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Sunday, January 2, 2022

निजी विश्वविद्यालय अब दूसरे जिलों में भी खोल सकेंगे कैंपस, यूपी सरकार ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

निजी विश्वविद्यालय खोल सकेंगे कैंपस, यूपी कैबिनेट ने दी मंजूरी

निजी विश्वविद्यालय अब दूसरे जिलों में भी खोल सकेंगे कैंपस, यूपी सरकार ने प्रस्ताव को दी मंजूरी



उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी विवि (स्थापना) नियमावली-2021 को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब निजी विश्वविद्यालय प्रदेश के दूसरे जिलों में भी कैंपस खोल सकेंगे।

उत्तर प्रदेश में संचालित निजी विश्वविद्यालय अब दूसरे जिले में भी अपने कैंपस खोल सकेंगे। प्रदेश सरकार ने उप्र. निजी विश्वविद्यालय (स्थापना) नियमावली 2021 को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूर दी है।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों की ओर से दूसरे जिलों ऑफ कैंपस संचालित करने की मंजूरी देने का प्रस्ताव दिया था। इसी को देखते हुए विश्वविद्यालय संचालन के पांच वर्ष की अवधि के बाद ही ऑफ कैंपस स्थापित करने की मंजूरी दी गई है।

ऑफ कैंपस के लिए शहरी क्षेत्र में 20 व ग्रामीण क्षेत्र में 50 एकड़ भूमि आवश्यक होगी। कैंपस का संचालन पुरानी शर्तों के अनुसार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इससे निजी विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी साथ ही जिन जिलों में विश्वविद्यालय नहीं है, वहां के विद्यार्थियों को जिलों में अब विश्वविद्यालय के कैंपस में पढ़ने का अवसर मिलेगा।


कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना) नियमावली 2021 और उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 10 सन् 1973) में संशोधन को यूपी कैबिनेट ने भी मंजूरी दी।


 इस संशोधन के जरिए निजी विश्वविद्यालयों को आफ कैम्पस खोलने की अनुमति मिल सकेगी। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (अनुदेशक और फोरमैन अनुदेशक) सेवा नियमावली 2021 को भी मंजूरी दी।


इस कदम से नई शिक्षा नीति-2020 की अपेक्षा के अनुरूप उच्च शिक्षण संस्थाओं की संख्या बढ़ेगी। शासन ने कुछ दिन पहले ही राज्य विश्वविद्यालयों को संघटक कालेज खोलने की अनुमति दी थी, अब उसी तर्ज पर यह केंद्र भी संचालित होंगे।


उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-12 वर्ष 2019) में तीन अहम संशोधन किए गए हैं। प्रथम संशोधन में निजी विश्वविद्यालयों को आफ-कैंपस केंद्र स्थापित करने की अनुमति मिली है, दूसरे में महाविद्यालयों के नाम मानक के अनुसार भूमि उपलब्ध होने पर निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की अनुमति प्रदान किया जाना है, जबकि तीसरे संशोधन में निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 के अधीन स्थापित या निगमित विश्वविद्यालयों की प्रथम परिनियमावलियां कार्यपरिषद की ओर से बनाया जाना शामिल है।


नई शिक्षा नीति-2020 में हर जिले में या उसके निकट न्यूनतम एक उच्च शिक्षण संस्थान की स्थापना करना, नामांकन दर में वृद्धि करना व उच्च शिक्षण संस्थाओं को संस्थागत स्वायत्तता देने के बिंदु शामिल हैं। संशोधित अधिनियम में व्यवस्था है कि महाविद्यालयों के नाम मानक के अनुसार भूमि उपलब्ध होने पर निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की अनुमति मिलेगी।


महाविद्यालय के नाम भूमि को विश्वविद्यालय की प्रायोजक संस्था की माना जाएगा। निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 के अधीन स्थापित अथवा निगमित विश्वविद्यालयों की प्रथम परिनियमावलियां कार्यपरिषद की ओर से बनाई जाएंगी। विश्वविद्यालय की ओर से बनायी गयी प्रथम परिनियमावलियों को राज्य सरकार की ओर से अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी, विश्वविद्यालयों को परिनियम बनाने में स्वायत्तता मिलेगी।

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