सीएम योगी ने डीबीटी के जरिये 1.80 करोड़ छात्रों के खाते में भेजे 19 अरब से ज्यादा रुपये, 60 लाख और बच्चों को मिलेगा पैसा
DBT : पैसा अभिभावकों के खाते में और जिम्मेदारी गुरु जी के माथे
योगी ने कहा कि जिन अभिभावकों को यह 1100 रुपये की रकम दी गई है। वो उससे बच्चों के लिए स्वेटर, बैग, यूनिफार्म व जूते और मोजे ही खरीदें इसे सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक व शिक्षक की होगी। वो इसके लिए अभिभावकों के साथ बैठक करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक स्कूल के छात्रों के खाते में डीबीटी व्यवस्था से 19. 80 अरब रुपये भेजे जाने की योजना शुरुआत की। इससे छात्रों के अभिभावक स्कूली ड्रेस, जूते-मोजे और बैग खरीद सकेंगे।
शिक्षक देखें कि बच्चे अब यूनीफार्म जूते मोजे में स्कूल आएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था का लाभ स्कूलों में पढ़ रहे एक करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं को मिलेगा। बाकी बचे 60 लाख छात्रों को भी जल्द ही रकम भेजी जाएगी। इस व्यवस्था के तहत हर छात्र के अभिभावक को 11 सौ रुपये दिए जा रहे हैं। डीबीटी तकनीक का प्रयोग करने से विभाग को भ्रष्टाचार के आरोपों से भी मुक्ति मिलेगी।
अब शिक्षकों को यह तय करना होगा कि बच्चे इन पैसों से यूनीफार्म, जूते-मोजे और बैग-बुक्स के साथ स्कूल आएं। जो बच्चे इसका पालन न करें उनके अभिभावकों से संपर्क करके व्यवस्था को मजबूत करने का काम करें। बेसिक स्कूलों के छात्रों को सामान्य शिष्टाचार व साफ-सफाई को भी सिखाया जाए। प्रदेश में छह लाख से अधिक शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्र हैं, अगर यह जिम्मेदारी उठाएंगे तो यह सपना भी संभव हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह तय किया कि एक-एक विद्यालय को जनप्रतिनिधि गोद लें, जिससे बेसिक शिक्षा के छात्रों को स्वच्छ पेयजल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। इसके तहत अभी तक बेसिक शिक्षा के एक लाख 60 विद्यालयों में से एक लाख 33 हजार विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। सरकार ने यह तय कया कि अभिभावकों को सीधे पैसा दिया जाए, जिससे वह अच्छे कपड़े और जूते मोजे खरीद सकें और शिक्षा विभाग पर जो भ्रष्टाचार का आरोप लगता है उससे भी बचा जा सके।
ऐसे में 11 सौ रुपये एक करोड़ 80 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में दी जा रही है। अभी लगभग 60 लाख बच्चे जो बचे हुए हैं उनके अभिभावकों के बैंक खातों की जांच कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही उनके भी खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह तय किया कि एक-एक विद्यालय को जनप्रतिनिधि गोद लें, जिससे बेसिक शिक्षा के छात्रों को स्वच्छ पेयजल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। इसके तहत अभी तक बेसिक शिक्षा के एक लाख 60 विद्यालयों में से एक लाख 33 हजार विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है।
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