पॉलीटेक्निक संस्थानों को अब मिलेगी रैंकिंग
● कुल 1440 पॉलीटेक्निक प्रदेश में संचालित होते हैं ● प्रवेश और प्लेसमेंट का स्तर सुधारने की कवायद
लखनऊ : प्रदेश भर के राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान भी अब नम्बर एक, दो और तीन जैसी रैंकिंग प्राप्त कर सकेंगे। पॉलीटेक्निक संस्थानों की जल्द ही रैकिंग की जाएगी। इसके लिए विभाग रैकिंग फ्रेमवर्क तैयार करेगा। प्रदेश भर में राजकीय, अनुदानित और प्राइवेट सेक्टर के मिलाकर कुल 1440 पॉलीटेक्निक संचालित होते हैं।
एकेटीयू और अन्य संस्थानों की तरह अब पॉलीटेक्निक में भी संस्थानों में सुविधाओं, शिक्षण और प्लेसमेंट के मुताबिक अंक दिए जाएंगे। साथ ही पुराने ढर्रे पर चले आ रहे पाठ्यक्रम में बदलाव होगा।
बता दें कि नये पाठ्यक्रम शुरू होंगे। प्रवेश और प्लेसमेंट के स्तर को सुधारने के लिए नई रणनीतियां बनाई जाएंगी। संस्थान स्तर पर इसके लिए काम करने की आवश्यकता है। इसके तहत गुरुवार को प्रदेश के तमाम शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों समेत विभागीय अधिकारियों का ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन होगा।
शोध विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान निदेशक मनोज कुमार ने इसके लिए बुधवार को पत्र जारी किया है। दरअसल पॉलीटेक्निक संस्थानों की स्थिति बदतर होती जा रही है। शिक्षण संस्थानों में प्रवेश क्षमता भी घट रही है। राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों की जगह प्राइवेट संस्थानों की ओर छात्रों का रुझान बढ़ रहा है। उधर, पुराने कोर्स और बेकार मशीनरी से लैस लैब के सहारे राजकीय पॉलीटेक्निक में इन्नोवेशन दूर की कौड़ी बन हुआ है। आधुनिकीकरण और बदलाव की जरूरत है।
इसको लेकर गुरुवार को प्रधानाचार्य और विभागीय अधिकारियों संग योजना भवन में एक बैठक का आयोजन कर सभी की ब्रेन स्टॉर्मिंग की जाएगी। जिससे सभी को पूरी बात समझ आ जाए और इस दिशा में जल्द ही गंभीरता से सार्थक काम किया जा सके।
जानकारी के अनुसार इस मौके पर निदेशक संग प्राविधिक शिक्षा प्रिंसिपल सेक्रेट्री अमृत अभिजात, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर प्रो. जावेद मुसरर्त, बांदा राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रो. एसपी शुक्ला, एआईसीटीई एनआरओ अमित सालुंके समेत तमाम गणमान्य लोग मार्गदर्शन करेंगे।
No comments:
Write comments