबंधित स्कूल को रजिस्टर्ड डाक से भेजेंगे। 18 से 40 वर्ष की आयुसीमा वाले आवेदन कर सकेंगे। अभी तक प्रबंध तंत्र जिसे चाहते थे उसे भर्ती कर लेते थे। इसके लिए तय प्रक्रिया में अब तक सरकार का कोई दखल नहीं था।

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 : मुख्य विषयों की बोर्ड परीक्षाएं अगले सप्ताह से, तैयारियां पूरी

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2021 : मुख्य विषयों की बोर्ड परीक्षाएं अगले सप्ताह से, तैयारियां पूरी

CBSE Main Exam 2021: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं की मुख्य परीक्षाएं अगले सप्ताह से शुरू होने वाली हैं। 10वीं कक्षा के छात्रों के मुख्य विषयों की परीक्षाएं 30 नवंबर से 11 दिसंबर 2021 तक चलेंगी जबकि 12वीं कक्षा के छात्रों की मुख्य विषयों की परीक्षाएं एक दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलेंगी। वहीं प्रयोगात्मक परीक्षाएं 30 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच आयोजित होंगी। सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की टर्म 1 बोर्ड परीक्षा पहले ही शुरू हो चुकी है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक स्कूल में एक कक्ष में 12 छात्र ही परीक्षा दे सकेंगे। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डा.संयम भारद्वाज ने बताया कि 10वीं में लगभग 23 लाख तथा 12वीं में लगभग 14 लाख विद्यार्थी परीक्षा के लिए नामांकित हैं।


परीक्षा सुचारू रूप से और बाधा रहित हो इसके लिए बोर्ड ने एक तरफ जहां छात्रों का ओएमआर पर परीक्षा देने के लिए मॉक टेस्ट आयोजित किया है वहीं दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन को शामिल करते हुए मॉक ड्रिल का भी आयोजन किया गया था।

बोर्ड ने कोविड-19 से उपजी स्थिति को देखते हुए कक्षाओं में परीक्षा के दौरान सामाजिक दूरी के पालन कराने का निर्णय लिया है। यह भी निर्देश दिया है कि एक कक्ष में केवल 12 विद्यार्थी ही परीक्षा देंगे। परीक्षा केंद्रों को सेनेटाइज करने और निर्धारित नियमों का पालन करने का भी निर्देश स्कूलों को दिया गया है। माइनर विषयों में कम संख्या में छात्र होते हैं जबकि मुख्य विषयों में अधिक छात्र होते हैं इसलिए स्कूल प्रशासन भी मुख्य परीक्षा के लिए अपने यहां पूरी तरह से प्रबंध कर रहे हैं।

प्रयोगात्मक परीक्षा कराएंगे स्कूल
स्कूलों में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा के तहत आयोजित प्रयोगात्मक परीक्षा में स्कूल के शिक्षक ही वहां होने वाली परीक्षा में पर्यवेक्षक होंगे। इसके अलावा बोर्ड द्वारा भी मुख्य परीक्षाओं में पर्यवेक्षक निर्धारित किए गए हैं। यह परीक्षाएं स्कूल स्वयं कराएगा।

कोविड को देखते हुए बढ़ाई परीक्षा केंद्रों की संख्या
डा.संयम भारद्वाज ने बताया कि छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र बढ़ाए गए हैं। सीबीएसई से लगभग 26 हजार स्कूल संबद्ध हैं। इसमें से लगभग 14 हजार स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाया गया है। पहले यह संख्या आधे से भी कम थी। कोविड-19 से उपजी स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि माइनर विषयों के होने वाले परीक्षा का फीडबैक काफी सकारात्मक रहा। स्कूल काफी मेहनत कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्यों निजी स्कूलों में सेल्फ सेंटर है जबकि सरकारी स्कूलों में ऐसा नहीं है? उनका कहना था कि सभी निजी स्कूलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है जहां बेहतर सुविधा थी और छात्रों की संख्या अधिक थी वहीं पर ऐसा किया गया है।

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा फार्म भरने की तिथि 15 दिसंबर तक फिर बढ़ी

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा फार्म भरने की तिथि 15 दिसंबर तक फिर बढ़ी


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 के लिए ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने की तिथि एक बार फिर बढ़ा दी है। अब दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थी 15 दिसंबर तक परीक्षा फार्म भर सकते हैं। साथ ही 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों के अग्रिम पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है। 



यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 में 10वीं और 12 वीं के अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा फार्म भरने की तिथि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने चौथी बार बढ़ाई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव के मुताबिक कक्षा दस एवं बारह के संस्थागत/ व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के प्रवेश/परीक्षा शुल्क प्राप्त करने और ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 20 दिसंबर कर दी गई है। संस्था के प्रधान द्वारा विद्यार्थियों से प्राप्त परीक्षा शुल्क  को सौ रुपये प्रति छात्र विलंब शुल्क के साथ मुश्त चालान के माध्यम से कोषागार में जमा करने और विद्यार्थियों के शैक्षिक विवरण को परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है।


ऑनलाइन अपलोड विवरणों में संस्था प्रधान 16 दिसंबर तक संशोधन कर सकते हैं। संस्था के प्रधान द्वारा पंजीकृत अभ्यर्थियों की फोटोयुक्त नामावली एवं तत्संबंधी कोष पत्र की एक प्रति परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय को भेजे जाने की अंतिम तिथि 23 दिसंबर है। साथ ही यूपी बोर्ड की वर्ष 2021 की परीक्षा में प्रोन्नत सभी श्रेणियों के छात्र वर्ष 2022 की परीक्षा में नि:शुल्क बैठ सकते हैं। ऐसे अभ्यर्थी भी 15 दिसंबर परीक्षा फार्म भर सकते हैं। केवल यूपी बोर्ड वर्ष 2021 की अंकसुधार परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। 

Friday, November 26, 2021

पुरानी पेंशन और भत्ते बहाल करे यूपी सरकार, पांच दिसंबर तक मांगे पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

पुरानी पेंशन और भत्ते बहाल करे यूपी सरकार, पांच दिसंबर तक मांगे पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी


लखनऊ। पुरानी पेंशन व भत्ते बहाल करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने पांच दिसंबर तक मांगे पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।


डीएम आवास के सामने स्थित बीएन सिंह प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के प्रदेश अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि सरकार ने न तो पुरानी पेंशन बहाली पर कोई निर्णय लिया और न ही भत्ते बहाल किए। समस्याओं के निस्तारण के बजाय सरकार कमेटी गठित कर टालने का प्रयास कर रही है। 


उन्होंने कहा कि पांच दिसंबर तक मांगे पूरी न हुई तो गांधी भवन में होने वाले महासम्मेलन में अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया जाएगा। महासचिव आरके निगम ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की।


 प्रदर्शन में प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील पांडेय, संयुक्त संयोजक विनय कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष एससी श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। 

मृतक शिक्षकों के आश्रितों को अब लिपिक के रूप में मिल सकेगी अनुकंपा नियुक्ति, बेसिक शिक्षा विभाग ने कैबिनेट के लिए प्रस्ताव भेजा

मृतक शिक्षकों के आश्रितों को अब लिपिक के रूप में मिल सकेगी अनुकंपा नियुक्ति,  बेसिक शिक्षा विभाग ने कैबिनेट के लिए प्रस्ताव भेजा


पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रमित होने से जान गंवाने वाले परिषदीय शिक्षकों के आश्रितों को जल्द ही लिपिक पद पर नियुक्ति मिलेगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने नियमावली में संशोधन के लिए प्रस्ताव कैबिनेट मंजूरी के लिए भेज दिया है।


मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव के दौरान एक हजार से अधिक परिषदीय शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने से मृत्यु हुई थी। बेसिक शिक्षा विभाग में वर्तमान में मृतक शिक्षक के आश्रितों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर ही नियुक्ति का प्रावधान है। जबकि विभाग ने दो साल पहले मृतक शिक्षक के आश्रित को भी लिपिक के पद पर नियुक्ति देने की घोषणा की थी।


विभाग की घोषणा के चलते कोरोना से जान गंवाने वाले शिक्षकों के आश्रितों ने अभी तक अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं किया है। वहीं अन्य कारणों से दिवंगत हुए परिषदीय शिक्षकों के आश्रित भी छह महीने से नियमावली में संशोधन का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें भी लिपिक के पद पर नियुक्ति मिल सके। सूत्रों के मुताबिक करीब एक हजार से अधिक मृतक शिक्षकों के आश्रितों को नियुक्ति का इंतजार है।


विभाग ने अब नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट के लिए भेज दिया है। आगामी दिनों में कैबिनेट की मंजूरी के बाद मृतक शिक्षकों के आश्रितों को लिपिक पद पर नौकरी का रास्ता साफ हो जाएगा। विभाग का प्रयास है कि दिसंबर तक प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाए ताकि चुनाव से पहले आश्रितों को नौकरी का तोहफा मिल सके।


