पुस्तकालयों में अब धूल नहीं फांकेगी PhD थीसिस, शोधगंगा पोर्टल पर देख सकते हैं ऑनलाइन
नई दिल्ली। अभी कुछ अरसा पहले तक पीएचडी थीसिस विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों में धूल फांका करती थी लेकिन अब यह लोगों के ज्ञान का स्रोत बन रही हैं।
एक बार पीएचडी मंजूर हो जाने के बाद किसी को पता नहीं होता था कि किस पीएचडी में क्या लिखा है। शोध कैसा है। लेकिन अब यूजीसी के प्रयासों से शोधगंगा पोर्टल पर 3.32 लाख पीएचडी थीसिस उपलब्ध हैं। कोई भी शोधकर्ता या पढ़ने का शौकीन इन्हें ऑनलाइन निशुल्क पढ़ सकता है। भविष्य में होने वाली हर पीएचडी को अब इस पर अपलोड करना अनिवार्य भी कर दिया है।
यूजीसी ने कुछ समय पूर्व सभी विश्वविद्यालयों और शोधकर्ताओं के लिए थीसिस को शोधगंगा वेबसाइट पर डालना अनिवार्य कर दिया था। दरअसल, यूजीसी ने एक वर्चुअल इनफार्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क की स्थापना की है जिसकी वेबसाइट शोधगंगा है। इस पर अब तक 3,32,242 पीएचडी थीसिस अपलोड हो चुकी हैं। ये पीएचडी विज्ञान से लेकर, सामाजिक विषयों एवं भाषाओं पर भी हैं। पीएचडी अंग्रेजी, हिन्दी समेत अनेक क्षेत्रीय भाषाओं में हैं।
No comments:
Write comments