संपूर्णानंद विवि : शास्त्री की जगह अब मिलेगी बीए की डिग्री व पूर्व मध्यमा को हाईस्कूल व उत्तर मध्यमा को इंटरमीडिएट की उपाधि प्रदान की जाएगी
संपूर्णानंद में परीक्षा समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय शास्त्री उपाधि प्राप्त करने वाले अब बीए स्नातक कहे जाएंगे। विश्वविद्यालय ने शास्त्री उपाधि पर अब बीए भी अंकित करने का निर्णय लिया है। शास्त्री उपाधि धारकों को स्नातक कहा जाएगा। इसके साथ-साथ पूर्व मध्यमा को हाईस्कूल व उत्तर मध्यमा को इंटरमीडिएट की उपाधि प्रदान की जाएगी। शुक्रवार को परीक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा और शास्त्री की उपाधियों पर विचार विमर्श हुआ।
पूर्व मध्यमा को हाईस्कूल और उत्तर मध्यमा को इंटर की उपाधि
सेना में धर्म गुरु की परीक्षा से शास्त्री के छात्रों को वंचित किए जाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम उठाया है। इसके पूर्व आचार्य की उपाधि में एमए जोड़ा जा चुका है। इसके तक साथ ही जो विद्यार्थी सेना में धर्मगुरु के लिए समकक्षता का प्रमाणपत्र कुलसचिव मांग रहे हैं उनको विश्वविद्यालय प्रमाणपत्र भी प्रदान करेगा। कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि मेरे लिए संस्था और विद्यार्थियों का हित सर्वोपरि है।
संस्कृत के अभ्युदय से ही भारतीय संस्कृति का अभ्युदय संभव है। शास्त्री की उपाधि पर विवाद के बाद कुलपति ने गत दिनों रक्षा मंत्री डॉ. राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और इस समस्या का स्थायी निराकरण करने का अनुरोध किया था। इसके साथ ही सेना के प्रमुख, सेना मुख्यालय चयन बोर्ड को लिखित पत्र व ईमेल भी भेजा था। रक्षा मंत्री ने अप्रैल इसके स्थायी निराकरण की बात कही थी। इस दौरान डॉ. ओमप्रकाश, परीक्षा नियंत्रक अर्चना जौहरी, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. महेंद्र पांडेय, प्रो. रमेश प्रसाद, प्रो. हीरककान्ति चक्रवर्ती, डॉ. विजय कुमार पांडेय एवं विजय मणि त्रिपाठी रहे।
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