बड़ी राहत : CBSE की अगस्त इंप्रूवमेंट परीक्षा में फेल हुए छात्र बरकरार रख सकेंगे ओरिजिनल मार्कशीट
CBSE बोर्ड ने किया नीति में आंशिक बदलाव, छात्रों को मिलेगा यह लाभ
सीबीएसई सुधार परीक्षा (CBSE improvement exam) में फेल हुए छात्रों को बड़ी राहत देते हुए बोर्ड ने छात्रों के करियर के हित में उनके मूल "पास" परिणाम को बनाए रखने का फैसला किया है।
सीबीएसई ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में यह जानकारी दी। हलफनामा उन छात्रों के एक समूह की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में आया, जो या तो फेल हो गए या सीबीएसई टेबुलेशन नीति (CBSE Tabulation policy) के तहत पहले से कम अंक हासिल किए।
बोर्ड ने कहा कि जिन छात्रों को 12वीं कक्षा के 29 सितंबर को घोषित परिणाम में फेल या RT (रिपीट थ्योरी) घोषित किया गया था, उन्हें अपने पिछले परिणाम को बरकरार रखने की अनुमति दी जाएगी। सीबीएसई ने कहा कि यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र के बदले हुए सिलेबस को देखते हुए किसी छात्र का शैक्षणिक करियर प्रभावित न हो।
वकील रूपेश कुमार की ओर से दायर CBSE के हलफनामे में कहा गया है, "इस प्रकार, यह केवल ऐसे छात्रों को राहत देने का एक सचेत और तर्कसंगत निर्णय है जो सुधार परीक्षा में असफल रहे हैं, लेकिन सारणीकरण नीति के अनुसार पास हुए हैं।"
बता दें, पिछले साल, बोर्ड रेगुलर तरीके से कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए वार्षिक परीक्षा आयोजित नहीं कर सका। छात्रों को अंक देने के लिए सीबीएसई ने एक वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति का विकल्प चुना था, ताकि वे उच्च शिक्षा के लिए जा सकें।
बोर्ड द्वारा एक सारणीकरण नीति बनाई गई थी और उसी के आधार पर छात्रों को अंक दिए गए थे। सारणीकरण नीति के तहत, एक प्रावधान था जहां छात्रों को वैकल्पिक मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में अपने अंकों में सुधार करने की स्वतंत्रता दी गई थी।
हालांकि, सारणीकरण नीति में एक शर्त थी कि यदि कोई छात्र सुधार परीक्षा के लिए उपस्थित होता है, तो प्राप्त अंकों को अंतिम अंक माना जाएगा। शर्त में कहा गया है कि छात्र पिछली मार्कशीट पर दावा नहीं कर सकता है।
No comments:
Write comments