यूपी सरकार की DBT एक्सप्रेस पर ब्रेक, एप के जरिये सम्बद्ध एडेड प्राथमिक / जूनियर विद्यालय बच्चों के डेटा अपलोड में हुए रहे फिस्सडी
■ डीबीटी एप पर अभिभावकों का ब्योरा नहीं कर रहे अपलोड
■ एडेड व राजकीय माध्यमिक से संबद्ध छह से आठ तक में बड़ी संख्या में छात्र
लखनऊ : सरकार प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्रओं के अभिभावकों के बैंक खाते में धन भेजना चाहती है। एक करोड़ 20 लाख लोगों को धन भेजा जा चुका है, लेकिन इसमें संबद्ध प्राइमरी स्कूल बाधा बने हैं। वहां के शिक्षक अभिभावकों का ब्योरा अपलोड नहीं कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कई पत्र भेजे हैं, अनसुनी होने पर जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश सरकार पहली बार बेसिक शिक्षा परिषद और अशासकीय सहायताप्राप्त के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं की यूनीफार्म, स्कूल बैग, जूता-मोजा और स्वेटर का धन उनके अभिभावकों के बैंक खाते में भेज रही है। अब तक एक करोड़ बीस लाख के खातों में धन भेजा जा चुका है शेष 60 लाख अभिभावकों के खाते में धन भेजने की प्रक्रिया चल रही है। बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने बताया कि डीबीटी योजना में संबद्ध प्राइमरी विद्यालय बाधा बने हैं, वे पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं के अभिभावकों का ब्योरा एप पर अपलोड नहीं कर रहे हैं।
डा. सिंह ने कहा कि एडेड और राजकीय माध्यमिक कालेजों में छह से आठ तक की कक्षाएं लंबे समय से संचालित की जा रही हैं। ऐसे कालेजों की संख्या पांच हजार के करीब है और वहां छात्र-छात्रएं भी बढ़ी संख्या में हैं। सरकार की योजना का लाभ देने के लिए इन स्कूलों के प्रधानाध्यापक और प्रबंधकों को पत्र भेजा गया है, अनसुनी होने पर जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि संबद्ध प्राइमरी का ब्योरा अपलोड होते ही यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो जाएगी।
निदेशक ने यह भी कहा है कि जिन अभिभावकों को बच्चों की सामग्री के लिए धन मिल गया है, वे चारों वस्तुएं खरीद करके और बच्चों को देकर ही स्कूल भेजें। इसमें ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य और शिक्षक भी अभिभावकों को प्रेरित करें। बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि डीबीटी के तहत अभिभावकों के खाते में धन भेजा जा रहा है।
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