देशभर के बच्चों के लिए समान पाठ्यक्रम लागू करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इन्कार
नई दिल्ली : शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के कुछ प्रविधानों को मनमाना और अतार्किक बताने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इन्कार कर दिया। याचिका में देशभर के बच्चों के लिए समान पाठ्यक्रम लागू करने की मांग भी की गई है।
जस्टिस एल. नागेश्वर राव व जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने याची के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय से कहा, 'आप हाई कोर्ट क्यों नहीं जाते ? आप संशोधन के 12 साल बाद आए हैं।' याचिका में कहा था कि आरटीई की धारा 1(4) व 1(5) संविधान की व्याख्या में सबसे बड़ी बाधा हैं और मातृभाषा में समान पाठ्यक्रम का न होना अज्ञानता को बढ़ावा देता है। याचिका के मुताबिक, समान शिक्षा प्रणाली लागू करना केंद्र सरकार का दायित्व है, लेकिन वह इस आवश्यक दायित्व को निभाने में विफल रही है क्योंकि उसने पहले से उपलब्ध 2005 के राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे (एनसीएफ) को अपना लिया है।
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