बिहार में अंग्रेजी सिखाने की नई पहल
कैसे दूर हो अंग्रेजी फोबिया? बिहार में शिक्षकों-छात्रों के बीच 3 साल चलेगा अभियान, जानिए क्या है प्लान?
बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षक और विद्यार्थियों को अंग्रेजी फोबिया से बाहर निकालने के लिए सूबे में एक विशेष मुहिम जल्द ही आरंभ होगी। प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों व विद्यार्थियों को इस भाषा की बारीकियों की तालीम ऑनलाइन दी जाएगी ताकि वे फर्राटेदार ढंग से अंग्रेजी के वाक्य बोल पाएं।
अंग्रेजी शिक्षण का यह अभियान पूरी तरह नि:शुल्क होगा। इसमें शिक्षक, विद्यार्थी या शिक्षा विभाग को एक रुपए भी खर्च नहीं करना पड़ेगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की पहल पर इस अभियान को जमीन पर उतारने का संकल्प तीन संस्थाओं ने मिलकर लिया। शिक्षा विभाग के एससीईआरटी और संस्था लिप फॉर वर्ड एवं मैरिको के बीच अपर मुख्य सचिव के अलावा अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में करार हुआ।
तीनों संस्थानों के प्रमुखों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया। फिलहाल तीन साल तक यह मुहिम पूरे राज्य में चलेगा। एमओयू पर हस्ताक्षर के मौके पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि यद्यपि यह कार्य कठिन है लेकिन लगन से किया जाय तो सभी बच्चों को अंग्रेजी सिखाना संभव है। अंग्रेजी भाषा सीखने से बच्चों में आत्मबल बढ़ेगा, वे देश दुनिया की अच्छी समझ बना सकेंगे।
ऑनलाइन सिखाई जाएगी अंग्रेजी
एससीईआरटी के समन्वय में चलने वाला लिप फॉर वर्ड एवं मैरिको संस्थाओं का यह अभियान पूरी तरह ऑनलाइन मोड में चलेगा। जल्द ही एससीईआरटी द्वारा हर जिले में एक-एक डीपीओ को नोडल घोषित किया जाएगा। नोडल डीपीओ और डीईओ को पहले अभियान की पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्हें प्रशिक्षित करने के बाद शिक्षकों की अंग्रेजी भाषा की ट्रेनिंग आरंभ होगी। इसके लिए प्रखंड स्तर पर तैयार शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया जाएगा। संबंधित संस्थाएं दिल्ली से ही पाठों का लिंक भेजेगी और शिक्षक ऑनलाइन पढ़कर उसका लाभ लेंगे।
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