UP: कड़ाके की ठंड के बीच 15 दिनों के लिए बंद होंगे प्राइमरी स्कूल, 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहेगी छुट्टी
यूपी के प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी, 2022 तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के टाइम एंड मोशन स्टडी के आदेश के तहत पहली बार शीतकालीन अवकाश दिया जा रहा है। इससे पहले जिलाधिकारी के आदेशों के तहत विभिन्न जिलों में स्कूलों में छुट्टी की जाती रही हैं। यह आदेश कक्षा एक से आठ तक पर लागू होगा। यह अवकाश गर्मियों की छुट्टियों में कटौती करके दिए जा रहे हैं।
14 अगस्त 2020 को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा था कि मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को प्राप्त किया जाना जरूरी है। शिक्षकों की ओर से कक्षा शिक्षण कार्यों व बच्चों के साथ सीखने व सिखाने में अधिक समय व्यतीत किया जाए। बेहतर शैक्षणिक वातावरण देने के लिए विद्यालयों के खुलने व बंद होने और ग्रीष्म के साथ ही शीतकालीन अवकाश का प्रविधान किया था। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह आठ से दो बजे तक व एक अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह नौ से तीन बजे तक स्कूल खोले जाएं। स्कूलों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन और 20 मई से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा।
बच्चों को स्कूल बुलाने को लेकर अभिभावकों की अनुमति जरूरी
ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए स्कूल किसी भी छात्र को आने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पहले अभिभावकों से सहमति लेनी होगी। शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसको लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के आदेश पर गाइडलाइन जारी की गई है। यूपी के सभी बोर्डों के स्कूलों पर यह गाइडलाइन लागू होगी।
परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों व डीआईओएस को इसे सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों को विकल्प के तौर पर ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करानी होगी। यदि स्कूल में किसी को भी जुकाम, बुखार आदि के लक्षण दिखते हैं तो उसे चिकित्सीय सलाह के साथ उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कोई भी आयोजन तब ही किया जाए जब उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सकता हो।
प्रार्थना सभा में भी नियम लागू हो
यदि स्कूल में प्रार्थना सभा कराई जा रही है या किसी तरह की खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधि हो रही है तो ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन कराया जाए। शिक्षकों व कर्मचारियों का टीकाकरण भी अनिवार्य रूप से कराया जाए। स्कूलों को रोज सेनेटाइज करना होगा। प्रवेश करते समय शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं की थर्मल स्कैनिंग की जाए। हैंडवॉश और हाथों को सेनेटाइज कराने की व्यवस्था गेट पर ही की जाए। स्कूल की छुट्टी के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। विद्यालय के अंदर भी कम से कम छह फीट की दूरी का पालन कराया जाए। स्कूली वाहनों को भी रोज सेनेटाइज कराया जाए। बसों आदि के अंदर भी शारीरिक दूरी तय की जाए।
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