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Thursday, December 2, 2021

बेसिक शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश पर FLN का ग्रहण!

बेसिक शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश पर FLN  का ग्रहण!


चालू शैक्षिक सत्र में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में 15 दिन की कटौती कर उनके बदले घोषित किए गए शीतकालीन अवकाश पर शिक्षक प्रशिक्षण का ग्रहण लगने की संभावना जताई जा रही है। विभाग द्वारा जारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुसार इस बात की प्रबल संभावना है कि शीतकालीन अवधि में ही तमाम शिक्षकों को चार दिवसीय प्रशिक्षण में प्रतिभाग करना पड़ सकता है। इस कारण उनके पूर्व निर्धारित योजनाएं चौपट हो सकती हैं।


महानिदेशक बेसिक शिक्षा ने फाउण्डेशन लिट्रेसी एवं न्यूमरेशी ट्रेनिंग का कार्यक्रम जारी कर उसकी अवधि निश्चित कर दी है। जारी कार्यक्रम के मुताबिक शिक्षकों का प्रशिक्षण 13 दिसंबर से 31 जनवरी के मध्य किया जाएगा। इस चार दिवसीय प्रशिक्षण को ब्लॉक स्तर पर चालीस शिक्षकों के दो बेचों में सम्पन्न कराया जाएगा। 

शीतलकालीन अवकाश की अवधि 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक है। ब्लॉकों में शिक्षकों की संख्या देखते हुए बताया जा रहा है कि शीतकालीन अवधि में भी प्रशिक्षण कराया जाएगा ताकि निर्धारित की गई समयावधि में प्रशिक्षण पूर्ण कराया जा सके। शिक्षकों ने शीतकालीन अवकाश पर ट्रेनिंग के काले साये की भनक लगते ही प्रशिक्षण के समय पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं।



प्रशिक्षण अवधि में किया जाए परिवर्तन

शिक्षकों की मांग है कि विभाग को प्रशिक्षण की डेडलाइन में बदलाव करना चाहिए। उनका कहना है कि जिन शिक्षकों ने परिवार के साथ शीतकालीन अवकाश में योजनाएं बनाई हैं, सब धरी रह जाएंगी। इसके अलावा शिक्षकों को अवकाश का लाभ बराबरी  से नहीं मिल पाएगा। जिन शिक्षकों का प्रशिक्षण 31 दिसंबर से पहले हो जाएगा या फिर 15 जनवरी के बाद होगा, उन्हें अवकाश का लाभ मिलेगा लेकिन जिन शिक्षकों का प्रशिक्षण शीतकालीन अवकाश अवधि में होगा, उनके साथ अन्याय होगा।


ऑनलाइन भी हो रही है ट्रेनिंग
 बताया जा रहा है कि एफएलएन के विभिन्न माड्यूलों की ट्रेनिंग आनलाइन मोड में दीक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से भी हो रही है। इन दिनों माड्यूल 5 व 6 के लिंक भी जारी कर दिए गए हैं। अब एफएलएन की आफलाइन ट्रेनिंग का शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है।




क्या प्रशिक्षण की भेंट चढ़ेगी गुरुजी की छुट्टी? 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक घोषित है शीतकालीन अवकाश


प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों में पठन पाठन का स्तर सुधारने और शिक्षकों का अध्यापन कौशल बढ़ाने के लिए शासन की तरफ से स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। 


पहले चरण में मास्टर ट्रेनर तैयार किए में गए। अब मास्टर ट्रेनरों को भौतिक रूप से शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है। अब तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। शासन ने इस पर नाराजगी जताते हुए जल्द प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्देश दिया है। इस आदेश से अध्यापकों का शीतकालीन अवकाश खटाई में पड़ता दिख रहा है।


शिक्षक नेता ब्रजेंद्र सिंह, डा. एसपी सिंह का कहना है कि फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूमरेशी ट्रेनिंग शीतकाल में कराना ठीक नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग प्रयागराज की ओर से जारी अवकाश तालिका में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित है। 


दूसरी तरफ महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से जो आदेश जारी है उसमें फाउंडेशन लिट्रेसी एंड न्यूमरेशी ट्रेनिंग की तारीख 13 दिसंबर से 31 जनवरी प्रस्तावित है। यह प्रशिक्षण ब्लाक स्तर पर आफलाइन मोड में होना है। इसकी वजह से अध्यापकों का अवकाश प्रभावित होगा। इससे पूर्व गीष्मकालीन अवकाश भी कोरोना ड्यूटी की भेंट चढ़ चुका है। इसके बदले में शिक्षकों को किसी तरह का अन्य लाभ भी नहीं दिया गया।

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