प्रबंध समितियां अब नहीं कर सकेंगी मदरसा शिक्षकों का उत्पीड़न, शासन ने अब प्रशासन योजना को मदरसा बोर्ड से अनुमोदित कराना किया अनिवार्य, आदेश जारी
★ सेवा नियमावली में कार्रवाई के खिलाफ अपील की व्यवस्था न होने का फायदा उठाता था प्रबंधन
★ शासन ने अब प्रशासन योजना को मदरसा बोर्ड से अनुमोदित कराना किया अनिवार्य, आदेश जारी
लखनऊ : मदरसा सेवा नियमावली की खामियों की आड़ में मदरसा प्रबंधन अब शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों का उत्पीड़न नहीं कर सकेंगे। इसके लिए शासन ने प्रशासन योजना संबंधी प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने का आदेश दिया है। अब मदरसा प्रबंधन को कर्मचारियों के निलंबन और बर्खास्तगी से पहले मदरसा बोर्ड से प्रशासन योजना को अनुमोदित कराना अनिवार्य होगा।
प्रदेश में मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त करीब 16460 मदरसे हैं। इनमें 558 मदरसे सरकार से सहायता प्राप्त हैं। से 9 से अनुदानित मदरसों में 9 हजार से ज्यादा शिक्षक हैं। लेकिन इन मदरसों के लिए बनी नियमावली 2016 ही शिक्षकों व कर्मियों के उत्पीड़न का कारण बन गई थी। इसमें दंड के खिलाफ अपील की कोई व्यवस्था न होने से प्रबंध समितियां मनमाने ढंग से निलंबन, वेतन वृद्धि रोकना अनिवार्य सेवानिवृत्ति जैसी कार्रवाई कर शोषण करती थीं। इस मुद्दे को अमर उजाला ने बीती 29 सितंबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद शासन ने सेवा नियमावली में उल्लिखित प्रशासन योजना संबंधी प्रावधानों को कड़ाई से लागू कराने का शासनादेश जारी किया है। विशेष सचिव जेपी से के प्रभावी सिंह की ओर से जारी इस आदेश होने से शिक्षकों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन व बर्खास्तगी व जैसी प्रबंधन की मनमर्जी रुकेगी।
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