पीजी छात्रों को तीन साल में बीएड के साथ मिलेगी एमएड की डिग्री : एनसीटीई
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने एक नए पाठ्यक्रम का विकल्प दिया है। परास्नातक (पीजी) की डिग्री हासिल कर चुके विद्यार्थी इस एकीकृत बीएड-एमएड पाठ्यक्रम की पढ़ाई करके तीन साल में बीएड के साथ एमएड की भी डिग्री हासिल कर सकेंगे।
इस नए पाठ्यक्रम के संबंध में एनसीटीई ने हाल ही में अधिसूचना जारी की है। अब इस नए कोर्स के बारे में शासन स्तर पर विचार शुरू हो गया है। उच्च शिक्षा संस्थानों और इनसे संबंधित संगठनों की राय लेने के बाद इस पाठ्यक्रम के संबंध में फैसला हो सकता है। हालांकि यह नया पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए एनसीटीई ने कई शर्तें भी जोड़ी हैं। इस कारण यह पाठ्यक्रम प्रदेश के चुनिंदा संस्थान ही शुरू कर पाएंगे। पीजी कर चुके विद्यार्थियों को अभी दो साल में बीएड और दो साल में एमएड की डिग्री लेनी पड़ती है। इस तरह दोनों डिग्रियां हासिल करने में चार साल का समय लगता है।
एनसीटीई ने इसकी मान्यता केवल उन्हीं संस्थानों को दिए जाने की शर्त रखी है, जहां कम से कम पांच साल से बीएड और एमएड पाठ्यक्रम संचालित हो रहा हो। इसके अलावा यह भी अनिवार्य होगा कि उस संस्थान को नैक की न्यूनतम ‘बी’ ग्रेड हासिल हो। अभ्यर्थी के लिए भी यह आवश्यक होगा कि उसे पीजी में कम से कम 55 प्रतिशत अंक हासिल हों। एनसीटीई ने मान्यता के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात 1: 15 तय करते हुए विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए अर्हता भी तय कर दी है।
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