यूपी : प्राइमरी स्कूलों में अगले सत्र से लागू होगा Happiness Curriculum (खुशी पाठ्यक्रम)
विद्यालयों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम समय की मांग, यूपी में भी लागू करने की तैयारी
प्रयागराज अनुभूति /हैप्पीनेस पाठ्यचर्या के विकास के लिए राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) में आयोजित कार्यशाला के समापन अवसर पर हैप्पीनेस पाठ्यक्रम को समय की आवश्यकता बताया गया। प्रवक्ता पवन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह विषय बच्चों में जीवन मूल्यों की समझ को निरंतर अभ्यास के माध्यम से न केवल बढ़ाता है बल्कि उन्हें खुशहाल मानव बनाकर उन्हें जिम्मेदारी, भागीदारी, ईमानदारी का पाठ भी सिखाएगा।
कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों में विचार विनिमय के माध्यम से स्पष्ट हुआ कि इंद्रियों की अपनी उपयोगिता है, उनके काम अपनी उपयोगिता को प्रमाणित करते हैं, संबंधों में सम्मान एवं स्वीकृति से जीवन आसान होता है, जीवन लक्ष्यों की समझ से तालमेल होता है और दीर्घकालिक खुशी मिलती है। इससे मानसिक तनाव नहीं होता, ईष्या की भावना नहीं उत्पन्न होती बल्कि कृतज्ञता का भाव पैदा होता है।
विशेषज्ञ, हैप्पीनेस कार्यक्रम श्रवण कुमार शुक्ल ने बताया कि सोशल इमोशन एंड एथिकल लर्निंग के नाम से यह पाठ्यक्त्रस्म अधिकांश देशों में प्रारम्भ हो चुका है। भारत में भी यह कई राज्यों में विभिन्न नामों से शुरुआती दौर में संचालित हो रहा है। उत्तर प्रदेश के परिवेश के मुताबिक इसे अनुभूति / हैप्पीनेस नाम से पाठ्यक्रम के विकास में सरकार प्रयत्नशील है।
छत्तीसगढ़ और दिल्ली के नक्शे कदम पर चलते हुए यूपी में भी प्राइमरी स्कूलों में खुशी पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारियां चल रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत विद्यार्थियों को प्रकृति, समाज और देश के प्रति और ज्यादा संवेदनशील बनाने के लिए लागू किया जाएगा।
खुशी पाठ्यक्रम के प्रदेश प्रभारी सौरभ मालवीय ने पीटीआई को बताया कि पाठ्यक्रम को यूपी की भौगोलिक और सांस्कृतिक स्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। सौरभ यहां राजकीय शिक्षण प्रबंधन और प्रशिक्षण संस्थान में छह दिवसीय वर्कशॉप में भाग लेने आए हुए है।
उन्होंने बताया कि खुशी पाठ्यक्रम कक्षा एक से आठ तक के बच्चों पढ़ाया जाएगा। इससे वे खुद से, अपने परिवार, समाज, प्रकृति और देश से जुड़ाव महसूस कर सकेंगे। इससे उन्हें अंतरसंबंध समझने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि छात्रों को ध्यान भी सिखाया जाएगा।
वर्कशॉप में ट्रेनर के तौर पर जुड़े श्रवण शुक्ला ने कहा कि अप्रैल 2022 से शुरू हो रहे अगले सत्र में खुशी पाठ्यक्रम लागू करने के हिसाब से तैयारियां हो रही हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में 1.30 लाख प्राइमरी स्कूल हैं, जिनमें सात लाख शिक्षक पढ़ाते हैं।
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