सिर्फ प्रौढ़ ही नहीं अब सभी के लिए होगी शिक्षा, केंद्र ने प्रौढ़ शिक्षा योजना का किया विस्तार, अब चलेगा नव भारत साक्षरता कार्यक्रम
सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा के नाम से चल रही योजना को विस्तार दिया है। इसमें अब 15 साल की उम्र के ऊपर के सभी लोगों को शिक्षा दी जाएगी। यही नहीं सरकार ने योजना का नाम भी प्रौढ़ शिक्षा से बदलकर अब नव भारत साक्षरता कार्यक्रम कर दिया है।
नई दिल्ली । साक्षरता के शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा के नाम से चल रही योजना को विस्तार दिया है। इसमें अब 15 साल की उम्र के ऊपर के सभी लोगों को शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही योजना का नाम भी प्रौढ़ शिक्षा से बदलकर अब नव भारत साक्षरता कार्यक्रम कर दिया है। इस पूरी योजना पर अगले पांच वर्षों में करीब 1038 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
माना जा रहा है कि सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा के सभी पहलुओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और 2021-22 की बजटीय घोषणाओं से जोड़ते हुए यह कदम उठाया है। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (Nav Bharat Saksharta Karyakram) को साल 2022 से 2027 तक के लिए मंजूरी दी गई है।
इनमें केंद्र का 700 करोड़ जबकि राज्य का हिस्सा करीब 338 करोड़ होगा। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को मंजूरी मिलने के बाद इस योजना में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस दौरान प्रस्तावित राशि 2022 से 2027 तक खर्च की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने इसके साथ ही इस पूरी मुहिम में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को भी प्रमुखता से शामिल करने का फैसला लिया है।
इस दौरान इस मुहिम में डिजिटल और आनलाइन माध्यम से शुरू हुई शिक्षा की भी मदद ली जाएगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन पांच वर्षों में पांच करोड़ छात्रों को बुनियादी शिक्षा और अंक का ज्ञान प्रदान किया जाएगा। सरकार ने हर साल एक करोड़ लोगों को इस कार्यक्रम के जरिए साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत कुल 1037.90 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
वित्त मंत्रालय ने बीते दिनों केंद्र प्रायोजित इस नई योजना से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नव भारत साक्षरता अभियान एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2027 तक लागू किया जायेगा। नए प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के पांच आयाम हैं जिनमें बुनियादी अंक ज्ञान, साक्षरता के साथ ही महत्वपूर्ण जीवन कौशल से जुड़ा ज्ञान दिया जाना शामिल हैं। इसमें व्यावसायिक कौशल विकास के साथ ही बुनियादी शिक्षा को भी शामिल किया गया है।
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