सेवानिवृत्त शिक्षाधिकारी संजय सिन्हा पर कसा विजिलेंस टीम का शिकंजा, भ्रष्टाचार के जरिये अकूत संपत्ति बनाने का आरोप
● शिक्षा विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं संजय सिन्हा
● लखनऊ, वाराणसी और बलिया में भी तलाशी जा रहीं संपत्तियां
● संजय सिन्हा को अनंतिम पेंशन को मंजूरी, 300 दिन के ईएल के नकदीकरण का भुगतान भी
भ्रष्टाचार कर अकूत संपत्ति बनाने वालों के खिलाफ विजिलेंस टीम (सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ सेक्टर) का शिकंजा कसता जा रहा है। जांच के घेरे में आए अधिकारी के साथ ही परिवार वालों की संपत्तियों का पता किया जा रहा है।
फिलहाल सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज रहे और सेवानिवृत्त सम्प्रति निदेशक साक्षरता वैकल्पिक शिक्षा उर्दू संजय सिन्हा की संपत्तियों का ब्योरा विजिलेंस टीम जुटा रही है। लखनऊ के साथ ही प्रयागराज, वाराणसी और बलिया में सिन्हा की संपत्तियों का पता किया जा रहा है।
विजिलेंस टीम, संजय सिन्हा के फ्लैट नंबर 301 बरसाना अपार्टमेंट माधेकुंज कटरा प्रयागराज के अलावा फ्लैट नंबर 71, सातवां तल स्वातविक मंगेलिया अपार्टमेंट 15/ कमला नेहरू तहसील दुबहड़ बलिया की संपत्तियों के बारे में यह पता कर रही है कि उसे कितने में खरीदा गया था और खरीदी गई संपत्तियों की कीमत किस तरह से चुकाई गई थी।
विजिलेंस टीम संजय सिन्हा के अलावा उनकी पत्नी मिताली और पुत्री एना के नाम आवासीय, व्यावसायिक भूखंड, दुकान, मकान और काम्पलेक्स के बारे में जानकारी हासिल कर रही है। इसी क्रम में विजिलेंस टीम ने सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी संजय, उनकी पत्नी और पुत्री का पेन कार्ड और आधार नंबर भी जारी किया है, जिससे संपत्तियों का पता करने में आसानी हो सके।
उधर पूर्व निदेशक (साक्षरता व उर्दू व प्राच्य भाषाएं) संजय सिन्हा को 300 दिन उपार्जित अवकाश के नकदीकरण का भुगतान किया जाएगा। उनकी अनंतिम पेंशन भी मंजूर कर दी गई है। बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव आरवी सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
संजय सिन्हा के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के समाप्त होने तक उनकी अनंतिम पेंशन मंजूर की गई है। संजय सिन्हा के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच चल रही है। संजय सिन्हा पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के पद पर तैनाती के दौरान नियमों को दरकिनार कर शिक्षकों के तबादले व मृतक आश्रित भर्ती में अनियमितता के गंभीर आरोप लगे थे।
इस मामले में विभागीय जांच के बाद उन्हें मार्च, 2021 में निलंबित कर दिया था। करीब पांच माह बाद उन्हें हाईकोर्ट के आदेश के बाद बहाल किया गया और तैनाती दी गई। 31 अगस्त को वह रिटायर हो चुके हैं और सितम्बर 2021 में उनके खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच को मंजूरी दी गई।
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