शिक्षित युवाओं को योग्यता के अनुसार नियुक्ति मिले 

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार को इस संबंध में जल्द निर्णय करना चाहिए। उनका कहना है कि मृतक शिक्षकों के आश्रित बच्चे स्नातक, स्नातकोत्तर की शिक्षा के साथ लॉ, बीबीए, एमबीए जैसी डिग्री प्राप्त है उन्हें चपरासी पद पर अनुकंपा की नियुक्ति मिलेगी तो उनकी योग्यता का अपमान होगा। 


मृतक आश्रित शिक्षकों को लिपिक पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रस्ताव कैबिनेट के लिए भेजा है। कैबिनेट के निर्णय के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी। - सतीश चंद्र द्विवेदी, बेसिक शिक्षा मंत्री

आजादी का अमृत महोत्सव के अंग के रूप में 26 नवंबर को संविधान दिवस कार्यक्रम मनाए जाने के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने दिया आदेश, देखें

आजादी का अमृत महोत्सव के अंग के रूप में 26 नवंबर को संविधान दिवस कार्यक्रम मनाए जाने के संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने दिया आदेश, देखें



चुनाव से पहले योगी सरकार संविदा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि, जानिए आंगनबाड़ी, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों का कितना बढ़ सकता है मानदेय

चुनाव से पहले योगी सरकार संविदा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि, जानिए आंगनबाड़ी, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों का कितना बढ़ सकता है मानदेय



उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में फतेह हासिल करने के लिए योगी सरकार एक बार फिर तैयारियों में लगी हुई है। वोट बैंक को बटोरने का एक भी मौका हाथ से खोना नहीं चाहती है.योगी सरकार वोट बैंकों को लुभाने के लिए नई-नई रणनीतियां अपना रही है. इसी कड़ी में यूपी की योगी सरकार जल्द ही शिक्षामित्र, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में वृद्धि कर सकती हैं। बताया जा रहा है कि यह योगी सरकार के लिए मास्टर स्ट्रोक की तरह काम करेगा. इसे लेकर बुधवार को हुई बैठक में शिक्षा सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।


सूत्रों की मानें तो इस बैठक में अन्य राज्यों में इस तरह के संविदा कर्मियों समेत इनसे जुड़े अन्य बिन्दुओं पर चर्चा हुई है। हालांकि, अभी इस पर ठोस निर्णय नहीं हो सका है, लेकिन जल्द इस संबंध में फैसला होने की उम्मीद है. चुनाव से पहले यह फैसला योगी सरकार के लिए लाभदायक होगा ऐसा माना जा रहा है. खास बात यह है कि सरकार बजट में भी इसे लेकर प्रावधान कर चुकी है। 


आपको बता दें कि संविदा कर्मचारियों का अनुपूरक बजट में मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव है अगर बजट से देखा जाए तो शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों सहित अन्य संविदा कर्मियों का मानदेय एक हजार रुपए तक बढ़ सकता है यह एक हजार हमारे द्वारा अनुपूरक बजट से जोड़ कर बताया गया है। फ़िलहाल शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों का कितना मानदेय बढ़ेगा इसकी सटीक सूचना किसी को नहीं है एंड मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक हजार वृद्धि हो सकती है लेकिन इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।



वोटरों को लुभाने में लगी सरकार

चुनाव के नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल जोर आजमाइश में लगे हैं. कोई भी दल इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहता है. योगी सरकार भी वोट बैंक को खींचने में लगी है. युवा से लेकर हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ योजनाएं ला रही है. चाहे वो मानदेय बढ़ाने का फैसला हो या कृषि कानून को वापस लेना का फैसला हो।

UPTET : परीक्षा केंद्रों पर नहीं ले जा सकते स्मार्टफोन, लाइव सीसीटीवी के माध्यम से नजर जाएगी रखी

UPTET :  परीक्षा केंद्रों पर नहीं ले जा सकते स्मार्टफोन, लाइव सीसीटीवी के माध्यम से नजर जाएगी रखी



यूपी टीईटी 2021 की परीक्षा 28 नवंबर को प्रस्तावित है। इसे लेकर गुरुवार को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने समस्त मंडल के कमिश्नर और जनपदों के जिलाधिकारी, प्रशासनिक अफसर, पुलिस आयुक्त, एसएसपी और जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की। 



परीक्षा से पहले जनपद वार तैयारियों की समीक्षा की। पहली बार परीक्षा केंद्रों पर लाइव सीसीटीवी के माध्यम से नजर रखी जाएगी। राज्य स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष से लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। केवल केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट बिना कैमरे का कीपैड वाला ही फोन ले जा सकते हैं। लेकिन प्रश्नपत्र एवं ओएमआर पत्रक बंडल खोलने के दौरान किसी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कैमरा फोन आदि नहीं रहेगा।


 सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक सूचना प्रसारित करने अथवा नकल का प्रयास करने वालों के विरुद्ध साइबर अपराध नियंत्रण कानून के सुसंगत प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।


विदित हो कि टीईटी 28 नवंबर को दो पालियों 2554 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर की परीक्षा होगी। दूसरी पाली में 1754 केंद्रों पर उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा होगी। पहली में 12,91,628 और दूसरी पाली में 8,73,553 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे।



UPTET परीक्षा केंद्रों पर लाइव सीसीटीवी सर्विलांस की व्यवस्था

प्रयागराज : सूबे में शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 को नकलमुक्त बनाने के लिए विशेष तैयारी की गई है। पहली बार परीक्षा केंद्रों पर लाइव सीसीटीवी सर्विलांस की व्यवस्था की गई है। इसके जरिये केंद्र की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। इसके लिए प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिससे किसी भी गड़बड़ी को रोका जासके। 


साथ ही केंद्रों पर होने वाली गतिविधियों की निगरानी के दौरान अगर किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी मिलती है, तो कंट्रोल रूम से सीधे कार्रवाई के निर्देश भी दिए जाएंगे। परीक्षा केंद्रों पर किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रानिक उपकरण ले जाने पर रोक लगाई गई है। 

शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 प्रदेश के विभिन्न जिलों में 28 नवंबर को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। प्राथमिक स्तर पर 12 लाख, 91 हजार, 628 अभ्यर्थियों के लिए 2554 केंद्र बनाए गए है। वहीं, उच्च प्राथमिक स्तर में 8 लाख, 73 हजार, 553 अभ्यर्थियों के लिए कुल 1747 केंद्र बने हैं। प्रथम पाली में प्राथमिक स्तर और दूसरी पाली में उच्च प्राथमिक स्तर के टीईटी का आयोजन किया जाएगा।


 परीक्षा को लेकर गुरुवार को प्रमुख सचिव बेसिक की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेसिंग से अधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई। इसमें सभी मंडलों के कमिश्नर, समस्त जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, डीआइओएस व शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।


Thursday, November 25, 2021

अध्यापकों से BLO ड्यूटी कराने के मामले की सुनवाई करेगी विशेष न्यायपीठ

अध्यापकों से BLO ड्यूटी कराने के मामले की सुनवाई करेगी विशेष न्यायपीठ



 प्रयागराज : बेसिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों से मतदाता सूची के सत्यापन का कार्य लिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं व विशेष अपीलों की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट की विशेष पीठ करेगी। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने कमलेश यादव की विशेष अपील पर दिया है। 


अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने बीएलओ ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। वहीं, शिवशंकर सिंह केस में 16 अगस्त 2021 के आदेश से एकलपीठ ने बीएलओ ड्यूटी लगाने के आदेश पर रोक लगा दिया। दो न्यायपीठ के फैसले में भिन्नता है, उसका निराकरण किया जाय। इस संबंध में लखनऊ पीठ व इलाहाबाद प्रधानपीठ में लंबित कई विशेष अपीलों व याचिकाओं का हवाला दिया गया।


 अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एकलपीठ द्वारा याचिका खारिज करने का निर्णय सही है। कोर्ट ने बड़ी संख्या में लंबित याचिकाओं को देखते हुए सरकारी अधिवक्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ के सभी मुकदमों की सूची प्रस्तुत करने और साथ ही निदेशक बेसिक शिक्षा से जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।


 साथ ही कोर्ट ने कहा है कि यदि निदेशक मांगी गई सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराते हैं या अपूर्ण जानकारी दी जाती हैं तो अदालत उनको व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार मानेगी।

अटेवा का दावा : पुरानी पेंशन पर सकारात्मक परिणाम का मिला आश्वासन, मुख्यमंत्री लेंगे अंतिम निर्णय

अटेवा का दावा : पुरानी पेंशन पर सकारात्मक परिणाम का मिला आश्वासन, मुख्यमंत्री लेंगे अंतिम निर्णय


लखनऊ । अटेवा पेंशन बचाओ मंच की प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्ध के नेतृत्व में मंगलवार को अपर मुख्य सचिव कार्मिक देवेश चतर्वेदी के साथ बैठक हुई। बैठक में परानी पेंशन व निजीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की गई। 


अटेवा प्रदेश अध्यक्ष विजय कमार बंधु ने बताया कि काफी विस्तार से परानी पेंशन पर कई तथ्य व तर्क रखे और जोर देकर कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी की सामाजिक सुरक्षा है और जीने का सहारा है। उन्होंने बताया कि अपर मुख्य सचिव ने कहा कि वित्त विभाग उस पर काम कर रहा जल्द ही उसमे सकारात्मक परिणाम आएंगे।